Kisan Andolan: किसान नेता गुरनाम सहारण की अगुवाई में किसानों ने हाईवे पर किया ट्रैक्टर मार्च

नरेन्द्र सहारण, कैथल। भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) और संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) संगठन ने 26 मार्च को ट्रैक्टर मार्च का ऐलान किया है। किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सुनिश्चित करने की लगातार मांग कर रहे हैं। इस दौरान किसान नेता गुरनाम सिंह सहारण ने कहा कि किसानों की कुछ प्रमुख मांगे हैं। WTO के खिलाफ एमएसपी गारंटी कानून, किसान मजदूर कर्जमुक्ति लखीमपुर खीरी के कातिलों के खिलाफ केस दर्ज करने व मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर जेल भेजा जाए, बिजली बिल 2023 वापिस लिया जाए, हिट एंड रन कानून वापिस लिया जाए, 10000 बुढ़ापा पेंशन, 26000 रुपए कच्चे कर्मचारियों की नौकरी की जाए, मनरेगा मजदूरों को 200 दिन काम 600 रुपए प्रतिदिन मजदूरी मनरेगा को कृषि के साथ जोड़ा जाए। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर पूरे भारत में ट्रैक्टर सड़कों पर खड़े हैं। कैथल जिले के गांव सिमला बिधड़ाना से कलायत वर्मा पैलेस से अनाज मंडी कलायत से कैंची चौक से बाईपास स्थित किसान चौक कलायत पर ट्रैक्टर मार्च किया गया।
नेशनल हाईवे पर एक साइड खुली रही
सोमवार को कलायत में भाकियू के नेतृत्व में कार्यकर्ता ट्रैक्टर लेकर नेशनल हाईवे पर ट्रैक्टर के साथ निकले। हालांकि इस दौरान एक साइड खुली रही है। एक साइड पर किसान ट्रैक्टर लेकर दिल्ली की तरफ मुंह कर खड़े रहेंगे। किसानों का ये प्रदर्शन सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक जारी रहा।
किसान नेता गुरनाम सहारण ने बताई आंदोलन की रणनीति
गुरनाम सहारण ने इस आंदोलन को लेकर कहा कि आज नेशनल हाईवे पर दिल्ली की तरफ को मुंह करके ट्रैक्टर खड़े रहेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा की कॉल है, जो भी संगठन इसमें शामिल है, जो संगठन नहीं भी शामिल हैं, वो इसे मानते है। यह प्रदर्शन पूरे देश में होगा। उत्तराखंड, हरियाणा, उत्तर प्रदेश समेत सभी जगह प्रदर्शन होगा। हाईवे पर हम एक साइड में ट्रैक्टर रखेंगे, दूसरी साइड खुली छोड़ देंगे। जहा भीड़ भाड़ वाला इलाका होगा, वहां पुलिस प्रशासन का सहयोग करेंगे। जहां हाईवे नहीं है वहां सड़कों पर प्रदर्शन होगा।
इस सरकार को उद्योगपति चला रहे हैं
गुरनाम सहारण ने आरोप लगाया कि इस सरकार को उद्योगपति चला रहे हैं। बड़े व्यापारियों को भी लूट का सामान चाहिए। चंडीगढ़ मीटिंग को लेकर सहारण ने कहा कि यहां एमकेएम की बैठक हुई। उसमें भी यही बातें हुई हैं। 14 मार्च को दिल्ली में फिर से मीटिंग होनी है। पंजाब सरकार द्वारा आंदोलनकारी किसानों का सहयोग करने के सवाल पर राकेश टिकैत ने कहा कि पंजाब के किसानों की कोई सरकार सपोर्ट नहीं कर रही। उन्हें तो हरियाणा की भी पुलिस परेशान कर रही है और पंजाब पुलिस भी परेशान कर रही है।
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