Bhadohi News: आर्थिक तंगी और कर्ज से परेशान महिला ने बच्चों के साथ खाया जहर, मां-बेटी की मौत, बेटा गंभीर
सीतामढ़ी, बीएनएम न्यूजः आर्थिक तंगी, पारिवारिक कलह और कर्ज से परेशान होकर भदोही जिले में कोइरौना की एक महिला ने अपने बेटे और बेटी के साथ जहर खा लिया, जिससे महिला और उसकी बेटी की मौत हो गई, जबकि बेटा गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती है। यह दुखद घटना रविवार को कोईरौना थाना क्षेत्र के अरई गांव में हुई।
अरई गांव निवासी सुनील तिवारी की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। उनके परिवार में पत्नी सुमन तिवारी (42), बेटी कोमल (22), बेटे गोलू (18) और युवराज (20) के साथ अन्य सदस्य रहते थे। ग्रामीणों के अनुसार, परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद खराब थी और उन्होंने गांव में कई समूह से कर्ज ले रखा था।
कर्जदारों का लगातार तगादा करने से घर में अक्सर विवाद होता था। रविवार की सुबह भी घर में विवाद हुआ, जिसके बाद सुमन तिवारी ने अपनी बेटी कोमल और बेटे गोलू के साथ जहर खा लिया।
मां-बेटी की मौत, बेटा गंभीर
जहर खाने के बाद तीनों की हालत बिगड़ने लगी। परिवार के सदस्य मां-बेटी को निजी अस्पताल और बेटे गोलू को डीघ सीएचसी ले गए, जहां डॉक्टरों ने सुमन और कोमल को मृत घोषित कर दिया। गोलू की हालत गंभीर होने के कारण उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।
पुलिस और फॉरेंसिक टीम की जांच
घटना की सूचना मिलते ही कोइरौना थाना प्रभारी निरीक्षक मनोज कुमार और फॉरेंसिक टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने घर की तलाशी ली और वहां से कीटनाशक दवाओं का खाली रैपर बरामद किया। प्रारंभिक जांच और परिजनों से पूछताछ के बाद शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
गांव में शोक की लहर
घटना की जानकारी मिलने के बाद गांव में शोक की लहर फैल गई। दोपहर में बड़ी संख्या में ग्रामीण घटनास्थल पर जमा हो गए। पूर्व जिला पंचायत सदस्य राजकुमार शुक्ल, राजू सिंह और प्रधान प्रतिनिधि अमन सिंह सहित कई लोग घटना स्थल पर पहुंच कर दुख व्यक्त किया। फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल पर जांच की और सभी संबंधित साक्ष्य जुटाए।
परिजनों से पूछताछ
पुलिस ने परिजनों से पूछताछ की और जानकारी जुटाई कि सुमन तिवारी और उनके परिवार पर कर्ज का भारी बोझ था, जिससे उनकी मानसिक स्थिति पर गहरा प्रभाव पड़ा था। पुलिस इस मामले को गहराई से जांच रही है और कर्ज देने वालों से भी पूछताछ की जाएगी।
यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि आर्थिक तंगी और कर्ज से उत्पन्न तनाव किस हद तक एक परिवार को बर्बाद कर सकता है। समाज को इस तरह की घटनाओं से सबक लेकर जरूरतमंद परिवारों की सहायता के लिए आगे आना चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की दुखद घटनाओं को रोका जा सके।
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