Manish Sisodia Bail: मनीष सिसोदिया को मिली बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने दी जमानत; 17 महीने बाद जेल से बाहर आएंगे

नई दिल्ली, बीएनएम न्यूज। दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम और आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को जमानत दे दी है। सिसोदिया को 10 लाख रुपए का बॉन्ड भरना होगा। सिसोदिया 17 महीने से तिहाड़ जेल में बंद हैं। वे आज ही जेल से बाहर आ सकते हैं।

सर्वोच्च न्यायालय ने उन पर शर्त लगाते हुए निर्देश दिया कि वे अपना पासपोर्ट जमा कर दें। उन्हें हर सोमवार को थाने में गवाही देनी होगी। इसके साथ ही कोर्ट ने उनसे कहा कि वे गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश न करें।

दिल्ली शराब नीति घोटाले में सीबीआइ ने मनीष ​​​​​​​सिसोदिया को पिछले साल 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था। इसके बाद ईडी ने 9 मार्च को उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फिर से गिरफ्तार कर लिया। न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने सुनवाई के बाद छह अगस्त को फैसला सुरक्षित रख लिया था।

मनीष सिसोदिया ने दिल्ली हाईकोर्ट की तरफ से जमानत याचिका खारिज किए जाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने शराब नीति में कथित अनियमितताओं के मामलों में उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी। मामले की पिछली सुनवाई 29 जुलाई को हुई थी, जिसमें ईडी ने जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए समय मांगा। इसके बाद जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने सुनवाई स्थगित कर दी।

केस खत्म होने की दूर-दूर तक कोई संभावना नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने सिसोदिया को जमानत देते हुए कहा कि केस में अब तक 400 से ज्यादा गवाह और हजारों दस्तावेज पेश किए जा चुके हैं। आने वाले दिनों में केस खत्म होने की दूर-दूर तक कोई संभावना नहीं है। ऐसे में सिसोदिया को हिरासत में रखना स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन होगा।

सुप्रीम कोर्ट ने एएसजी की अपील नहीं मानी

सीबीआइ और ईडी का पक्ष रख रहे ए़डिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू (ASG) ने कोर्ट में मनीष सिसोदिया पर कुछ पाबंदी लगाने की मांग की। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया कि सिसोदिया पर अरविंद केजरीवाल केस की तरह शर्तें लगाई जाएं।

एएसजी ने मनीष सिसोदिया को मुख्यमंत्री कार्यालय और सचिवालय में एंट्री पर रोक लगाने की मांग की। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इसे रद कर दिया। सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि स्वतंत्रता का मामला हर दिन मायने रखता है, इसलिए हम इसकी अनुमति नहीं दे सकते हैं।

संजय सिंह बोले- ये केंद्र की तानाशाही पर तमाचा

आप सांसद संजय सिंह ने मनीष सिसोदिया की जमानत मिलने के बाद कहा कि ये सत्य की जीत है। जैसा कि मैंने पहले भी कहा है, इस मामले में कोई सबूत नहीं है। हमारे नेताओं को जबरन जेल में डाला गया।

क्या है मामला

उच्चतम न्यायालय दिल्ली आबकारी नीति में कथित घोटाले और भ्रष्टाचार के साथ-साथ मनी लॉन्ड्रिंग के इस मामले में आज मनीष सिसोदिया की जमानत याचिकाओं पर फैसला सुनाया। बता दें कि मनीष सिसोदिया को रद्द हो चुकी दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 बनाने और इसके कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं में संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। पहले 26 फरवरी, 2023 को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने गिरफ्तार किया था। बाद में कई अलग-अलग आरोपों के तहत प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने भी सिसोदिया पर शिकंजा कसा।

 

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