सिद्धू मूसेवाला की मां के आइवीएफ मामले में पंजाब के स्वास्थ्य सचिव पर लटकी तलवार, जानें क्या है मामला

नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़। दिवंगत गायक सिद्धू मूसेवाला (Sidhu Moosewala) की 58 वर्षीय मां चरण कौर (Charan Kaur) के आइवीएफ तकनीक से बच्चे को जन्म देने के मामले में पंजाब के स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव अजाय शर्मा (Ajay Sharma)की परेशानी बढ़ गई है। आरोप है कि उन्होंने इस संबंध में केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग की ओर से मांगी गई रिपोर्ट की जानकारी विभागीय मंत्री और मुख्यमंत्री को नहीं दी। इस पर राज्य सरकार ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब मांगा है। खास बात यह है कि इससे पहले भी अजाय शर्मा को स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव रहते हुए विज्ञापन जारी न करने के लेकर विभाग से हटा दिया था और उन्हें चार महीने तक पोस्टिंग नहीं दी गई थी।

बलकौर सिंह ने पंजाब सरकार पर बोला था हमला

 

बता दें कि सिद्धू मूसेवाला की 29 मई, 2022 को मानसा में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। दो दिन पहले सिद्धू मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह (Balkaur Singh) ने इंटरनेट मीडिया पर लाइव होकर मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Man) पर आरोप लगाया था कि उनकी पत्नी का अभी इलाज भी पूरा नहीं हुआ है और सरकार ने उन्हें परेशान करने के लिए तरह-तरह की रिपोर्टें मांग रही है। उन्होंने सरकार को चुनौती भी दी थी कि अगर मुख्यमंत्री को लगता है कि उन्होंने कोई गलत काम किया है तो उन पर केस दर्ज करें, वह इसका सामना करेंगे। इंटरनेट मीडिया पर बलकौर के इस वीडियो ने सरकार की काफी फजीहत कराई। बाद में पता चला है कि यह रिपोर्ट पंजाब सरकार ने नहीं बल्कि केंद्र सरकार ने मंगवाई थी और उसके पत्र पर ही स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव अजाय शर्मा ने अपने अधीनस्थ अधिकारियों से संबंधित अस्पताल से रिपोर्ट लेने को कहा था। इस बात का पता चलते ही बलकौर सिंह ने इंटरनेट मीडिया पर अपना वीडियो वायरल कर सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया। इसी फजीहत के चलते पंजाब सरकार ने अजाय शर्मा को कारण बताओ नोटिस जारी करके जवाब मांगा है।

नोटिस में यह लिखा

 

रूल्स आफ बिजनेस 1992 के अनुसार आपको इस गंभीर मामले पर कोई भी कार्रवाई करने से पहले अपने विभागीय मंत्री डा. बलबीर सिंह और मुख्यमंत्री भगवंत मान के संज्ञान में लाना चाहिए था। आपने दोनों से कोई भी चर्चा किए बिना कार्यवाही शुरू कर दी। यह आपकी ओर से गंभीर लापरवाही बरती गई है। इसलिए आल इंडिया आइएएस सर्विस रूल्स (अनुशासन व अपील 1969) के अनुसार आप पर कार्रवाई क्यों न की जाए।

केंद्र ने इस कारण मांगी थी रिपोर्ट

 

भारत में वर्ष 2021 में पारित सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी (विनियमन) अधिनियम, 2021 के अनुसार महिलाओं को 21 से 50 वर्ष की उम्र तक आइवीएफ ट्रीटमेंट से मां बनने की अनुमति है, जबकि पुरुष 55 साल तक इस तकनीक से पिता बन सकते हैं। मूसेवाला की 58 वर्षीय मां चरण कौर ने विदेश में आइवीएफ के जरिए गर्भधारण किया। वहां पर उपचार के बाद भारत में आकर उन्होंने बठिंडा के निजी अस्पताल में 17 मार्च को बच्चे को जन्म दिया। इसकी जानकारी बलकौर सिंह ने खुद अपने इंटरनेट मीडिया अकाउंट पर दी थी। चरण कौर की उम्र 50 से ज्यादा होने के कारण केंद्र सरकार ने रिपोर्ट मांगी थी।

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