Haryana Politics: तीनों निर्दलीय विधायकों ने अब राज्यपाल और स्पीकर को भेजा समर्थन वापसी का पत्र, फिर फंस सकता पेच
नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़। Haryana Politics: हरियाणा में सरकार से समर्थन वापसी पर छिड़े राजनीतिक घमासान के बीच तीनों निर्दलीय विधायकों ने बुधवार को फिर से राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय और विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता को अपनी ई-मेल के माध्यम से भाजपा सरकार से समर्थन वापस लेने के पत्र भेजे हैं। हालांकि चरखी दादरी के विधायक सोमबीर सिंह सांगवान, पुंडरी विधायक रणधीर सिंह गोलन और नीलोखेड़ी विधायक धर्मपाल गोंदर द्वारा भेजे इन पत्रों को लेकर फिर पेच फंस सकता है। विधानसभा अध्यक्ष ने समर्थन वापसी के पत्र पर कोई तारीख नहीं होने का हवाला देते कानूनी राय मांगी है। वहीं, विधायक रणधीर गोलन का दावा है कि उन्होंने अपने पत्र पर हाथ से 15 मई लिखी है।
सात मई को किया था समर्थन वापसी का ऐलान
विगत सात मई को तीनों विधायकों ने रोहतक में पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा की मौजूदगी में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की सरकार से समर्थन वापसी का ऐलान किया था। साथ ही उन्होंने कांग्रेस के समर्थन की घोषणा भी की थी। बाकायदा अपने हस्ताक्षरों वाला एक साझा पत्र इंटरनेट मीडिया पर वायरल भी किया। इसके बाद तीनों विधायक शांत होकर घर बैठ गए। तीनों ने राज्यपाल को समर्थन वापसी का पत्र भेजा भी तो किसी दूसरे व्यक्ति की मेल से। ऐसे में राजभवन ने लेटर को संदिग्ध बताते हुए इस पर विचार ही नहीं किया।
अधिकारिक ईमेल पर समर्थन वापसी के पत्र भेजा
मामले ने तूल पकड़ा तो बुधवार को तीनों विधायकों ने फिर से राजभवन और विधानसभा सचिवालय की अधिकारिक ईमेल पर समर्थन वापसी के पत्र भेजे हैं। इस बार तीनों विधायकों ने अपने खुद के ईमेल एड्रेस से मेल किया है। कांग्रेस विधायकों द्वारा राज्यपाल को लिखे पत्र में दावा किया गया है कि सरकार अल्पमत में है। ऐसे में सरकार को भंग करके राष्ट्रपति शासन लगाया जाए और प्रदेश में विधानसभा के चुनाव करवाए जाएं। दस विधायकों वाली जननायक जनता पार्टी के नेता व पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत सिंह चौटाला, ऐलनाबाद से इनेलो विधायक अभय सिंह चौटाला व महम से निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू भी इसी तरह का पत्र राज्यपाल को लिख चुके हैं।
वहीं, निर्दलीय विधायकों द्वारा विधानसभा अध्यक्ष को भेजे पत्र पर तारीख नहीं होने से विधानसभा सचिवालय दुविधा में है कि समर्थन वापसी के पत्र को किस तिथि से माना जाए। हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने स्पष्ट किया कि कानूनी रायशुमारी के बाद फैसला लिया जाएगा कि चिट्ठी स्वीकार होगी या नहीं।
राज्यपाल की अनुशंसा के बाद ही लेंगे कोई निर्णय : विधानसभा अध्यक्ष
विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि निर्दलीय विधायक रणधीर गोलन और धर्मपाल गोंदर ने सरकार से समर्थन वापसी की सूचना हमें ई-मेल से भेजी है, लेकिन पत्र पर कोई तिथि नहीं है। न ही कांग्रेस को समर्थन का कोई जिक्र है। ऐसे में जब तक राज्यपाल कि तरफ से कोई अनुशंसा नहीं की जाती है, इस पर कोई निर्णय नहीं लिया जा सकता।
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