Loksabha Election 2024: हरियाणा के चुनाव में लोकल मुद्दों पर हावी राष्ट्रीय मुद्दे, जानें किन मुद्दों पर हो रही चर्चा

नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़। Loksabha Election 2024:हरियाणा का चुनावी रण तैयार है। भाजपा और कांग्रेस के सभी उम्मीदवार अपने नामांकन कर चुके हैं। नामांकन प्रक्रिया पूरी करने के साथ-साथ विधानसभा स्तरीय रैलियों का दौर जारी है। अगले दो से तीन दिनों के भीतर लोकसभा स्तरीय रैलियों का दौर चालू हो जाएगा। भाजपा ने अपने पक्ष में बन रहे माहौल को ज्यादा भुनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत करीब एक दर्जन राष्ट्रीय नेताओं के हरियाणा दौरे प्रस्तावित किए हैं। कांग्रेस में बड़ा चेहरा पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा हैं। फिर भी कांग्रेस हरियाणा में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को लाने की तैयारियां कर रही है। जननायक जनता पार्टी और इंडियन नेशनल लोकदल यह लोकसभा चुनाव अपनी राजनीतिक उपस्थिति दर्ज कराने के साथ ही इसी साल अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी करने के हिसाब से लड़ रहे हैं। कांग्रेस की रणनीति भी लगभग इसी तरह की है, लेकिन फिर भी उसे लगता है कि यदि लोकसभा चुनाव में जितना हाथ लग जाए, बेहतर है, ताकि विधानसभा चुनाव का आधार खड़ा किया जा सके। भाजपा की सोच राष्ट्र को विकसित देश बनाने के मिशन मोड पर आधारित है।
श्रीराम मंदिर, अनुच्छेद 370, तीन तलाक और UCC पर बात कर रहे लोग
प्रदेश की 10 लोकसभा सीटों पर छठे चरण में 25 मई को मतदान होगा। इसके बाद अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने प्रस्तावित हैं। सभी राजनीतिक दलों के लिए यह लोकसभा चुनाव अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनाव का सेमी फाइनल है। भाजपा की सोच इससे भी आगे की है। लोकसभा चुनाव को भाजपा नरेन्द्र मोदी को तीसरी बार देश का प्रधानमंत्री बनाने के लिए लड़ रही है। इस चुनाव में राष्ट्रीय मुद्दे हावी हैं। अभी तक जितनी भी जनसभाएं हुई हैं, उनमें भाजपा ने अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण, समान नागरिक संहिता अधिनियम, जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने का बड़ा फैसला और मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक के गर्त से बाहर निकालने के मुद्दों को आधार बनाकर स्वयं को प्रदेश की जनता के सामने पेश किया है। अयोध्या में जब कार सेवा हुई थी, रोहतक से इसकी तैयारियों को गति दी गई। मेवात (नूंह) और यमुनानगर में मुस्लिमों की बहुत अधिक आबादी है। अकेले यमुनानगर में 27 मामले ऐसे दर्ज किए गए, जो तीन तलाक की पुरानी प्रथा से निजात पाने के बाद मुस्लिम महिलाओं ने अपने पतियों के विरुद्ध दर्ज कराए। उन्हें सामाजिक व व्यक्तिगत स्वतंत्रता मिली। अपनी जिंदगी जीने का आधार मिला। मेवात में भी यही स्थिति है। वहां भी दो दर्जन महिलाओं को तीन तलाक कानून से बड़ी राहत मिली है।
मोदी की गारंटी पर भरोसा
प्रदेश का बहुत बड़ा वर्ग कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और अयोध्याम में राम मंदिर के निर्माण को भाजपा खासकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दृढ़ संकल्प शक्ति से जोड़कर देखता है। यही वर्ग लोकसभा चुनाव में निर्णायक की भूमिका में है। देश में तेज गति से विकास, सुशासन और भ्रष्टाचार रहित व्यवस्था भी चुनाव के बड़े मुद्दे हैं। लोगों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी पर भरोसा हो चला है। राज्य स्तरीय मुद्दे भी चुनाव में असर दिखा रहे हैं।
जो चुप हैं, उनकी बात को भी समझा जा रहा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकास की गारंटी और पूर्व सीएम मनोहर लाल की सरकार में कायम हुआ सुशासन, इस बार लोकसभा चुनाव में चर्चा का विषय है। रेवाड़ी, मेवात और झज्जर ऐसे इलाके हैं, जहां के युवा देश की सेनाओं में बहुत अधिक संख्या में हैं। पूर्व सैनिकों को वन रैंक-वन पेंशन योजना का लाभ मिला है। अग्निवीर योजना को कांग्रेस भले ही विरोध का मुद्दा बना रही है, लेकिन सैनिक बाहुल्य क्षेत्रों में इसे इसलिए पसंद किया जा रहा है, क्योंकि युवाओं के पास फौज की नौकरी करने के बाद अपना जीवन यापन करने का भरपूर समय है। विरोध के मामूली स्वर सिर्फ उन्हीं लोगों के सुनाई दे रहे हैं, जो मुखर हैं, लेकिन जो चुप हैं, उनका प्रतिशत 90 से 95 तक है, उनकी बात को भी समझना और महसूस किया जाने लगा है। यह वो वोटर है, जो मुद्दों और व्यवस्थाओं में बदलाव को समझकर वोट डालने जाता है।
विपक्ष में बैठने वाला सांसद चाहिए या सत्ता में भागीदारी वाला
कांग्रेस को राहुल गांधी की पांच न्याय गारंटी पर भरोसा है। इन पांच गारंटी में युवा, किसान, महिला, मजदूर और सैनिक आते हैं। इन मुद्दों पर बात जरूर हो रही है, लेकिन प्रदेश में कांग्रेस का चेहरा फिलहाल राहुल गांधी या प्रियंका गांधी नहीं बल्कि पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा हैं। हुड्डा ने टिकटों के आवंटन में अपने सभी विरोधियों को ठिकाने लगा दिया। अब यह विरोधी इसकी प्रतिक्रिया में क्या कुछ करने वाले हैं, यह सोचने का विषय है। मणिपुर से मुंबई तक राहुल गांधी की यात्रा के दौरान इन्हीं मुद्दों की चर्चा की गई है। लोग इन मुद्दों को सुन तो रहे हैं, लेकिन उन्हें यह भी नजर आ रहा है कि आखिर देश में किसकी सरकार बन रही है। उन्हें किस तरह का सांसद चुनना है। विपक्ष में बैठने वाला सांसद या फिर सत्ता में भागीदारी करवाकर लोगों के कल्याण की योजनाएं लाने वाला सांसद। मोदी फिर से आ रहे हैं, भाजपा की सरकार रिपीट कर रही है, यह वाक्य लोगों की सोच पर बड़ा असर कर रहा है।
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