Haryana News: अमेरिका में झील में नहाते समय डूबे हरियाणा के दो युवक, दोनों अपने परिवारों में थे इकलौते

नरेन्द्र सहारण, करनाल: अमेरिका में झील में नहाते समय करनाल के दो युवकों की दर्दनाक मौत हो गई। यह घटना कैलिफोर्निया के एक शहर में हुई, जहां मेहताब (24 वर्षीय) और चरण सिंह (17 वर्षीय) ने अपने परिवारों के साथ अपनी जिंदगी के सपने साझा किए थे। दोनों युवक अपने परिवारों के इकलौते बेटे थे।

हालांकि पहले उन्हें युवक के डूबने से गंभीर हालत में होने की सूचना मिली थी। अस्पताल में वेंटिलेटर पर रखने के बाद भी उसकी जान नहीं बच पाई। युवक की मौत की खबर ने पूरे परिवार को झकझोर कर रख दिया। यह खबर पाकर परिवार फूट-फूटकर रोने लगा।

गहरे पानी में जाने के कारण डूबे युवक

गांव गोविंदगढ़ निवासी 24 वर्षीय मेहताब को परिवार ने डोंकी के रास्ते करीब डेढ़ वर्ष पूर्व अमेरिका भेजा था। वह वहां ट्राला चलाता था। मेहताब के साथ करनाल के ही गांव चुरनी निवासी 17 वर्षीय इक्कम सिंह और फैजपुर निवासी चरण सिंह एक ही कमरे में रहते थे। तीनों कैलिफोर्निया स्थित झील में नहाने चले गए। गहरे पानी में जाने के कारण एक युवक डूबने लगा तो बाकी दो उसे बचाने के प्रयास में डूब गए। आसपास के लोगों की मदद से मेहताब और चरण सिंह को बाहर निकाल लिया गया। इक्कम सिंह लापता हो गया।

बताया जा रहा है कि मेहताब के दिमाग में पानी जाने के कारण उसे वेंटिलेटर पर उपचार दिया गया, लेकिन 24 घंटे तक मौत से लड़ने के बाद वह जंग हार गया। वहीं करीब 24 घंटे बाद इक्कम सिंह का शव भी बरामद किया गया। चरण सिंह की हालत ठीक बताई गई है। दोनों मृत युवक अपने-अपने परिवार के इकलौते बेटे थे।

बेटे की याद में परिवार बेहाल

अमेरिका गए बेटे को खोकर पीड़ित परिवार के लोगों का रो रोकर बुरा हाल हो गया। रिश्तेदार व आस-पड़ोस के लोग भी परिवार का ढांढस बंधाते रहे। मेहताब की मौत के बाद गांव में मातम पसर गया। हर कोई मेहताब के अच्छे स्वभाव की बातें कर रहा था।

शव भारत लाने की गुहार

डोंकी के रास्ते अमेरिका में गए मेहताब ने कुछ दिनों तक स्टोर पर नौकरी की। उसके बाद ट्रक पर ड्राइवर की नौकरी करने लगा। वह अमेरिका में अपनी बुआ व फूफा के संपर्क में था। उन्होंने ही युवक को काम दिलवाने में मदद की थी। मेहताब के फूफा ने ही स्वजन को हादसे की सूचना दी। पीड़ित परिवार ने बेटे को अंतिम बार देखने के लिए सरकार से शव को भारत लाने में मदद की गुहार लगाई है। ताकि वे इकलौते बेटे का रीति रिवाज के साथ अंतिम संस्कार कर सकें।

40 लाख रुपये खर्च कर बेटे को भेजा था अमेरिका

मेहताब के पिता गुलाब सिंह ने बताया कि करीब 40 लाख रुपये खर्च कर बेटे को अमेरिका भेजा था ताकि पैसे कमा कर उसका बेटा बेहतर जीवन जी सके। लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था। सात समुंदर पार भी मौत ने बेटे को आगोश में ले लिया। हादसे में उसकी जीवन भर की पूंजी छीन ली। बेटे के साथ ही उनकी खुशियां झील में डूब गई।

अपने बेटे की शादी को लेकर जो सपने देखे थे। वह अब कभी पूरे नहीं होंगे। माता पिता के पास एक बेटा और एक बेटी दो ही संतान थी। हादसे में बहन से उसका भाई और माता-पिता से उनका बेटा हमेशा के लिए बिछड़ गया। बस उसकी यादें बाकी रह गईं। दो महीने पहले मेहताब ने अपने नाना को फोन करके कहा था कि वह जल्द अपने पिता के लिए गाड़ी खरीदेगा।

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