Haryana CM: हुड्डा की चिंता बढ़ी, हरियाणा के सीएम पद की राह मुश्किल, सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा ने पेश की दावेदारी

भूपेंद्र हुड्डा और कुमारी सैलजा।
नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़। Haryana CM: कांग्रेस महासचिव कुमारी सैलजा ने हरियाणा विधानसभा चुनाव से कुछ हफ्ते पहले मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी पेश करते हुए शुक्रवार को कहा कि हर समुदाय या व्यक्ति की महत्वाकांक्षा होती है और (उनकी) क्यों नहीं हो सकती। उन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा का भी संकेत दिया और कहा कि वह राज्य में काम करने की इच्छुक हैं, लेकिन इस बारे में अंतिम फैसला कांग्रेस आलाकमान को करना है।
हरियाणा कांग्रेस कमेटी की पूर्व अध्यक्ष और सिरसा से लोकसभा सदस्य ने हरियाणा में कांग्रेस के भीतर गुटबाजी को लेकर कहा कि हर संगठन में लोगों की महत्वाकांक्षा और व्यक्तिगत स्थान के लिए जद्दोजहद होती है, लेकिन टिकट वितरण के साथ ही सभी जमीन पर उतरकर पार्टी के लिए काम करते हैं।
कुमारी सैलजा हरियाणा में कांग्रेस का बड़ा दलित चेहरा हैं। उनकी इस दावेदारी से पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा ग्रुप की टेंशन बढ़ा दी है। अभी हुड्डा सैलजा के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद आश्वस्त थे कि कांग्रेस सरकार बनने की सूरत में सीएम कुर्सी को लेकर उनकी राह में कोई रोड़ा नहीं होगा।
टिकट बंटवारे को लेकर नाराजगी
वहीं कांग्रेस हाईकमान ने भूपेंद्र हुड्डा और कुमारी सैलजा के बीच टिकट बंटवारे को लेकर नाराजगी जताई। जिसके बाद वे एक-दूसरे के समर्थक उम्मीदवारों को टिकट देने को लेकर सहमत हो सकते हैं। हालांकि खुले तौर पर हरियाणा में दोनों के बीच अभी मतभेद बरकरार हैं। दोनों की एक-दूसरे के कार्यक्रम में जाना तो दूर, अपने प्रोग्रामों में दूसरे की फोटो तक नहीं लगाई जा रही। हाईकमान ने दोटूक कह दिया कि अगर उनकी सहमति नहीं बनती तो फिर हाईकमान अपने हिसाब से फैसला लेगा। जिससे हुड्डा और सैलजा के करीबियों को बड़ा झटका लग सकता था
प्रदेश में हमारी सरकार बनेगी
कांग्रेस की तरफ से दलित समुदाय के किसी व्यक्ति को मुख्यमंत्री पद का मौका मिलना चाहिए, इस सवाल पर कुमारी सैलजा ने कहा कि देश और हरियाणा में लोकसभा चुनाव के नतीजे आए। हमें विश्वास है कि विधानसभा चुनाव में अच्छे नतीजे आएंगे और प्रदेश में (कांग्रेस की) हमारी सरकार बनेगी। उन्होंने आगे कहा कि हमारे देश में जाति एक वास्तविकता है। सबकी उम्मीदें भी होती हैं, चाहे व्यक्तिगत रूप से हों या सामुदायिक रूप से, यह होता है। सैलजा ने कहा कि अनुसूचित जाति समुदाय का अधिकतर वोट कांग्रेस की तरफ गया है और यह समुदाय कांग्रेस का आधार रहा है।
सैलजा ने कहा कि उम्मीदें होती हैं। अगर कोई समुदाय या कोई भी, अपने को मुख्यमंत्री के रूप में पेश करता है और उम्मीद करता है तो आज के दिन जागरूकता बढ़ चुकी है, एससी समुदाय में क्यों नहीं हो? जब दूसरी जातियों के नेता मुख्यमंत्री बन सकते हैं तो फिर अनुसूचित जातियों से क्यों नहीं। । क्या आप मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल हैं, पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद ने कहा कि जैसा कि मैंने कहा कि व्यक्तिगत तौर पर और समुदाय के स्तर पर लोगों की महत्वाकांक्षाएं होती हैं।
सैलजा ने कहा- पार्टी ने सीएम चेहरा घोषित नहीं किया
सैलजा ने सीएम कुर्सी की दावेदारी को लेकर कहा कि कांग्रेस कभी सीएम चेहरा घोषित नहीं करती। सरकार में होने पर सीएम रहा व्यक्ति पार्टी की अगुआई करता है। मगर, विपक्ष में रहने पर पार्टी किसी को सीएम चेहरा नहीं बनाती।
न तो ‘टायर्ड’ हैं और न ही ‘रिटायर्ड
इससे पहले, मुख्यमंत्री पद के चेहरे से जुड़े सवाल पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने गत 13 अगस्त को कहा था कि वह न तो ‘टायर्ड’ हैं और न ही ‘रिटायर्ड’ हैं, लेकिन पार्टी को बहुमत मिलने पर आलाकमान मुख्यमंत्री के बारे में फैसला करेगा। इस सवाल पर कि क्या वह विधानसभा चुनाव लड़ेंगी, सैलजा ने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले भी मैंने कहा था कि केंद्र की राजनीति काफी कर ली है, तो इस बार राज्य में जाकर काम करें। एक सच्चाई है कि लोगों के काम राज्य से ज्यादा संबंधित रहते हैं। राज्य में जाकर काम करना है, यह मेरी इच्छा है। अंतिम फैसला आलाकमान ही करेगा, लेकिन इच्छा है।
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