मां को याद कर भावुक हुए पीएम मोदी, बताया मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री बनने के बाद मां हीराबेन ने क्या दी थी सीख?

वाराणसी, बीएनएम न्यूजः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी संसदीय सीट से तीसरी बार अपना नामांकन करने से पहले अपनी मां को याद कर भावुक हो गए। पीएम नरेंद्र मोदी ने उस सीख के बारे में भी बताया जो उनकी मां ने उन्हें गुजरात का मुख्यमंत्री और देश का प्रधानमंत्री बनने पर दी थी।

उन्होंने कहा कि मां गंगा ने उन्हें गोद लिया है और काशीवासियों के प्यार ने उन्हें बनारसिया बना दिया। पीएम मोदी ने कहा कि लोगों से मिलने वाले इस प्यार के कारण उनकी जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। बता दें कि यह पहला मौका है जब पीएम मोदी अपनी मां हीराबेन का चरण स्पर्श किए बिना नामांकन करेंगे। प्रधानमंत्री की मां का 30 दिसंबर, 2022 को 100 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था।

प्रधानमंत्री मोदी ने एक मीडिया के साथ बातचीत के दौरान अपनी मां को याद कर भावुक हो गए। उन्होंने अपनी मां हीराबेन की सीख को याद करते हुए कहा कि जब पहली बार मेरा मुख्यमंत्री बनना तय हुआ तो मैं दिल्ली से गुजरात गया। मैंने सोचा पहले मां को मिलकर बताऊं कि मेरी नौकरी बदल गई है। मैं मां से मिला और कहा कि अब मैं गुजरात आ रहा हूं।

मुख्यमंत्री बनने पर मां ने मुझसे दो बातें कहीं थीं

पीएम मोदी ने वह कहानी शेयर करते हुए आगे कहा कि मां को इसी बात की खुशी थी कि मैं गुजरात आ रहा हूं। फिर मैंने उनसे कहा कि मुझे ऐसा एक काम (मुख्यमंत्री) मिला है। अब मैं वह जिम्मेदारी निभाऊंगा। मां बोली… अच्छा तो एक काम देखना… गुजराती में एक शब्द है लाज, इसका ​मतलब होता है रिश्वत। मां बोली… देखो, दो काम जरूर करो, लाज लेना नहीं और गरीब को भूलना नहीं। ये दो बातें मेरी मां ने मुझसे कहीं।

वह अपने बेटे को अपनी पर्सनल प्रॉपर्टी कभी मानती नहीं थीं

उन्होंने अपनी बात आगे जारी रखते हुए कहा कि इतने साल मुख्यमंत्री और फिर प्रधानमंत्री रहने के बाद जब मैं मां के सौ साल पूरे होने पर उनसे मिलने गया, मैंने कहा मां आपका 100वां जन्मदिन है… मुझे भी तो कोई आदेश दीजिए। तो मां ने कहा कि देखो भाई, दो काम संभाल के करो। काम करो बुद्धि से और जीवन जियो शुद्धि से। मैंने अपनी भतीजी से कहा… इसे टेप (रिकॉर्ड) कर लो। ये वाक्य कोई कवि भी नहीं निकाल सकता है। ये दोनों चीजें जब मैं जोड़कर देखता हूं कि उनके अंदर एक सातत्य था। एक विरक्त भाव था। वह अपने बेटे को अपनी पर्सनल प्रॉपर्टी कभी मानती नहीं थीं। वह मानकर चलीं कि ठीक है मैंने जन्म दिया है, लेकिन यह काम देश के लिए करेगा।

पीएम मोदी ने बताया मां कभी सरकारी आवास में क्यों नहीं रहीं

प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि वह कभी मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री आवास में अपनी मां के साथ क्यों नहीं रहे। उन्होंने कहा, ‘मैं गांधीनगर में रहता था. मेरी मां 2 किलोमीटर दूर एक कमरे वाले घर में रहती थी. मैंने उनसे कहा… मां आप यहां आकर रहना चाहो तो रह सकती हो, मेरे पास सरकारी घर है। उसने कहा मैं तो रह लूंगी… तेरे काम का क्या होगा? मैं तेरे काम को बिगाड़ने के लिए नहीं हूं… और वह नहीं आईं। उनके मन में रहता था कि उनका बेटा अपने दायित्वों को ठीक से पूरा करे।

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