जम्मू कश्मीर में कब तक होंगे विधानसभा चुनाव, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने दिया जवाब

जम्मू, BNM News : जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि सितंबर से पहले जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने के सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों का पूरी तरह से पालन होगा। यह निर्वाचन आयोग को तय करना है कि चुनाव कब करवाए जाएं। हालांकि चुनाव के लिए जम्मू कश्मीर प्रशासन पूरी तरह से तैयार है। रविवार को उपराज्यपाल निजी चैनल के साथ बातचीत कर रहे थे।
नई मतदाता सूचियों के आधार पर चुनाव होने हैं
उपराज्यपाल ने कहा कि 12 मार्च को निर्वाचन आयोग की टीम जम्मू कश्मीर दौरे पर आ रही है। टीम को यहां की स्थिति की जानकारी दी जाएगी। संसदीय चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव भी हों या फिर बाद में यह निर्चाचन आयोग को तय करना है। जो लोग यह आरोप लगाते हैं कि जम्मू कश्मीर में स्थिति में सुधार आने के बाद चुनाव क्यों नहीं करवाए जा रहे हैं, उन्हें यह समझना होगा कि पांच अगस्त 2019 को गृहमंत्री ने संसद में कहा था कि पहले सात सीटें बढ़ाई जाएंगी, नए सिरे से परिसीमन होगा। अब सीटें बढ़ा दी गई हैं और परिसीमन भी हो चुका है। विधानसभा चुनाव 2018 की मतदाता सूचियों पर नहीं करवाए जा सकते थे। कई नए मतदाता बने हैं। नई मतदाता सूचियों के आधार पर चुनाव होने हैं। अब चुनाव की तिथि निर्वाचन आयोग को तय करनी है।
सरकारी तंत्र के उपयोग के आरोप खारिज
उपराज्यपाल ने कुछ दिन पहले श्रीनगर में हुई प्रधानमंत्री की रैली में भीड़ जुटाने के लिए सरकारी तंत्र के उपयोग के आरोपों पर कहा कि यह प्रधानमंत्री का सरकारी कार्यक्रम था। लोग स्वयं सुनने के लिए आना चाहते थे। यह पहली बार था कि किसी प्रधानमंत्री को सुनने कश्मीर के लोगों में इतना उत्साह था। कश्मीर में भाजपा का अन्य दलों से गठजोड़ पर उपराज्यपाल ने कहा कि इसमें उनका कोई लेना देना नहीं है। वह संवैधानिक पद पर बैठे हैं। उनका काम निर्वाचन आयोग के निर्देशों पर निष्पक्ष चुनाव करवाना है। वह यह आश्वासन देना चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव होंगे। उन्होंने कहा कि कश्मीर में जो लोग रहते हैं वे सब देश के नागरिक हैं। वे किस धर्म के हैं किसी को लेना नहीं है। वे एक ऐसे प्रधानमंत्री की रैली में आए जिसने कश्मीर में नई आकांक्षा पैदा की है। यह वे कश्मीर है जहां पर कई बेकसूर लोगों की जानें गई है। अब विकास हो रहा है।
अर्थव्यवस्था को तेजी से बढ़ाना उनकी प्राथमिकता
उपराज्यपाल ने कहा कि कुछ वर्ष में बिजली, स्वास्थ्य, सड़क हर क्षेत्र में काम हुआ है। जब जी 20 सम्मेलन हुआ था तो स्थानीय लोगों का कहना था कि इतनला खूबसूरत कश्मीर 35 वर्ष में पहली बार देखा। 70 वर्ष में जम्मू कश्मीर में 3500 मेगावाट बिजली बनती थी। आने वाले दो से तीन वर्ष में बिजली क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन जाएगा। 70 वर्ष में मात्र 14 हजार करोड़ निवेश हुआ लेकिन अब 90 हजार करोड़ के निवेश के प्रस्ताव आए हैं। सभी को जमीनी स्तर पर उतारा जाएगा। प्रशासन में पारदर्शिता के लिए 1120 सेवाओं को आनलाइन किया है जो देश में सबसे अधिक है। जब से वह उपराज्यपाल बने हें यहां के लोगों का विश्वास हासिल करने में सफल रहे हैं। अब जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था को तेजी से बढ़ाना उनकी प्राथमिकता पर है।
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