आमिर खान की जिंदगी का वह दर्दनाक दौर: 16 साल शादी, तलाक और शराब की लत से जूझना

मुंबई, बीएनएम न्‍यूज। बॉलीवुड के मिस्टर परफेक्शनिस्ट कहे जाने वाले आमिर खान की जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव आए हैं। फिल्मी सफलता के साथ-साथ उनके जीवन में भी कई निजी संघर्ष छुपे हुए हैं। खासतौर पर उनकी शादी, तलाक और उसके बाद का दौर उनके जीवन के सबसे कठिन समय को दर्शाता है। इस कहानी में हम आमिर खान के उस दुखद और जटिल दौर को विस्तार से जानेंगे जब उनका जीवन पूरी तरह से बदल गया था, और वे अपने अंदर के दर्द से जूझ रहे थे।

यह कहानी न केवल उनके करियर का बल्कि उनके व्यक्तिगत जीवन का एक महत्वपूर्ण पहलू है, जिसे उन्होंने एक इंटरव्यू में खोलकर सबके सामने रखा। इस लेख में हम आमिर खान की शादी, तलाक, अकेलेपन की भावना, शराब की आदत, मानसिक स्वास्थ्य और उस दौर से बाहर निकलने की जद्दोजहद का विश्लेषण करेंगे।

आमिर खान और रीना दत्ता की शादी साल 1986 में हुई थी।

आमिर खान की शादी और परिवार

 

आमिर खान का जीवन एक सामान्य अभिनेता से अलग एक आदर्श परिवार के पिता का भी है। उन्होंने साल 1986 में रीना दत्ता से शादी की। यह शादी बॉलीवुड में एक मिसाल मानी जाती थी क्योंकि दोनों ही अपने अपने क्षेत्रों में प्रसिद्ध थे। शादी के बाद उनके जीवन में खुशियों का आगमन हुआ और उनके दो बच्चे आयरा और जुनैद का जन्म हुआ। आमिर और रीना का रिश्ता कई वर्षों तक मजबूत रहा, लेकिन समय के साथ चीजें बदलने लगीं। 16 साल के लंबे साथ के बाद यानी 2002 में दोनों का तलाक हो गया। इस तलाक ने आमिर को गहरे सदमे में डाल दिया। यह एक ऐसा समय था जब वे अपने जीवन के सबसे कठिन दौर से गुजर रहे थे।

तलाक का सदमा और अकेलेपन की शुरुआत

 

आमिर खान ने अपनी जिंदगी के उस क्रूर दौर को विस्तार से साझा किया है। उन्होंने बताया कि तलाक के बाद उनका जीवन पूरी तरह से बिखर गया था। रीना और उनके बच्चे उनके घर छोड़कर चली गई थीं। घर में अकेलेपन का माहौल छाया हुआ था। पत्नी और बच्चों के बिना घर सूना-सूना सा लग रहा था। उनके पास कोई सहारा नहीं था। अकेलेपन की इस भावना को वह किसी भी तरह से सहन नहीं कर पा रहे थे। घर के पास ही उनकी पत्नी और बच्चे एक बिल्डिंग में शिफ्ट हो गए थे। उस समय का समय उनके लिए बहुत ही कठिन था। आमिर ने बताया कि उस समय उनके पास कोई सहारा नहीं था। कुक उनके साथ गया था,और उन्होंने अपने ड्राइवर को भी साथ भेज दिया था ताकि वह उनके परिवार के साथ रहे। वे खुद घर में अकेले रह गए थे। उस समय का अनुभव उनके लिए किसी भी सामान्य व्यक्ति के लिए भी बहुत ही दर्दनाक था।

आमिर खान ने 2002 में रीना दत्ता से तलाक लिया है।

शराब की ओर कदम और उसका कारण

 

आमिर खान ने स्वीकार किया है कि उस समय वे शराब पीने लगे थे। उन्होंने कहा कि पहले तो उन्होंने मज़ाक में काम के दौरान और जरूरत पड़ने पर ही शराब पी थी लेकिन जब उनकी पत्नी और बच्चे घर छोड़कर चले गए, तो उनका अकेलापन और दर्द बढ़ने लगा। उनके मुताबिक,वह कभी शराब पीते नहीं थे लेकिन उस समय का तनाव और अवसाद उन्हें शराब की ओर ले आए। उन्होंने बताया कि यह सिलसिला करीब डेढ़ साल तक चला। उस दौरान वे रोजाना शराब का सेवन करने लगे थे। आमिर ने बताया कि वह शराब का सेवन अपने आप को संभालने के लिए कर रहे थे। वह चाह रहे थे कि इस दर्द और अकेलेपन से थोड़ा राहत मिल जाए। वह अपने आप को कमजोर महसूस कर रहे थे, और शराब उनके लिए एक सहारा बन गई थी।

इंटरव्यू में आमिर का खुलासा

 

आमिर खान ने अपने इंटरव्यू में बहुत ही भावुक होकर अपने उस दौर को साझा किया। उन्होंने कहा कि उस समय वह बहुत ही टूट चुके थे। उनके जीवन का वह हिस्सा, जब वह खुद को संभालने की कोशिश कर रहे थे, उनके लिए किसी भी तरह से आसान नहीं था। उनका कहना था कि वह कभी भी शराबी नहीं थे लेकिन उस समय का अकेलापन और मानसिक तनाव उन्हें शराब की ओर खींच रहा था। उस वक्त वह अपने अंदर के दर्द को छुपाने के लिए शराब का सहारा ले रहे थे। उन्होंने कहा, मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं कैसे अपने जीवन को फिर से संवारूं। मैं बहुत ही कमजोर महसूस कर रहा था। शराब ने उस समय मेरी राहत का जरिया बना लिया था। मैं हर रात को बेहोश हो जाता था, ताकि उस दर्द से कुछ राहत मिल सके।

शराब के सेवन का असर और मानसिक स्वास्थ्य

 

आमिर खान ने स्वीकार किया कि करीब डेढ़ साल तक वह रोजाना शराब पीते रहे। इससे उनके जीवन में और भी गहरा अंधकार छा गया। वह उस दौर में बहुत ही नकारात्मक सोच में डूब गए थे। उनका कहना था कि उस समय, वह खुद को खत्म करने का मन बना चुके थे। वह देवदास की तरह अपने जीवन को खत्म करने के ख्याल से घिरे हुए थे। उन्होंने अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान नहीं रखा। पूरे समय वह अपने अंदर के दर्द को सहने की कोशिश कर रहे थे। उनका कहना था कि उस दौर में उन्होंने काम भी लगभग छोड़ दिया था। न ही उनसे मिलना-जुलना होता था। उनके आस-पास का माहौल भी उदासीन था। वह अपने जीवन में बहुत अकेले थे।

उस दौर की फिल्म और करियर पर प्रभाव

 

आमिर खान का उस समय का संघर्ष उनके करियर पर भी असर डाल रहा था। उन्होंने बताया कि उस समय फिल्में भी उनके जीवन का हिस्सा नहीं थीं। उन्होंने काम करना बंद कर दिया था। उनकी फिल्म ‘लगान’ 2001 में रिलीज हुई थी, जो एक बड़ी सफलता थी। लेकिन उससे पहले वह उस दौर में बहुत ही नकारात्मक स्थिति में थे। उनके मन में तरह-तरह के विचार आ रहे थे और वे अपने आप को खत्म करने का सोच रहे थे। उनके मुताबिक वह खुद को अपने अंदर के अंधकार में डूबा हुआ महसूस कर रहे थे। उनके जीवन में कोई उम्मीद नहीं दिखाई दे रही थी। वह खुद को एक तरह से खत्म करने का मन बना चुके थे, जैसे कि फिल्म ‘देवदास’ का किरदार।

बाहर निकलने का संघर्ष और नई शुरुआत

 

आमिर खान ने अपने जीवन के सबसे कठिन दौर से निकालने का संघर्ष किया। उन्होंने अपने आप को संभालने की कोशिश की। वह मानते हैं कि यह दौर उनके जीवन का सबसे बड़ा सबक था। उनका कहना है कि इस कठिन समय ने उन्हें मजबूत बनाया। उन्होंने धीरे-धीरे शराब को छोड़ना शुरू किया। उन्होंने अपने मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान देना शुरू किया। अपने दोस्तों, परिवार और चिकित्सकों की मदद ली। 2000 के दशक की शुरुआत में आमिर ने अपनी जिंदगी को फिर से पटरी पर लाने का फैसला किया। उन्होंने अपनी पुरानी ऊर्जा और उत्साह को वापस पाया। अपने करियर में नई जान फूंकी और अपने जीवन को सकारात्मक दिशा में मोड़ा।

वर्तमान और भविष्य

 

आज आमिर खान अपने जीवन के इस कठिन दौर को याद कर कहते हैं कि वह अपने अनुभव से बहुत कुछ सीखे हैं। उन्होंने अपनी जिंदगी में बदलाव लाया है। वे अब अपने परिवार स्वास्थ्य और करियर पर ध्यान केंद्रित करते हैं। उनका मानना है कि जीवन में असफलता और दुख हर किसी के हिस्से में आता है, लेकिन उसे पार करने का रास्ता अपनी मानसिक मजबूती से ही निकलता है। वे अपने अनुभव को साझा करके, दूसरों को भी प्रेरित करना चाहते हैं कि कठिन समय में उम्मीद और साहस बनाए रखना जरूरी है।

प्रेरणा और चेतावनी

 

आमिर खान की कहानी एक प्रेरणा भी है और एक चेतावनी भी। यह हमें सिखाती है कि जीवन में कितनी भी कठिनाइयां क्यों न आएं, आत्मबल और साहस से ही हम इन पर विजय प्राप्त कर सकते हैं। उनके इस अनुभव ने उन्हें और मजबूत बनाया है और वह आज भी अपने अनुभवों को साझा कर दूसरों को उम्मीद और प्रेरणा देना चाहते हैं। उनकी कहानी हमें यह भी याद दिलाती है कि हर व्यक्ति का जीवन संघर्षों से भरा होता है, लेकिन उनसे लड़कर ही हम अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं। आमिर खान की यह यात्रा उनके व्यक्तित्व का एक अमूल्य हिस्सा है जो उन्हें और भी महान बनाता है।

 

 

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