NEET UG Exam Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट को बड़ा फैसला, दोबारा नहीं होगी नीट यूजी की परीक्षा , जानें और क्या कहा

नई दिल्ली, बीएनएम न्यूज। Supreme Court on NEET UG Exam: सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल में प्रवेश की राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) परीक्षा को रद्द नहीं करने का निर्णय दिया है। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा, ने साफ किया कि नीट दोबारा नहीं होगी। साथ ही कहा कि रिकार्ड पर ऐसा कोई डाटा या साक्ष्य नहीं है जिसके आधार पर नीट में अनियमितताओं और बड़े स्तर पर प्रश्नपत्र लीक के बारे में प्रणालीगत खामियों के संकेत मिलते हों जिसके कारण पूरी परीक्षा की शुचिता भंग हुई हो। लिहाजा रिकार्ड पर मौजूद सामग्री को देखते हुए पूरी परीक्षा रद्द करने का आदेश देना न्यायोचित नहीं होगा। दोबारा परीक्षा कराने का आदेश देने से 23 लाख से ज्यादा छात्रों पर गंभीर असर होगा जो परीक्षा में शामिल हुए थे। साथ ही मेडिकल पाठ्यक्रम में प्रवेश का शेड्यूल भी डिस्टर्ब हो जाएगा, जिसका मेडिकल शिक्षा पर बुरा पर असर होगा।

सुप्रीम  कोर्ट ने यह भी कहा कि दोबारा परीक्षा का आदेश देने से वंचित वर्ग के छात्र भी प्रभावित होंगे, जिनके लिए सीटें आरक्षित होती हैं। हालांकि कोर्ट ने माना कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि पटना और हजारीबाग में पेपर लीक हुआ था। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार, 23 जुलाई को कहा कि एनटीए दो दिनों के भीतर नीट यूजी 2024 का फाइनल रिजल्ट घोषित करेगा। यह जानकारी उन्होंने देर शाम प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए दी।

नए सिरे से नीट का रिजल्ट जारी करने का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने नीट में पूछे गए फिजिक्स के एक सवाल के सही विकल्प (विकल्प-चार) पर आइआइटी दिल्ली की रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) को उसके मुताबिक नए सिरे से नीट का रिजल्ट जारी करने को कहा है। इससे नीट क्वालीफाई करने वाले करीब 13 लाख छात्रों की रैंक पर असर पड़ेगा क्योंकि नियम के मुताबिक सही जवाब के चार अंक मिलते हैं और गलत जवाब पर एक अंक कट जाता है। ये आदेश प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने नीट में गड़बड़ियों और पेपर लीक के आरोपों पर चार दिन बहस सुनने के बाद मंगलवार को दिए। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अर्जेन्सी को देखते हुए निष्कर्ष का संक्षिप्त आदेश दिया है। कारणों के साथ विस्तृत आदेश बाद में जारी किया जाएगा।

केंद्र व एनटीए ने परीक्षा रद्द करने का विरोध किया

एनटीए ने 5 मई को मेडिकल पाठ्क्रम में प्रवेश के लिए नीट-यूजी का आयोजन किया था, जिसका रिजल्ट 4 जून को जारी किया गया था। केंद्र और एनटीए ने कोर्ट में परीक्षा रद्द करने का विरोध किया था। केंद्र सरकार और शिक्षा मंत्रालय का कहना था कि पूरी परीक्षा रद कर नए सिरे से नीट का आयोजन कराने से ईमानदार और मेहनती छात्रों के हित प्रभावित होंगे। एनटीए ने भी विरोध करते हुए कहा था कि पेपर लीक की घटनाएं पटना और हजारीबाग तक सीमित हैं। परीक्षा में प्रणालीगत नाकामी नहीं हुई है।

दोबारा परीक्षा कराने का आदेश देना न्यायोचित नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं एवं केंद्र सरकार और एनटीए की ओर से सालिसिटर जनरल तुषार मेहता की बहस सुनने और सीबीआइ, बिहार पुलिस व बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा की रिपोर्ट देखने के बाद पूरी सामग्री का स्वतंत्र आकलन करते हुए यह फैसला सुनाया है। कोर्ट ने आदेश में कहा कि पूर्व के फैसले में तय मानकों और रिकार्ड पर मौजूद सामग्री को देखते हुए दोबारा परीक्षा कराने का आदेश देना न्यायोचित नहीं होगा। हालांकि कोर्ट ने कहा कि परीक्षा को लेकर जिन छात्रों को व्यक्तिगत शिकायत है, वे कानून के मुताबिक हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर राहत मांग कर सकते हैं।

पेपर लीक की घटना का लाभ लेने वाले 155 छात्र

कोर्ट ने आदेश में माना कि पटना और हजारीबाग में पेपर लीक हुआ था, लेकिन इस बारे में सीबीआइ की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि जांच अभी चल रही है और रिपोर्ट के मुताबिक हजारीबाग और पटना में पेपर लीक की घटना का लाभ लेने वाले 155 छात्र थे। कोर्ट ने कहा चूंकि दागी छात्रों की पहचान की जा सकती है इसलिए दोबारा पूरी परीक्षा कराने की दलीलें स्वीकार करने योग्य नहीं हैं। अगर सीबीआइ जांच में आगे छात्रों की संख्या बढ़ती है तो निश्चित तौर पर उन छात्रों के विरुद्ध उचित कार्रवाई की जाएगी। कोई भी छात्र जो इस फर्जीवाड़े में शामिल रहा है और लाभार्थी रहा है, वह एडमीशन जारी रखने का दावा नहीं कर सकता। अदालत ने समय की बर्बादी, प्रश्न-पत्र के सेट में परिवर्तन और भाषा संबंधी मुद्दों के कारण 1,563 छात्रों के लिए पुनःपरीक्षा आयोजित करने के एनटीए के निर्णय को भी बरकरार रखा।

यह था विवादित प्रश्न

कथन-1- परमाणु विद्युत रूप से उदासीन होते हैं क्योंकि उनमें समान संख्या में धनात्मक और ऋणात्मक आवेश होते हैं।
कथन-2-प्रत्येक तत्व के परमाणु स्थिर होते हैं और अपना विशिष्ट स्पेक्ट्रम उत्सर्जित करते हैं।
उपरोक्त कथनों के आलोक में, नीचे दिए गए विकल्पों में से सबसे उपयुक्त उत्तर चुनें:-
(1) कथन 1 गलत है, लेकिन कथन 2 सही है।
(2) कथन 1 और कथन 2 दोनों सही हैं।
(3) कथन 1 और कथन 2 दोनों गलत हैं।
(4) कथन 1 सही है, लेकिन कथन 2 गलत है।

 

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