Haryana Politics: अवतार सिंह भड़ाना फिर कांग्रेस में हुए शामिल, फरीदाबाद और गुरुग्राम में बदलेंगे राजनीतिक समीकरण
अवतार सिंह भड़ाना ने की कांग्रेस ज्वाइन
नरेन्द्र सहारण, फरीदाबाद। Haryana Politics: हरियाणा की राजनीतिक में एक और उलटफेर देखने को मिला है। हरियाणा के पूर्व सांसद, पूर्व मंत्री और फरीदाबाद राजनीति के बड़े चेहरे अवतार सिंह भड़ाना ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है। हरियाणा मामलों के प्रभारी दीपक बाबरिया ने उनकी कांग्रेस में ज्वाइनिंग को लेकर आधिकारिक पत्र जारी किया है। मतदान से चंद दिनों पहले अवतार सिंह भड़ाना के कांग्रेस में आने से पार्टी को गुरुग्राम और फरीदाबाद में संजीवनी मिलने के आसार हैं क्योंकि भड़ाना परिवार का दोनों ही सीटों पर प्रभाव है। गुर्जर बहुल इलाकों में उनकी पकड़ है। आपको यह भी बता दें कि अवतार भड़ाना कई दल बदल चुके हैं।
भड़ाना चार बार रहे चुके हैं सांसद
पिछले काफी समय से अवतार सिंह भड़ाना हरियाणा की राजनीति से दूर थे, लेकिन अचानक से वह हरियाणा में सक्रिय नजर आएंगे। कांग्रेस ने भड़ाना को खासकर गुरुग्राम और फरीदाबाद लोकसभा सीट में प्रचार का जिम्मा सौंपा है। भड़ाना हरियाणा के पूर्व मंत्री, पूर्व सांसद और पूर्व विधायक रहे हैं। वह चार बार सांसद रहे चुके हैं। उन्होंने वर्ष 1991, 2004 और 2009 में फरीदाबाद लोकसभा चुनाव जीते हैं। वहीं, 1999 में मेरठ लोकसभा से जीत हासिल की है।
मेरठ से चुनाव लड़ने से किया मना
वह लगातार 2014 और 2019 में कृष्ण पाल गुर्जर से हार गए थे और इसके बाद वह हरियाणा की राजनीति में कम सक्रिय हो गए थे। अवतार सिंह भड़ाना को 2024 लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी के टिकट मेरठ से चुनाव लड़ने का ऑफर दिया था। सपा प्रमुख ने भड़ाना को टिकट के लिए लखनऊ बुलाया था, लेकिन अवतार भड़ाना ने चुनाव लड़ने से इन्कार कर दिया था। उन्होंने कांग्रेस में वापसी कर ली है।
कई दल बदल चुके हैं भड़ाना
अवतार सिंह भड़ाना इससे पहले कई बार दल बदल चुके हैं और भाजपा के कृष्ण पाल गुर्जर के धुर विरोधी माने जाते हैं। भड़ाना का राजनीतिक सफर शुरू तो कांग्रेस से हुआ था, लेकिन प्रदेश की राजनीति में चर्चा में तब आए, जब 1988 में बिना विधायक ही तत्कालीन मुख्यमंत्री चौधरी देवीलाल ने उन्हें अपने मंत्रिमंडल में शहरी स्थानीय निकाय राज्य मंत्री बनाया था। चौधरी देवीलाल के पुत्र और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी ओमप्रकाश चौटाला के विरोध के कारण छह माह बाद ही भड़ाना की मंत्रिमंडल से विदाई हो गई थी।
काफी समय से राजनीति से किया किनारा
इसके बाद भड़ाना कांग्रेस में शामिल हो गए। 1998 में मध्यावधि लोकसभा चुनाव में अवतार भड़ाना को कांग्रेस का टिकट नहीं मिला और वे जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़े और हार गए। 2014 में हरियाणा विधानसभा चुनाव में अवतार भड़ाना इंडियन नेशनल लोकदल में शामिल हो गए। 2015 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में अवतार भड़ाना इंडियन नेशनल लोकदल छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। 2019 में वह कांग्रेस के टिकट पर हार गए थे और इसके बाद हरियाणा से किनारा कर लिया था।
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