Kaithal News: कर्मचारी ने की कैथल के कृषि विभाग में लाखों की घूसखोरी की सूची वायरल, अधिकारी ने दी सफाई

नरेन्द्र सहारण, गुहला-चीका (कैथल)। Kaithal News: सरकारी विभागों में काम कराने के लिए रिश्वत लेना-देना आम बात है। अब कृषि विभाग कैथल को लेकर ऐसी ही चर्चा है। विभाग के जिला स्तर के अधिकारी पर रिश्वत लेने संबंधी एक ऑडियो और रिश्वत की लिस्ट व्हाट्सएप ग्रुपों में वायरल हो रही है। इससे पूरे विभाग में हड़कंप मचा है। इस ऑडियो में पेस्टीसाइड विक्रेताओं की फर्म और रिश्वत के रूप में दी गई राशि का ब्योरा दिया गया है। क्या इसी रिश्वत की आड़ में नकली व एक्सपायरी दवाइयां बेचने का खेल खेला जाता रहा है। ऐसी चर्चा है कि यह सूची कृषि विभाग में कार्यरत एक कर्मचारी ने ही जारी की है।
रिश्वत की पूरी सूची का जिक्र
इस लिस्ट में चार हजार से लेकर 20 लाख रुपये तक की रिश्वत का जिक्र है। अगर उक्त कर्मचारी द्वारा जारी की गई ऑडियो व लिस्ट को सही मान लिया जाए तो रिश्वत लेने वाले अधिकारी के साथ देने वाले पेस्टीसाइड विक्रेता पर भी तमाम सवाल खड़े होते हैं। इससे पता चलता है कि विभाग में किस स्तर पर रिश्वत का खेल चल रहा है। इसकी भनक ऊपर के अधिकारियों तक को नहीं है।
भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ है कृषि विभाग
क्षेत्र के कुछ पेस्टीसाइड विक्रेताओं ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कृषि विभाग भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ है। उन्होंने बताया कि विभाग के कर्मचारी कभी स्टॉक रजिस्टर पूरा न होने के नाम पर तो कभी दवाइयों के सैंपल लेने का डर दिखाकर विभाग द्वारा रिश्वत लिया जाता है। इसमें रिश्वत की अलग-अलग लिस्ट है। लिस्ट में छोटे दुकानदार से चार हजार रुपये से लेकर 25 हजार रुपये लिए जाते हैं। वहीं दूसरी ओर एक दुकानदार से 20 लाख रुपये की राशि लेना दर्शाया है। ऐसे में सवाल उठता है कि ऐसे में 20 लाख रुपये रिश्वत देने वाला दुकानदार क्या किसानों को असली दवाई बेचता होगा या किसानों को जहर ही बेचता होगा
अधिकारी की सफाई
वायरल लिस्ट के बारे में जिला कृषि अधिकारी बलवंत सहारण ने कहा कि जिस कर्मचारी ने रिश्वत संबंधी लिस्ट सोशल मीडिया पर वायरल की है, उसकी शैक्षणिक योग्यता संबंधी दस्तावेज संदेह के घेरे में है। इसको लेकर पिछले 11 जून को पुलिस में मामला दर्ज करवाया गया है। उसी रंजिश में उक्त कर्मचारी ने रिश्वत लेने के संबंध में लिस्टें जारी कर मुझे बदनाम करने का प्रयास किया है। मेरे ऊपर लगाए गए रिश्वत लेने संबंधी सभी आरोप निराधार हैं। मैने आज तक रिश्वत का एक रुपया नहीं लिया। मैं निष्पक्ष और ईमानदारी से अपनी ड्यूटी करता हूं।
गोदाम तो सील किया, पर कार्रवाई कुछ नहीं
पिछले दिनों कृषि विभाग के अधिकारियों ने चीका में एक पेस्टीसाइड का गोदाम सील किया था। इसमें आरोप लगाया गया था कि इस गोदाम में नकली दवाइयां जमा की गई हैं। बाद में जब इस गोदाम को खोला गया तो उसमें से दवाइयां गायब मिलीं। आरोप है कि अधिकारियों ने मिलीभगत से मामले को रफा-दफ कर दिया।
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