पल्लवी पटेल की अखिलेश को खुली चुनौती, मैं सपा नहीं, गठबंधन की विधायक, अखिलेश को जो करना है करें

लखनऊ, बीएनएम न्यूजः अपना दल (कमेरावादी) की नेता और सपा विधायक पल्लवी पटेल ने एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के साथ मिलकर नया गठबंधन बना लिया है। इस नए सियासी गठबंधन को ‘पिछड़ा, दलित, मुस्लिम न्याय मोर्चा’ (पीडीएम) नाम दिया गया है। इस गठबंधन में प्रगतिशीत मानव समाज पार्टी और राष्ट्र उदय पार्टी भी शामिल हैं।
इस नए गठबंधन को सपा के ‘पीडीए’ (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) की काट की तौर पर देखा जा रहा है। पल्लवी और ओवैसी ने रविवार को यहां संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में इसका एलान किया। सपा का नाम लिए बगैर पल्लवी ने कहा कि पीडीए में ‘ए’ अक्षर को लेकर भ्रम की स्थिति थी।
इस भ्रम को दूर करने के लिए हमने अपने गठबंधन को पीडीएम नाम दिया है और इसमें जातियों के नाम स्पष्ट किए हैं। सपा रिश्ता खत्म होने के बाद विधायकी से इस्तीफा देने के सवाल पर पल्लवी ने कहा कि मैं सपा की विधायक नहीं हूं, बल्कि गठबंधन से विधायक हूं। अलबत्ता उनसे इस्तीफा मांगने या निकालने का अधिकार सपा अध्यक्ष के पास है। वह इस्तीफा मांग लें या मुझे निकाल दें। कर लें जो करना है, लेकिन अब पीडीएम झुकने वाला नहीं है।
अखिलेश पर मुसलमानों से दूरी बनाने का आरोप
अखिलेश यादव पर निशाना साधा जाता है कि वह मुस्लिमों के मसले पहले की तरह नहीं उठा रहे हैं। इसका अलावा मुसलमान शब्द से भी दूरी बना रहे हैं। यही नहीं आजम खान के जेल जाने पर भी जिस तरह से सपा का रिएक्शन था, उसे लेकर भी कई लोगों ने आपत्ति जताई। यहां तक की पार्टी की रामपुर यूनिट में भी कई नेताओं ने यह सवाल उठाया। ऐसे में अब उनसे ही अलग होने वाली पल्लवी पटेल ने अब नया गठबंधन बना लिया है। उनकी पार्टी अपना दल कमेरावादी ने असदुद्दीन ओवैसी से हाथ मिला लिया है। दोनों ने रविवार को एक आयोजन किया और उसमें अपने गठबंधन का ऐलान करते हुए PDM का नारा दिया।
PDA में खुलकर मुसलमान का जिक्र न होने पर सवाल
दोनों के PDM में साफ तौर पर लिखा गया- पिछड़ा, दलित और मुसलमान। इस तरह असदुद्दीन ओवैसी और पल्लवी पटेल का गठबंधन अखिलेश यादव की उम्मीदों को ही झटका दे सकता है। असदुद्दीन ओवैसी का यूं भी मुरादाबाद, संभल, मऊ, आजमगढ़ जैसे जिलों में अच्छा प्रभाव रहा है। इसके अलावा पल्लवी पटेल के साथ आने से कुछ पिछड़ा भी यदि टूटा तो सीधे तौर पर अखिलेश यादव का ही नुकसान होगा। यही नहीं मुख्तार अंसारी की मौत को लेकर भी जिस तरह असदुद्दीन ओवैसी तुरंत उनके घर गए। बेटे के साथ बैठकर खाना खाया और सांत्वाना दी, वह भी मुस्लिमों को ही संदेश देने की एक कोशिश थी।
मुख्तार के घर जाकर भी ओवैसी ने दे दिया संकेत
वहीं अखिलेश यादव, रामगोपाल और शिवपाल यादव जैसे सपा नेताओं ने मुख्तार अंसारी पर ट्वीट किए या फिर बयान ही दिए। कोई सपा नेता उनके घर नहीं गया। असदुद्दीन ओवैसी ने ऐसी स्थिति में मुख्तार के घर जाकर मुसलमानों की मुख्तारी पर दावा ठोक दिया है। बता दें कि मायावती पहले ही कई सीटों पर मुस्लिम कैंडिडेट उतार चुकी हैं। इससे भी मुस्लिम वोटों के बंटने का खतरा पैदा हो चुका है।
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