सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता में डॉक्टर से दरिंदगी मामले में लिया स्वत:संज्ञान, सीजेआइ चंद्रचूड़ की बेंच करेगी मामले की सुनवाई

नई दिल्ली, एजेंसियां : सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कालेज एवं अस्पताल में एक प्रशिक्षु डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या के मामले में स्वत: संज्ञान लिया है। इस मामले को लेकर पूरे देश में नाराजगी है। ऐसे में प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ मंगलवार को इस मामले पर सुनवाई करेगी। पीठ के दो अन्य न्यायाधीश जस्टिस जेबी पार्डीवाला और मनोज मिश्र होंगे।

तत्काल हस्तक्षेप करे सुप्रीम कोर्ट

 

सुप्रीम कोर्ट के दो वकीलों ने गुरुवार को सीजेआइ को पत्र लिखकर उनसे इस मामले में स्वतः संज्ञान लेने का आग्रह किया था। दोनों वकीलों ने पत्र में कहा था कि देश की सर्वोच्च अदालत स्थिति की मांग को देखते हुए तत्काल हस्तक्षेप करे। अब समय आ गया है कि न्यायपालिका खासकर सुप्रीम कोर्ट स्पष्ट संदेश दे कि इस तरह के जघन्य अपराध बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे।

हाईकोर्ट ने सीबीआई को सौंपी थी मामले की जांच

 

नौ अगस्त को अस्पताल के सेमिनार हाल में प्रशिक्षु डॉक्टर का शव मिला था। उसके शरीर पर गंभीर चोटों के निशान थे। अगले दिन कोलकाता पुलिस ने एक आरोपित को गिरफ्तार किया था। कलकत्ता हाई कोर्ट ने 13 अगस्त को मामले की जांच कोलकाता पुलिस से सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया। हाई कोर्ट ने विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थी। इसमें पीड़िता के माता-पिता द्वारा अदालत की निगरानी में जांच की मांग करने वाली याचिका भी शामिल थी। हाई कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने 14 अगस्त को अपनी जांच शुरू कर दी है। इस मामले में अस्पताल के प्रिसिंपल से भी पूछताछ की जा रही है।

देशभर में व्यापक स्तर पर विरोध-प्रदर्शन

 

सरकारी अस्पताल में जूनियर डाक्टर से दुष्कर्म और हत्या के बाद देशभर में व्यापक स्तर पर विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। आरजी कर मेडिकल कालेज एवं अस्पताल में प्रदर्शन के दौरान भीड़ द्वारा की गई हिंसा को राज्य मशीनरी की पूर्ण विफलता मानते हुए हाई कोर्ट ने पुलिस और अस्पताल के अधिकारियों को वहां की स्थिति पर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था। राज्य सरकार के वकील ने अदालत को बताया कि बुधवार आधी रात के बाद लगभग सात हजार लोगों की भीड़ अस्पताल में एकत्र हो गई। इस पर हाई कोर्ट ने कहा कि यह विश्वास करना कठिन है कि पुलिस खुफिया विभाग को इतनी बड़ी संख्या में लोगों के जमा होने की जानकारी नहीं थी।

केंद्र ने राज्यों से हर दो घंटे में रिपोर्ट देने को कहा

गृह मंत्रालय ने सभी राज्य पुलिस बलों से कहा है कि वे डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ और अन्य लोगों द्वारा किए जा रहे हड़ताल के मद्देनजर हर दो घंटे में स्थिति रिपोर्ट उपलब्ध कराएं। राज्य पुलिस बलों को भेजे गए संदेश में गृह मंत्रालय ने कहा कि हड़ताल के मद्देनजर सभी राज्यों की कानून-व्यवस्था की स्थिति पर नजर रखी जाए। गृह मंत्रालय ने राज्य पुलिस बलों को फैक्स और वाट्सएप नंबर तथा ईमेल आइडी भी उपलब्ध कराई है, जिस पर स्थिति रिपोर्ट भेजी जा सकती है। कोलकाता के एक अस्पताल में महिला डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या के विरोध में देश के विभिन्न हिस्सों में डाक्टर और अन्य चिकित्सा कर्मचारी हड़ताल पर हैं, जिससे स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं।

पद्म पुरस्कार से सम्मानित डॉक्टरों का पीएम को पत्र लिखा

 

कोलकाता में जूनियर डॉक्टर की हत्या से डॉक्टरों में उबाल है। इस बीच पद्म पुरस्कार से सम्मानित हो चुके 70 से अधिक डॉक्टरों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर स्वास्थ्यकर्मियों और डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए अलग कानून बनाने की मांग की है। साथ ही स्वास्थ्य सुविधाओं में बेहतर सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू करने का आग्रह किया है। डॉक्टरों ने पीएम को सुझाव दिया है कि स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ मौखिक या शारीरिक हिंसा करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। इसके लिए भी अध्यादेश लाया जाए। पत्र में पद्म पुरस्कार विजेताओं ने इस स्थिति से निपटने के लिए प्रधानमंत्री मोदी से तत्काल और व्यक्तिगत हस्तक्षेप की मांग की है। विशेष रूप से महिलाओं, लड़कियों और स्वास्थ्य पेशेवरों के खिलाफ हिंसा को रोकने की तत्काल जरूरत है।

पत्र लिखने वालों में आईसीएमआर के पूर्व महानिदेशक डॉ.बलराम भार्गव, एम्स दिल्ली के पूर्व निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया और इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलियरी साइसेंज के निदेशक डॉ. एसके सरीन, रेडियोलॉजिस्ट डॉ. हर्ष महाजन, एम्स दिल्ली में एंडोक्रिनोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. निखिल टंडन, सर गंगा राम अस्पताल में नेफ्रोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. डीएस राणा और सर्जन डॉ.संदीप गुलेरिया शामिल हैं।

 

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