कोविड काल में चीन में फंसे छात्रों से भारतीय दूतावास ने किया संवाद
बीजिंग, एजेंसीः चीन में भारतीय दूतावास ने कोविड काल के दौरान चीन के वीजा प्रतिबंधों के कारण मुश्किलों का सामना करने वाले भारतीय छात्रों के साथ अपना पहला संवाद सत्र आयोजित किया है। चार मई को आयोजित ‘स्वागत और संवाद समारोह’ में 13 से अधिक चीनी विश्वविद्यालयों के लगभग 80 पुराने और नए छात्रों ने भाग लिया।
बीजिंग में भारत के राजदूत प्रदीप कुमार रावत और काउंसलर नितिनजीत सिंह ने सत्र के दौरान विद्यार्थियों से बातचीत की और उनकी शिकायतों और अनुभवों को सुना। दूतावास ने एक्स पर पोस्ट में कहा है कि दूतावास द्वारा पेश की जाने वाली विभिन्न सेवाओं के सचिव (द्वितीय) अमित शर्मा ने सत्र के दौरान विस्तृत प्रस्तुति दी।
@EOIBeijing organized a welcome and interaction ceremony for Indian students on 4th May at SVCC Auditorium in Embassy premises. Amb Pradeep Kumar Rawat graced the occasion. Around 80 students of more than 13 universities from different provinces attended this interaction. pic.twitter.com/7v8m11772H
— India in China (@EOIBeijing) May 5, 2024
वर्ष 2020 के शुरू में चीन में कोरोना वायरस के प्रकोप के समय चीनी विश्वविद्यालयों में 23 हजार से ज्यादा भारतीय विद्यार्थी पढ़ रहे थे, जिनमें से अधिकांश मेडिकल छात्र थे। वर्तमान में पूरे चीन में यह संख्या घटकर लगभग 10,000 रह गई है। भारत में सरकारी मेडिकल संस्थानों में दाखिला पाने के लिए कड़ी प्रतियोगी परीक्षाओं से गुजरना पड़ता है, जबकि निजी मेडिकल कॉलेज अत्यधिक फीस वसूलते हैं जिस वजह से अतीत में चीनी विश्वविद्यालय भारतीय छात्रों के लिए पसंदीदा स्थान बन गए थे।
हालांकि, उन्हें भारत में प्रैक्टिस करने की अनुमति हासिल करने के लिए विदेशी मेडिकल स्नातक परीक्षा देनी होती है। चीनी विश्वविद्यालय से मेडिकल करने वाले भारतीय छात्रों को भारत में प्रैक्टिस करने की अनुमति प्राप्त करने के लिए विदेशी मेडिकल स्नातक परीक्षा देनी होती है।
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