अरुणाचल प्रदेश में बीजेपी की जीत पक्की? सीएम संगमा के ऐलान के बाद कुछ इस तरह बदल गया लोकसभा चुनाव का गणित
BNM News: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपने लिए 370 से ज्यादा और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के लिए 400 प्लस सीटों का टारगेट रखा है. इस टारगेट को हासिल करने के लिए बीजेपी पूरे जोर शोर से लगी हुई है. उधर, विपक्ष की पार्टियां बीजेपी के 10 साल वाले विजयरथ को रोकने की कोशिशों में लगी हुई हैं.
इस बीच मेघालय के मुख्यमंत्री और नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) के अध्यक्ष ने घोषणा की वो लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार का साथ देगी और लोकसभा चुनाव 2024 में अपनी पार्टी से कोई उम्मीदवार नहीं उतारेगी. हालांकि अरुणाचल प्रदेश विधानसभा में एनपीपी के समर्थन के साथ बीजेपी ने सरकार बनाई है.
देश के पूर्वोत्तर राज्यों में शामिल अरुणाचल प्रदेश की सीमा चीन से भी लगती है. हाल फिलहाल में पीएम मोदी ने कई परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन भी किया. सेला सुरंग का उद्घाटन और राज्य में चीन की सीमा से लगे इलाकों में सड़कों के विस्तार के लिए कई हजार करोड़ रुपये की मंजूरी ड्रैगन को डराने के लिए काफी है.
अरुणाचल प्रदेश का लोकसभा का गणित
अरुणाचल प्रदेश में अगर लोकसभा सीटों की बात की जाए तो सिर्फ दो सीटें हैं, जिनमें अरुणाचल प्रदेश पूर्व और अरुणाचल प्रदेश पश्चिम ये दोनों ही सीटें बीजेपी के खाते में गई हैं. जहां अरुणाचल ईस्ट से तापिर गाओ सांसद हैं और अरुणाचल वेस्ट से किरेन रिजिजू. पिछले लोकसभा चुनाव में तापिर गाओ को 52.38 प्रतिशत वोट मिले जबकि केंद्र सरकार में मंत्री किरेन रिजिजू को 63.67 प्रतिशत.
हालांकि कोनराड संगमा की एनपीपी ने लोकसभा चुनाव 2019 में भी कोई उम्मीदवार नहीं उतारा था. दोनों ही उम्मीदवार बीजेपी के थे. इसी तरह लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भी बीजेपी ने इन्ही उम्मीदवारों को उतारा है और एनपीपी मुखिया ने इस बार भी ऐलान कर दिया कि वो अपनी पार्टी का कोई उम्मीदवार नहीं उतारेगी.
अरुणाचल प्रदेश का विधानसभा का गणित
वहीं, अरुणाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव की अगर बात की जाए तो सीएम संगमा ने इसके बारे में कोई कोई घोषणा नहीं की है. पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल प्रदेश में कुल 60 विधानसभा सीटें हैं जिसमें से पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 41 सीटें जीतीं और एनपीपी को 5 सीटें मिली थीं. वहीं जेडीयू ने 7 सीटें, कांग्रेस को 4 तो पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल को 1 और दो निर्दलीय उम्मीदवारों ने चुनाव जीता था. खास बात ये है कि बिहार में जनता दल यूनाइटेड से गठबंधन के बाद जेडीयू की 7 सीटें एनडीए गठबंधन के खाते में पहुंच गईं.
इस तरह अगर देखा जाए तो बीजेपी, एनपीपी और जेडीयू मिलकर अगर विधानसभा चुनाव लड़ती हैं तो ऊपर के गणित हिसाब से एक बार फिर एनडीए सरकार बनने की संभावना दिख रही है.
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