3500 करोड़ रुपये की ‘म्याऊं-म्याऊं’ ड्रग्स जब्त, दिल्ली और पुणे में बड़ी छापेमारी

पुणे, एजेंसी: पुणे पुलिस ने दिल्ली और पुणे में छापेमारी कर 1,700 किलोग्राम मेफेड्रोन ड्रग्स जब्त की है। इसकी कीमत करीब 3,000 करोड़ रुपये से 3,500 करोड़ रुपये के बीच बताई जा रही है। स्थानीय भाषा में मेफेड्रोन को म्याऊं म्याऊं भी कहते हैं। महाराष्ट्र में पुणे पुलिस का यह अब तक का सबसे बड़ा ड्रग भंडाफोड़ है और भारत में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई में से एक है।
एक कूरियर कंपनी का नाम सामने आया
पुणे सिटी पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने बुधवार को बताया कि पुणे में कई जगहों से लगभग 720 किलोग्राम ड्रग्स बरामद किया गया है। दिल्ली में लगभग 970 किलोग्राम ड्रग्स मिला है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में हुई बरामदगी में एक कूरियर कंपनी का नाम सामने आया है, जो फूड पैकेट में ड्रग्स सप्लाई करती थी। कुछ कूरियर लंदन भेजे गए थे। उन्होंने कहा कि इस कूरियर कंपनी के एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया है। इस मामले में अब तक आठ आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है।
पिछले तीन दिन से कार्रवाई जारी
पुणे पुलिस ने बताया कि पिछले तीन दिन से कार्रवाई जारी है। पुलिस ने मंगलवार को पुणे के भैरवनगर और विश्रांतवाड़ी इलाकों में छापेमारी की, इस दौरान तीन ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया था। पुणे के एक गोदाम में नशीली दवाओं की तस्करी का काम किया जा रहा था। मेफेड्रोन की एक और बड़ी खेप पुणे के कुरकुंभ एमआइडीसी इलाके में भी रखी गई थी। पुलिस ने यहां से ड्रग्स और कच्चा माल जब्त किया। ड्रग तस्करों से पूछताछ के बाद पुणे पुलिस की एक टीम ने दक्षिण दिल्ली के दो गोदामों में छापेमारी कर 970 किलोग्राम ड्रग्स बरामद की।
ड्रग तस्कर ललित पाटिल से आरोपितों के जुड़े होने का शक
आशंका है कि ड्रग्स को कुरकुंभ एमआइडीसी से नई दिल्ली ले जाया जा रहा था। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली और पुणे आपरेशन के अलावा एक और आपरेशन महाराष्ट्र के सांगली में चल रहा है, जहां कुछ मात्रा में ड्रग्स जब्त किया गया है।
पुणे पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपितों पर नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक पदार्थ अधिनियम(एनडीपीएस एक्ट) की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस को कुख्यात ड्रग तस्कर ललित पाटिल से आरोपितों के जुड़े होने का शक है। मामले में पाटिल की संलिप्तता को लेकर भी जांच जारी है। इस पूरे आपरेशन में पुणे पुलिस की कई टीमों को देश के विभिन्न हिस्सों में तैनात किया गया है।