Bharat Ratna: चौधरी चरण सिंह, कर्पूरी ठाकुर समेत 4 लोग मरणोपरांत भारत रत्न से हुए सम्मानित, आडवाणी को 31 मार्च को दिया जाएगा
नई दिल्ली, बीएनएम न्यूजः राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को 4 शख्सियतों को मरणोपरांत देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया। इनमें पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, पूर्व प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर और कृषि वैज्ञानिक डॉ एमएस स्वामीनाथन शामिल हैं।
इस मौके पर पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह के पोते जयंत सिंह ने कहा कि मुझे कितनी खुशी महसूस हुई, यह बताने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं। वहां बैठकर धीरे-धीरे उस पल की अहमियत का एहसास होता है। संदेश यह है कि भारत सरकार ने यह फैसला (भारत को सम्मान देने का) लिया है किसानों के हित में चौधरी चरण सिंह पर रत्न हर किसान तक पहुंचे।
#WATCH | President Droupadi Murmu confers Bharat Ratna upon former PM Chaudhary Charan Singh (posthumously)
The award was received by Chaudhary Charan Singh's grandson Jayant Singh pic.twitter.com/uaNUOAdz0N
— ANI (@ANI) March 30, 2024
भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को 31 मार्च को भारत रत्न दिया जाएगा। न्यूज एजेंसी ANI के अनुसार, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू रविवार को आडवाणी के घर जाकर उन्हें सम्मानित करेंगी। तबीयत खराब होने के कारण आज वे नहीं आ सके। आडवाणी के घर पीएम मोदी, गृह मंत्री शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा मौजूद रहेंगे।
राष्ट्रपति भवन में आयोजित आज के कार्यक्रम में चारों शख्सियतों के परिजनों ने यह सम्मान हासिल किया। नरसिम्हा राव के बेटे पीवी प्रभाकर राव, चौधरी चरण सिंह के पोते जयंत चौधरी, कर्पूरी ठाकुर के बेटे रामनाथ ठाकुर और एमएस स्वामीनाथन की बेटी नित्या राव ने राष्ट्रपति से यह सम्मान लिया।
केंद्र ने इस साल 5 हस्तियों को भारत रत्न सम्मान देने का ऐलान किया था। 2014 में सत्ता संभालने के बाद से मोदी के कार्यकाल में मदन मोहन मालवीय, अटल बिहारी वाजपेयी, प्रणब मुखर्जी, भूपेन हजारिका और नानाजी देशमुख को यह सम्मान मिल चुका है। 2024 के 5 हस्तियों को मिलाकर इस सम्मान को अब तक हासिल करने वालों की संख्या 53 हो गई।
भारत रत्न के बारे में समझिए…
- भारत रत्न देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। यह राष्ट्रीय सेवा जैसे कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा और खेल के लिए दिया जाता है। भारत रत्न देने की शुरुआत 2 जनवरी, 1954 को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने की थी।
- पहले ये सम्मान केवल जीवित रहते दिया जाता था, लेकिन 1955 में मरणोपरांत भी भारत रत्न दिये जाने लगा। देश के प्रधानमंत्री भारत रत्न के लिए किसी व्यक्ति के नाम की सिफारिश राष्ट्रपति को करते हैं।
- पुरस्कार पाने वाले को एक मेडल और सर्टिफिकेट दिया जाता है, जिसपर राष्ट्रपति का साइन होता है। मेडल में तांबे के बने पीपल के पत्ते पर प्लैटिनम का चमकता सूर्य बना हुआ है। पत्ते का किनारा भी प्लैटिनम का होता है।
- मेडल के नीचे चांदी से हिंदी में भारत रत्न लिखा होता है। पीछे की तरफ अशोक स्तंभ के नीचे हिंदी में सत्यमेव जयते लिखा होता है। इस सम्मान के साथ कोई धनराशि नहीं दी जाती है। 2020 से 2023 के बीच किसी को भी भारत रत्न पुरस्कार नहीं दिया गया है।
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