Jaunpur News: सपा के पूर्व विधायक बाबा दुबे ने क्यों दिया पार्टी से इस्तीफा, त्यागपत्र में बताई ये खास वजह
जौनपुर, बीएनएम न्यूजः जौनपुर जिले के बदलापुर विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक बाबा दुबे ने सपा से त्यागपत्र दे दिया है। इसका कारण उन्होंने लोकसभा चुनाव में विपरीत विचारधारा वाले प्रत्याशी को मैदान में उतरने को बताया।
उन्होंने त्यागपत्र में लिखा कि मेरे निजी व राजनीतिक सिद्धांतों के विपरीत होने के कारण किसी भी व्यक्ति का समर्थन या प्रचार ना ही पूर्व में कभी करना स्वीकार किया, नहीं वर्तमान में करना स्वीकार करूंगा। इसलिए समाजवादी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता त्याग रहा हूं। यह पत्र उन्होंने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के नाम लिखा है।
बाबा दुबे वर्ष 2012 में बदलापुर विधानसभा क्षेत्र से पहली बार सपा के टिकट पर चुनकर विधानसभा पहुंचे थे। उनकी गिनती बड़े उद्योगपतियों में होती है। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन का पहला चुनाव वर्ष 2004 में जौनपुर लोकसभा क्षेत्र से बसपा के टिकट पर लड़ा था, जिसमें उनको सपा के पारसनाथ यादव से हार का सामना करना पड़ा था।
इसके अलावा उन्होंने 2009 में रारी में हुए विधानसभा का उपचुनाव सपा के टिकट पर लड़ा। फिर सपा के ही टिकट पर 2012, 2017, 2022 का चुनाव लड़े लेकिन सफलता सिर्फ 2012 के चुनाव में मिली।
समाजवादी पार्टी को हो सकता है नुकसान
सूत्रों के अनुसार बाबा दुबे ने सपा छोड़ने का मन पहले ही बना लिया था. वहीं उनके पार्टी छोड़ने से जौनपुर और पूर्वांचल के अधिकांश जनपदों में समाजवादी पार्टी को भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। सपा को वर्तमान लोकसभा चुनाव ही नहीं बल्कि 2027 के विधानसभा चुनावों के लिए भी यह बड़ा झटका साबित होगा।
‘2009 में बसपा की सरकार रहते हुए नाता तोड़ा’
बाबा दुबे ने कहा कि मेरे निजी और राजनीतिक सिद्धांतों के विपरीत होने के कारण मैंने उपरोक्त पृष्ठभूमि एवं आचरण वाले किसी भी व्यक्ति का समर्थन या प्रचार न ही पूर्व में कभी करना स्वीकार किया और न ही वर्तमान में करना स्वीकार करूंगा, इसलिए मैं समाजवादी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता त्याग रहा हूं। मैंने ऐसी ही परिस्थितियों में 2009 में बसपा की पूर्ण बहुमत की सरकार रहते नाता तोड़ दिया था और सपा का साथ देने का निर्णय लिया था।
बाबू सिंह कुशवाहा के खिलाफ नाराजगी
क्षेत्र में चर्चा ये भी है कि सपा को बाबू सिंह कुशवाहा को जौनपुर में प्रत्याशी बनाकर थोपना बहुत भारी पड़ा है। बाबू सिंह कुशवाहा के ऊपर दर्जनों भ्रष्टाचार और आपराधिक मुकदमे सहित उनकी जेल यात्रा केंद्र में कांग्रेस और राज्य की अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली सपा सरकार के रहते हुई थी। बेल पर बाहर बाबू सिंह कुशवाहा को आज उन्हीं दोनों पार्टियों ने इंडी गठबंधन के संयुक्त उम्मीदवार के रूप में उतारने से जिले में काफी जन आक्रोश है।
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