निर्वासित बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन ने ली पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की चुटकी, कही यह बात

शेख हसीना और तस्लीमा नसरीन।

नई दिल्ली, प्रेट्र। 1999 में बांग्लादेश से निष्कासित लेखिका तस्लीमा नसरीन ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की स्थिति पर टिप्पणी करते हुए कहा कि जिन इस्लामी कट्टरपंथियों के कारण उन्हें अपने देश से निकाला गया था, वही कट्टरपंथी आज शेख हसीना को भी देश छोड़ने पर मजबूर कर रहे हैं। तस्लीमा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए यह बात कही।

‘लज्जा’ के विरोध के चलते देश निकाला गया

 

तस्लीमा नसरीन, जोकि अपनी किताब ‘लज्जा’ के विरोध के चलते बांग्लादेश से निष्कासित की गई थीं, ने शेख हसीना की स्थिति को अपनी अपनी तरह की अनुभव बताया। उनकी किताब ‘लज्जा’ और ‘अमर मेयेबेला’ पर बांग्लादेश में प्रतिबंध लगा दिया गया था। तस्लीमा ने अपनी पोस्ट में कहा कि शेख हसीना ने इस्लामी कट्टरपंथियों को खुश करने के लिए उन्हें बांग्लादेश से बाहर कर दिया था। तस्लीमा ने 1999 में अपनी बीमार मां से मिलने के लिए बांग्लादेश जाने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें देश में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई। इसके बाद से उन्हें कभी भी बांग्लादेश जाने की अनुमति नहीं मिली। अब, वही कट्टरपंथी छात्र आंदोलन का हिस्सा बनकर शेख हसीना को भी देश छोड़ने पर मजबूर कर चुके हैं।

तस्लीमा ने भारत में शरण ली

 

अपको बता दें कि तस्लीमा नसरीन, जो 1994 से बांग्लादेश से निष्कासित हैं, इस समय भारत में रह रही हैं। उनके उपन्यास ‘लज्जा’ और ‘अमर मेयेबेला’ ने बांग्लादेश सरकार के साथ विवाद खड़ा कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने भारत में शरण ली। तस्लीमा ने पूर्व प्रधानमंत्री हसीना की परिस्थिति को अपने अनुभवों से जोड़ते हुए टिप्पणी की है कि कैसे कट्टरपंथी विचारधारा के कारण उन्हें और शेख हसीना को देश छोड़ना पड़ा।

बांग्लादेश का घटनाक्रम

आपको बता दें कि बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना और आरक्षण के खिलाफ 2 महीने से जारी प्रदर्शन में जमकर हिंसा हुई थी। इसमें सैकड़ों लोग मारे गए। इसके बाद वे पद से इस्तीफा देकर सोमवार को भारत पहुंची थीं। हिंडन एयरबेस पर एनएसए जित डोभाल ने उनसे करीब एक घंटे बातचीत की थी।

बांग्लादेश में हिंसा की स्थिति को देखते हुए पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना कुछ दिनों तक भारत में ही रह सकती हैं। उनकी ब्रिटेन में पनाह मिलने की उम्मीद टूटती दिख रही हैं। वहां की सरकार ने ऐसे संकेत दिए हैं कि ब्रिटेन पहुंचने पर उनके खिलाफ बांग्लादेश के प्रदर्शनों के चलते कानूनी कार्रवाई हो सकती है।

माना जा रहा है कि भारत में फिलहाल शेख हसीना को सुरक्षित जगह पर शिफ्ट कर दिया गया है। वहीं,कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि अमेरिका ने शेख हसीना का वीजा रद्द कर दिया है।

दूसरी तरफ बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने वहां की संसद भंग कर दी है। देश की पूर्व पीएम खालिदा जिया को भी रिहा कर दिया गया है। प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने मंगलवार दोपहर तीन बजे तक संसद भंग करने का अल्टीमेटम दिया था।

इधर, भारत में मंगलवार को सर्वदलीय बैठक में विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि शेख हसीना सदमे में हैं। सरकार बात करने से पहले उन्हें कुछ समय दे रही है। वे भविष्य को लेकर खुद फैसला लेंगी।” कयास लगाए जा रहे हैं कि वे लंदन या फिनलैंड जा सकती हैं।

 

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