अब हरियाणा भाजपा को नये अध्यक्ष की तलाश, इन नामों पर हो रही चर्चा

नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़। हरियाणा भाजपा के प्रधान तथा कुरुक्षेत्र के सांसद नायब सिंह सैनी के मुख्यमंत्री बनने के बाद अब भाजपा में नए प्रदेशाध्यक्ष को लेकर भी चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। सैनी के मुख्यमंत्री बनने के बाद प्रदेश भाजपा को नया प्रधान मिलना लगभग तय है। प्रदेश की राजनीति में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी एक व्यक्ति के पास राजनीतिक दल में तीन महत्वपूर्ण पद रहे हों। नायब सिंह सैनी इस समय कुरुक्षेत्र से सांसद हैं। उनका कार्यकाल अभी समाप्त नहीं हुआ है। इस बीच पार्टी ने पिछले साल 27 अक्टूबर को उन्हें भाजपा हरियाणा का प्रदेशाध्यक्ष बनाया। इस पद पर काम करते हुए उन्हें छह माह पूरे भी नहीं हुए थे कि उन्हें मुख्यमंत्री का दायित्व मिला है। एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत को लेकर चलने वाली भाजपा के नये प्रदेशाध्यक्ष को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं।
मनोहर लाल की अहम भूमिका
इतना तय है कि नये मुख्यमंत्री की तरह ही प्रदेशाध्यक्ष के चयन में भी पूर्व सीएम मनोहर लाल की अहम भूमिका होगी। भाजपा ने नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री भी मनोहर लाल की पसंद से ही बनाया है। नायब सिंह सैनी से पहले पूर्व कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष थे। सैनी के मुख्यमंत्री बनने के बाद यह भी लगभग तय माना जा रहा है कि पार्टी की कमान भी राज्य में किसी गैर-जाट चेहरे को ही सौंपी जाएगी। करनाल से सांसद संजय भाटिया का नाम नये प्रधान के लिए चल रहा है। मुख्यमंत्री चूंकि पंजाबी समुदाय से थे, ऐसे में भाजपा पंजाबी चेहरे को प्रदेशाध्यक्ष बनाकर इस कमी को पूरा कर सकती है।
संजय भाटिया मनोहर लाल की पहली पसंद
संजय भाटिया की गिनती भी मनोहर लाल के नजदीकी लोगों में होती है। इतना ही नहीं, अगर मनोहर लाल की जगह किसी पंजाबी को ही मुख्यमंत्री बनाया जाता तो उस स्थिति में भी संजय भाटिया मनोहर लाल की पहली पसंद होते। ऐसे में अब संजय भाटिया के प्रदेशाध्यक्ष बनने की संभावनाएं बढ़ गई हैं। भाजपा से जुड़े नेताओं का यह भी मानना है कि पार्टी नये प्रधान के तौर पर किसी अनुसूचित जाति के अथवा ब्राह्मण नेता पर भी दाव लगा सकती है। ब्राह्मण नेताओं में सबसे मजबूत नाम सीएम के पूर्व राजनीतिक सचिव अजय गौड़ का लिया जा रहा है। एक लाबी ऐसी भी है, जो अब जाट चेहरे को फिर से प्रदेशाध्यक्ष बनाए जाने की वकालत कर सकती है। लेकिन भाजपा ने जिस तरह से सबसे एक्टिव रहने वाले ओमप्रकाश धनखड़ को एकाएक बदला था, उससे इस बात कम कम ही उम्मीद है। गैर-जाट चेहरे को ही राज्य में पार्टी की कमान सौंपने की प्रबल संभावना है।
लोकसभा चुनावों में रहेगी अध्यक्ष की अहम भूमिका
लोकसभा चुनावों की घोषणा कभी भी हो सकती है, ऐसे में प्रदेशाध्यक्ष की अहम भूमिका रहेगी। पूर्व सीएम मनोहर लाल को चूंकि केंद्र से प्रदेश में लोकसभा की सभी दस सीटों पर फिर से कमल खिलाने का टास्क मिला हुआ है। ऐसे में पार्टी प्रदेशाध्यक्ष का फैसला करने से पूर्व उनकी सलाह जरूर लेगी। संघ पृष्ठभूमि के किसी पार्टी नेता पर भाजपा दांव खेल सकती है। अनुसूचित जाति से सीएम के पूर्व राजनीतिक सचिव कृष्ण कुमार बेदी तथा ब्राह्मण वर्ग से सीएम के पूर्व राजनीतिक सचिव अजय गौड़ को भी प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। अजय गौड़ का नाम प्रदेश अध्यक्ष के लिए तब भी चला था, जब नायब सिंह सैनी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था।
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