Holika Dahan 2024: होलिका दहन पर भद्रा का अशुभ साया कब से कब तक? जानें शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

नई दिल्ली, बीएनएम न्यूजः Holika Dahan 2024 Date and Timings Holika Dahan Puja Vidhi: होली का त्‍योहार दो दिन का होता है। पहले दिन पूर्णिमा की रात को होली जलाई जाती है और अगले दिन दुल्‍हेंडी के दिन होली का रंग खेला जाता है। होलिका दहन से पहले उसकी पूजा की जाती है। मान्‍यता है कि होलिका दहन के वक्‍त विधिवत पूजा अर्चना करने से आपको शुभ फलों की प्राप्ति होती है और आपके परिवार के लोगों की हर बुरी नजर से रक्षा होती है। आज हम आपको बता रहे हैं कि होलिका दहन की पूजा में क्‍या सामग्री की आवश्‍यकता होती है और होलिका दहन की पूजाविधि।

होलिका दहन तिथि (Holika Dahan Date)

फाल्गुन पूर्णिमा को होलिका दहन और इसके अगले दिन होली मनाई जाती है। इस साल फाल्गुन पूर्णिमा तिथि 24 मार्च को सुबह 09 बजकर 54 मिनट से शुरू होगी। वहीं इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 25 मार्च को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर होगा।

होलिका दहन पर भद्रा कब से कब तक?

24 मार्च को होलिका दहन के दिन भद्रा का साया सुबह 9 बजकर 24 मिनट से लेकर रात 10 बजकर 27 मिनट तक रहेगा। इसलिए आप रात 10 बजकर 27 मिनट के बाद ही होलिका दहन कर पाएंगे।

होलिका दहन मुहूर्त (Holika Dahan Muhurt)

24 मार्च को होलिका दहन है। इस दिन होलिका दहन के लिए शुभ मुहूर्त देर रात 11 बजकर 13 मिनट से लेकर 12 बजकर 27 मिनट तक है। ऐसे में होलिका दहन के लिए आपको कुल 1 घंटे 14 मिनट का समय मिलेगा।

कब है होली 2024? (Holi 2024 kab hai)

होलिका के अगले दिन होली मनाई जाती है, इसलिए इस साल 25 मार्च को होली है। इस दिन देशभर में धूमधाम से होली मनाई जाएगी।

होलिका दहन की पूजा सामग्री ( Holika Dahan puja material0)

होलिका दहन की पूजा सामग्री में कुछ वस्‍तुओं का होना बहुत जरूरी माना जाता है। इस होली की पूजा में घर की बनी गुजिया जरूर अर्पित करनी चाहिए। होलिका दहन की पूजा सामग्री में कच्चा सूती धागा, नारियल, गुलाल पाउडर, रोली, अक्षत, धूप, फूल, गाय के गोबर से बनी गुलरी, बताशे, नया अनाज, मूंग की साबुत दाल, हल्दी का टुकड़ा और एक कटोरी पानी लें। सभी वस्‍तुओं को एक थाली में सजाकर पूरे परिवार के साथ जाकर होलिका मइया की पूजा करें।

होलिका दहन पूजा की विधि (Holika Dahan Puja Vidhi)

    • होलिका दहन की पूजा करने के लिए सबसे पहले स्नान करना जरूरी है।
    • स्नान के बाद होलिका की पूजा वाले स्थान पर उत्तर या पूरब दिशा की ओर मुंह करके बैठ जाएं।
    • पूजा करने के लिए गाय के गोबर से होलिका और प्रहलाद की प्रतिमा बनाएं।
    • वहीं पूजा की सामग्री के लिए रोली, फूल, फूलों की माला, कच्चा सूत, गुड़, साबुत हल्दी,.मूंग, बताशे, गुलाल नारियल, 5 से 7 तरह के अनाज और एक लोटे में पानी रख लें।
    • इसके बाद इन सभी पूजन सामग्री के साथ पूरे विधि-विधान से पूजा करें। मिठाइयां और फल चढ़ाएं।
    • होलिका की पूजा के साथ ही भगवान नरसिंह की भी विधि-विधान से पूजा करें और फिर होलिका के चारों ओर सात बार परिक्रमा करें।

होलिका दहन पर क्या न करें? (Holika Dahan 2024 Dos)

होलिका दहन में सूखी लकड़ियां या झाड़ जलाने की परंपरा होती है। इसमें आम, वट और पीपल की लकड़ी जलाने से बचना चाहिए। इन तीनों पेड़ों की नई कोपलें फाल्गुन में ही निकलती हैं, इसलिए इनकी लकड़ियां नहीं जलाई जाती हैं। आप गूलर या अरंड के पेड़ की लकड़ी का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा, इस दिन मांसाहार या तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। झगड़ा, विवाद, क्रोध, झूठ या किसी का अपमान करने से बचें।

होलिका दहन में क्या करें? (Holika Dahan 2024 Donts)

होलिका दहन से होलिका मैय्या को जल अर्पित करें। विधिवत पूजन के बाद होलिका दहन करें। होलिका दहन की अग्नि में गेंहू की बालियां, गोबर के उपले और काले तिल डालें। इस अग्नि की तीन बार परिक्रमा करें। इसके बाद अग्नि को प्रणाम करके अपनी मनोकामनाएं कहें। होलिका की अग्नि की राख से स्वयं का और घर के लोगों का तिलक करें।

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