Rajasthan Election 2023 : राजस्थान चुनाव में 74.96 प्रतिशत मतदान, जानिए क्या कहता है वोटिंग ट्रेंड
जयपुर, BNM News: राजस्थान में विधानसभा चुनाव की 199 सीटों पर वोटिंग हो गई है। चुनाव आयोग के मुताबिक, राज्य में कुल 74.96 प्रतिशत वोटिंग हुई है। राज्य में शनिवार को 74.13 प्रतिशत वोटिंग हुई। जबकि 0.83 प्रतिशत वोटिंग डाक मतपत्र और घरेलू मतदान के जरिए हुई है। 2018 के चुनाव में राजस्थान में 74.06 प्रतिशत मतदान हुआ था। यानी इस बार चुनाव में 0.9 प्रतिशत मतदान ज्यादा हुआ है। ऐसे में राज्य के वोटिंग ट्रेंड को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं।
राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर शनिवार को मतदान संपन्न हो गया। पिछले चार विधानसभा चुनाव के वोटिंग ट्रेंड को देखकर लगता है कि इस बार राजस्थान में सत्ता बदल सकती है। पिछले चार चुनाव के वोटिंग ट्रेंड को देखकर साफ नजर आता है कि यदि मतदान प्रतिशत तीन से छह प्रतिशत बढ़ता है तो भाजपा को लाभ मिलता है। मतदान एक प्रतिशत तक कम हुआ तो कांग्रेस की सत्ता में वापसी हुई है।
1998 में 63.39 प्रतिशत मतदान हुआ था। उस समय 153 सीटें जीतकर कांग्रेस सत्ता में आई थी। भाजपा को मात्र 33 सीट मिली थी। शेष सीटों पर अन्य जीते थे। इसके बाद 2003 में चुनाव हुए तो 67.18 प्रतिशत मतदान हुआ, जो 1998 के चुनाव से 3.79 प्रतिशत अधिक था। इस चुनाव में 120 सीट जीतकर भाजपा सत्ता में आई और कांग्रेस को 56 सीटें मिली थी। इस चुनाव में भाजपा को 39.85 और कांग्रेस को 35.65 प्रतिशत वोट मिले। फिर 2008 में 2003 के मुकाबले 0.93 प्रतिशत कम करीब 66.25 प्रतिशत मतदान हुआ ।
मतदान प्रतिशत कम होने से भाजपा को नुकसान हुआ और भाजपा 78 सीटों पर सिमट गई, जबकि कांग्रेस ने 96 सीटें लेकर सरकार बनाई थी। हालांकि, इस चुनाव में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था, लेकिन निर्दलियों के सहयोग से कांग्रेस ने सरकार बनाई थी। 2013 में 75.04 प्रतिशत मतदान हुआ था। यह 2008 से 8.84 प्रतिशत अधिक था। इस चुनाव में 163 सीटें जीतकर भाजपा ने सरकार बनाई थी। कांग्रेस को मात्र 21 सीटें मिली थी। इसके बाद 2018 में मतदान प्रतिशत कम होने के ट्रेंड को सही साबित करते हुए कांग्रेस की सरकार बनी।
2018 में 74.06 प्रतिशत मतदान हुआ था। यह 2013 के चुनाव से कम था, जिसका फायदा कांग्रेस को मिला और उसकी सरकार बनी थी। इस चुनाव में कांग्रेस को एक सौ एवं भाजपा को 73 सीटें मिली थी। 2018 के चुनाव में 38 सीटों पर जीत-हार का अंतर तीन प्रतिशत से कम था। इस बार 2023 में करीब 77 प्रतिशत मतदान होने की बात सामने आई है। बढ़े हुए मतदान प्रतिशत को देखकर लगता है कि प्रदेश में भाजपा की सरकार बन सकती है। राज्य में करीब चार प्रतिशत मतदाता इस बार सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। 22 लाख, छह हजार युवा मतदाताओं ने पहली बार मतदान किया है। नये मतदाता सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाएंगे।
दो सीटों पर अधिक मतदान दे रहा कई संदेश
भाजपा ने तिजारा और पोखरण सीटों पर हिंदू चेहरे मैदान में उतारे थे, जबकि कांग्रेस ने दोनों ही जगह मुस्लिम प्रत्याशियों को टिकट दिया था। इन सीटों पर अधिक मतदान कई तरह के संदेश दे रहा है। तिजारा में भाजपा ने बाबा बालकनाथ को टिकट दिया तो कांग्रेस ने इमरान खान को प्रत्याशी बनाया। यहां 81 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ। पोखरण में महंत प्रतापपुरी और कांग्रेस ने सालेह मोहम्मद को प्रत्याशी बनाया। यहां 81.25 प्रतिशत मतदान हुआ। दोनों सीटों पर भाजपा ने हिंदुत्व का नारा दिया। दोनों ही प्रत्याशियों ने खुलकर मुस्लिमों के खिलाफ बयान दिए थे।