NEET-UG Row: यह तो साफ है कि पेपर लीक हुआ, परीक्षा में धांधली पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी; केंद्र-एनटीए से मांगा जवाब

नई दिल्ली, बीएनएम न्यूज: NEET-UG Row: सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को नीट-यूजी परीक्षा में अनियमितताओं का आरोप लगाने वाली कई याचिकाओं पर सुनवाई हुई, जिस पर पूरे देश की निगाहें थीं । यह सुनवाई करीब 2 घंटे 20 मिनट तक हुई। याचिका में 5 मई को हुई परीक्षा रद्द करने, एनटीए को दोबारा परीक्षा कराने का आदेश देने और अनियमितताओं के संबंध में कोर्ट की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की गई। कुछ याचिकाकर्ताओं के वकील ने कोर्ट से दोबारा परीक्षा कराने की मांग करते हुए कहा कि इस परीक्षा में कसूरवार और बेकसूरों की पहचान करना संभव नहीं है। इस दौरान प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने एनटीए को परीक्षा रद्द करने से रोकने की मांग वाली गुजरात के 50 से अधिक सफल परीक्षार्थियों की याचिका पर भी सुनवाई की। अदालत ने एनटीए को गड़बड़ी से फायदा उठाने वाले उम्मीदवारों की जानकारी देने और सीबीआइ को जांच का अब तक का अपडेट देने को कहा है

प्रश्न पत्र लीक हुआ है

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक बात साफ है कि प्रश्न पत्र लीक हुआ है। सवाल यह है कि इसकी पहुंच कितनी व्यापक है? पेपर लीक होना एक स्वीकार्य तथ्य है। लीक की प्रकृति कुछ ऐसी है, जिसका हम पता लगा रहे हैं। आप केवल इसलिए पूरी परीक्षा रद नहीं कर सकते, क्योंकि दो छात्र धांधली में शामिल थे, इसलिए हमें लीक की प्रकृति के बारे में सावधान रहना चाहिए।

23 लाख छात्रों के मामले को सुन रहे

दोबारा परीक्षा का आदेश देने से पहले हमें लीट यूजी के पेपर लीक की प्रकृति के बारे में जानना होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि हम 23 लाख छात्रों के मामले को सुन रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि इस गड़बड़ी से किन-किन छात्रों को फायदा पहुंचा? केंद्र और एनटीए ने यह जानने के लिए क्या कार्रवाई की?’

पेपर लीक का कितने केंद्रों पर असर पड़ा

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पेपर लीक होने से किस हद तक परीक्षा प्रभावित हुई, पूरी परीक्षा दोबारा कराने का निर्णय इस बात पर निर्भर करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए से पेपर लीक होने की तिथि और समयवार मांगा ब्योरा। यह भी पूछा कि पेपर लीक का कितने केंद्रों पर असर पड़ा। गुरुवार को फिर इस मामले की सुनवाई होगी। एनटीए और सरकार यह भी बताएगी कि भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए । मौजूदा मामले में कितने लोग गड़बड़ियों के लिए चिन्हित किए गए।

लीक होने के कारण कितने छात्रों के परिणाम रोके गए?

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि लीक होने के कारण कितने छात्रों के परिणाम रोके गए। शीर्ष कोर्ट ने पूछा कि ये छात्र कहां हैं? भौगोलिक तौर पर ये छात्र कहां-कहां हैं? क्या हम अभी भी गलत काम करने वालों का पता लगा रहे हैं? सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि परीक्षा को दोबारा से कराना सबसे आखिरी विकल्प होना चाहिए। मामले में जो कुछ भी हुआ, उसकी जांच देश भर के विशेषज्ञों की एक बहु अनुशासनात्मक समिति से कराई जानी चाहिए।

 

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