Haryana: अन्तरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के प्रबंधन एवं विनिमयन के लिए मनोहर सरकार ने गठित किया प्राधिकरण, पारित किया विधेयक

 

 

नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़। युवाओं में आदर्श सद्गुण उत्पन्न करने के लिए हरियाणा विधान सभा में कल हरियाणा अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती मेला प्राधिकरण विधेयक, 2024 पारित किया गया। भारतीय परम्परा के अनुसार, भगवान श्री कृष्ण ने कुरुक्षेत्र में महाभारत के युद्ध क्षेत्र में अर्जुन को श्रीमद्भगवद् गीता का शाश्वत सन्देश दिया था। यह प्रसंग कलयुग के शुरू होने से लगभग 36 वर्ष पहले घटित हुआ माना जाता है। तदानुसार, 5160 वर्ष पूर्व भगवान श्रीकृष्ण द्वारा श्रीमद्भगवद् गीता का सन्देश दिया गया था। हिन्दू कैलेन्डर के अनुसार गीता जयन्ती मार्गशीर्ष माह के शुक्लपक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है जो कि कभी नवम्बर अथवा कभी दिसम्बर मास में आती है।

1968 में कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड का गठन किया गया

 

कुरुक्षेत्र की पुरानी विरासत तथा परम्परा को बचाने के लिए हरियाणा सरकार द्वारा पहली अगस्त 1968 को कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड का गठन किया गया था। कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड द्वारा वर्ष 1989 से कुरुक्षेत्र में गीता जयन्ती महोत्सव मनाया जा रहा है। हरियाणा सरकार द्वारा कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के सौजन्य से श्रीमद्भगवद् गीता का महोत्सव वर्ष 2016 से अन्तरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है। इस महोत्सव द्वारा शाश्वत शांति सन्देश, सद्भाव एवं भाईचारा जो श्रीमद् भगवद् गीता में विद्यमान है, को पूरे ब्रह्माण्ड में साझा करने का उद्देश्य है।

कुरुक्षेत्र में 18 दिन तक मनाया जाता है यह महोत्सव

 

यह महोत्सव कुरुक्षेत्र, जिसको धर्मक्षेत्र या धार्मिक भूमि भी कहा जाता है, में 18 दिन तक मनाया जाता है। यह महोत्सव कुरुक्षेत्र की भूमि से जुड़ी महान सांस्कृतिक, धार्मिक, ऐतिहासिक एवं आध्यात्मिक परम्पराओं को दर्शाने का मौका देता है। कुरुक्षेत्र के अतिरिक्त पूरे हरियाणा राज्य में भी यह महोत्सव तीन दिन के लिए मनाया जाता है। यह महोत्सव भारत से बाहर जैसेकि मारीशस (फरवरी, 2019), युनाइटेड किंगडम (अगस्त, 2019), कनाडा (2022) तथा आस्ट्रेलिया (2023) में भी आयोजित किया गया है। ऑस्ट्रेलिया में आयोजित हुए अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में राज्य के गृहमंत्री अनिल विज ने शिरकत की और अपना शुभ संदेश भी दिया था। इस महोत्सव की अवधि के दौरान देश एवं विदेश से बड़ी संख्या में लोग व श्रद्धालु अपने आप को स्थानीय लोगों के साथ उत्साहपूर्वक सम्मिलित करते हैं।

प्राधिकरण का गठन करने की आवश्यकता

 

वर्तमान में गीता जयंती महोत्सव को आयोजित करने के लिए राज्य में कोई स्वतन्त्र प्राधिकरण/निकाय नहीं है। राज्य सरकार महसूस करती है कि अन्तरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के प्रबन्धन एवं विनिमयन के लिए एक प्रभावी प्राधिकरण का गठन करने की आवश्यकता है, जिससे अन्तरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन ठीक एवं सही तरीके से हो सके तथा तीर्थयात्रियों एवं श्रद्धालुओं को महोत्सव के दौरान बेहतर सुविधाएं प्रदान की जा सकें। प्राधिकरण का मुख्य कार्य श्रीमद् भगवद् गीता की शिक्षा को प्रसारित करना एवं लोकप्रिय बनाना तथा साथ ही सांस्कृतिक, शैक्षिक सेमिनार, कार्यशालायें, मेले, प्रदर्शनियां एवं सम्मेलनों का आयोजन करना होगा। यह श्रद्धालुओं व तीर्थयात्रियों को सभी आवश्यक सेवाएं मुहैया करवाएगा और इसके पास जनहित में इस प्रस्तावित विधेयक में वर्णित सभी शक्तियां एवं कर्तव्य होंगे।

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