Rajkumar Anand Resigns: दिल्ली के मंत्री राज कुमार आनंद ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया, आम आदमी पार्टी भी छोड़ी

नई दिल्ली, बीएनएम न्यूज। Delhi News: दिल्ली शराब घोटाले में फंसी केजरीवाल सरकार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के न्यायिक हिरासत में जेल जाने के बाद अब दिल्ली सरकार में मंत्री राजकुमार आनंद (Rajkumar Anand) ने अपनी ही पार्टी पर भ्रष्टाचार के दलदल में फंसने का आरोप लगाते हुए मंत्री पद के साथ ही विधानसभा और पार्टी की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा है कि इस सरकार के पास शासन करने की नैतिक शक्ति नहीं बची है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें किसी दल से आफर नहीं मिला है और न ही वह किसी दल में जा रहे हैं। दिल्ली के इतिहास में यह पहली बार है कि मंत्री व विधायक के पद से किसी ने इस्तीफा देकर पार्टी भी छोड़ दी है। हालांकि, विधानसभा अध्यक्ष कार्यालय और राजनिवास के अधिकारियों ने बुधवार देर रात तक इस्तीफा मिलने की पुष्टि नहीं की। पटेल नगर सीट से विधायक आनंद आप सरकार में समाज कल्याण विभाग सहित सात विभाग संभाल रहे थे। एक पुराने मामले में गत नवंबर माह में उनके आवास पर ईडी का छापा भी पड़ा था।

मंत्री पद पर रहकर इस सरकार में काम करना असहज हो गया

 

आनंद का इस्तीफा पार्टी और सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। इस समय केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री रहे मनीष सिसोदिया और पूर्व कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन जेल में हैं। आप से राज्यसभा सदस्य संजय सिंह कुछ दिन पहले ही जमानत पर जेल से बाहर आए हैं। आनंद ने इस्तीफा देते हुए कहा, आज बहुत व्यथित हूं। आम आदमी पार्टी का जन्म भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन से हुआ था, लेकिन आज यह पार्टी खुद भ्रष्टाचार के दलदल में फंस गई है। मैं भ्रष्टाचारियों में अपना नाम नहीं जुड़वाना चाहता। मैं भ्रष्ट लोगों के साथ काम नहीं कर सकता हूं। मेरे लिए मंत्री पद पर रहकर इस सरकार में काम करना असहज हो गया है, साथ ही हालात को देखते हुए मेरे लिए इस पार्टी में रहना भी मुश्किल हो गया है।

हाई कोर्ट के फैसले के बाद धारणा बदली

 

अपने इस्तीफे के समय के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, कल तक हमें लग रहा था कि हमें फंसाया जा रहा है, लेकिन हाई कोर्ट के फैसले के बाद ऐसा लग रहा है कि हमारी तरफ से कुछ गड़बड़ है। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि ईडी के पास पर्याप्त सामग्री थी, जिसके कारण केजरीवाल की गिरफ्तारी हुई और ट्रायल कोर्ट ने एक उचित आदेश द्वारा उन्हें जांच एजेंसी की हिरासत में भेजा।

राजनीति नहीं बदली और राजनेता बदल गए

 

आनंद ने कहा, जंतर-मंतर से अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि राजनीति बदलेगी तो देश बदलेगा, लेकिन राजनीति नहीं बदली और राजनेता बदल गए। उन्होंने पार्टी में अनुसूचित जाति से जुड़े नेताओं को पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं मिलने का भी आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी के शीर्ष नेताओं में कोई एससी नहीं है। पार्टी के एससी विधायकों, मंत्री या पार्षदों को कोई सम्मान नहीं दिया जाता है। ऐसी परिस्थितियों में सभी ठगा हुआ महसूस करते हैं। उन्होंने कहा, दफ्तरों में अंबेडकर की तस्वीर लगाने वाली पार्टी में एक भी राज्यसभा सदस्य एससी या पिछड़े वर्ग से नहीं है। आज मैं जो कुछ भी हूं, वो अंबेडकर की वजह से हूं। अपने समाज को आगे बढ़ाने के लिए ही मैं विधायक और मंत्री बना था, लेकिन अगर कोई लंबे समय तक घुटन महसूस कर रहा है तो पार्टी में बने रहना मुश्किल हो जाता है।

सात विभाग देख रहे थे आनंद

राजकुमार आनंद के पास समाज कल्याण, अनुसूचित जाति/ जन जाति, श्रम, गुरुद्वारा चुनाव, भूमि एवं भवन, पिछड़ा एवं अन्य विभाग और सहकारिता विभाग थे। 2013 में इनकी पत्नी बीना आनंद आप से पटेल नगर सीट से विधायक बनी थीं। 2015 में आप ने इन्हें टिकट नहीं दिया था तो राजकुमार ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था, लेकिन 2020 में चुनाव से पहले आप में शामिल हो गए थे और पार्टी ने उन्हें प्रत्याशी बना दिया था। चुनाव जीतने के बाद अक्टूबर 2022 में समाज कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम के हिंदू देवी-देवताओं को लेकर दिए गए विवादित बयान से मंत्री पद चले जाने पर आनंद को मंत्री बनाया गया था। इन्हें गौतम वाले विभाग दिए गए थे, बाद में इन्हें श्रम विभाग भी दे दिया गया था। राजनीति में आने से पहले ये सामाजिक संगठन चलाते थे।

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