बांग्लादेश में इस्कॉन मंदिर के महासचिव ने भारत से मांगी मदद, बोले-हिंदू बहुत डरे हैं, कभी भी हो सकता है हमला
नई दिल्ली, आइएएनएस : बांग्लादेश में तख्तापलट के साथ ही हिंदुओं पर जारी अत्याचार को लेकर बांग्लादेश इस्कान के महासचिव चारू चंद्रदास ब्रह्मचारी ने भारत सरकार से मदद की अपील की है। उन्होंने हिंसा की घटनाओं में हिंदुओं को निशाना बनाए जाने पर चिंता जताते हुए भारत सरकार से उन्हें बचाने आने को कहा है।
हिंदू विधायकों, व्यापारियों के घरों पर हमले
बांग्लादेश में इस्कान महासचिव ब्रह्मचारी ने मंगलवार को एक इंटरव्यू में बताया कि हिंदू बहुत डरे हुए हैं। उन पर कभी भी हमला हो सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि हिंदू विधायकों, व्यापारियों और उनके घरों पर हमले हो रहे हैं। अगर यह जारी रहा तो हिंदू यहां नहीं रुकेंगे। उन्होंने साधु-संतों और भक्तों पर हमले की प्रबल आशंका जताते हुए कहा कि मंदिरों में रहते हुए यहां लोगों के बीच गेरुए वस्त्रों में कभी भी हमला हो सकता है।
यहां कितनी देर सुरक्षित रह पाएंगे ?
हालांकि बांग्लादेश के दूसरे सबसे बड़े शहर चट्टोग्राम में देश के सबसे बड़े इस्कान मंदिर में फिलहाल कोई हमला नहीं हुआ है, लेकिन हमें नहीं पता कि हम यहां कितनी देर सुरक्षित रह पाएंगे। उन्होंने बताया कि मंदिर परिसर में फिलहाल 150 शृद्धालु हैं। उन्होंने कहा कि वह भगवान श्रीकृष्ण की आस लगाए हैं और उनसे प्रार्थना करते हैं। उन्हें उम्मीद है कि बांग्लादेशी हिंदुओं की भारत सरकार रक्षा करेगी। ब्रह्मचारी ने भारत सरकार से अपील करते हुए कहा कि भारत और बांग्लादेश के संबंध अच्छे हैं, इसलिए भारत सरकार यहां के अल्पसंख्यक हिंदुओं के लिए कुछ कर सकती है। हम आपसे अपील करते हैं कि हमारी मदद करें।
हमले की अनगिनत घटनाएं
जब उनसे पूछा गया कि क्या वह भारत में शरण लेना चाहेंगे, तो उन्होंने कहा कि अगर हालात ऐसे ही बिगड़ते गए तो यहां के बहुत से हिंदू बांग्लादेश छोड़ देंगे और या तो भारत या फिर और किसी देश में चले जाएंगे। उन्होंने कहा कि मैं एक साधु हूं और यह मेरा देश हैं। लेकिन हम इस बात को लेकर चिंतित हैं कि बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक कितने दिन सुरक्षित रह सकते हैं। अगर हिंसक घटनाएं रुकी तो हम रुकेंगे वरना लोगों को यहां से जाना होगा। हिंदू मंदिरों और घरों को जलाने और उनके परिवारों पर हमले की अनगिनत घटनाएं हो रही हैं। जब भी यहां सरकार गिरती है, हिंदुओं पर हमले शुरू हो जाते हैं।