सरकारी कर्मचारियों को मोदी सरकार की बड़ी सौगात, यूनिफाइड पेंशन स्कीम को दी मंजूरी; जानें क्या है ये?

नई दिल्ली, बीएनएम न्यूजः Unified Pension Scheme: केंद्र की मोदी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को बड़ी सौगात दी है। नई पेंशन स्कीम में सुधार की मांग पर ध्यान देते हुए सरकार ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम को मंजूरी दे दी है। इसका उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को सुनिश्चित पेंशन, पारिवारिक पेंशन और सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन देना है। नई पेंशन स्कीम में सुधार को लेकर डॉ. सोमनाथ कमेटी का गठन किया गया था। इस कमेटी ने विस्तार से चर्चा के बाद रिपोर्ट पेश की।

दरअसल, आज शनिवार (24 अगस्त) को केंद्रीय कैबिनेट ब्रीफिंग के बारे में जानकारी केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। जिसमें यूनिफाइड पेंशन स्कीम का ऐलान भी शामिल है. नौकरी के बाद मिलने वाली पेंशन को ध्यान में रखते हुए इस स्कीम को लाया जा रहा है।

रिटायरमेंट पर मिलेगी सुनिश्चित राशि

यूपीएस में सुनिश्चित पेंशन, परिवार को पेंशन, सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन, पेंशन की राशि की महंगाई दर के साथ जोड़ने और सेवानिवृत्ति के समय ग्रेच्युटी के अलावा भी एक सुनिश्चित राशि के भुगतान की व्यवस्था की गई है। एक तरह से यह पुरानी पेंशन स्कीम की तरह ही होगी, लेकिन अंतर सिर्फ इतना होगा कि ओपीएस में जहां कर्मचारियों को योगदान नहीं देना होता था, यूपीएस में एनपीएस की तर्ज पर ही 10 प्रतिशत योगदान देना होगा।

कर्मचारियों को कोई भी अतिरिक्त योगदान नहीं देना होगा

यूपीएस के लिए कर्मचारियों को कोई भी अतिरिक्त योगदान नहीं देना होगा, जबकि केंद्र सरकार की तरफ से पेंशन फंड में योगदान मौजूदा 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 18.5 प्रतिशत कर दिया गया है। यह साल दर साल महंगाई दर आदि के कारण बढ़ता रहेगा। इससे केंद्र पर वर्ष 2025-26 के दौरान ही 6,250 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। चुनावी माहौल में इसे सरकार की ओर से बड़ा राजनीतिक दांव माना जा रहा है।

जानें -कब से लागू होगी यूपीएस

पीएम नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक शनिवार देर शाम को हुई, जिसमें यूनीफाइड पेंशन स्कीम के बारे में फैसला किया गया। सूचना व प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि यह योजना एक अप्रैल, 2025 से लागू होगी। इससे सीधे तौर पर केंद्र सरकार के 23 लाख कर्मचारियों को फायदा होगा।

एनपीएस से ज्यादा यूपीएस फायदेमंद

सरकार का आकलन है कि अभी कार्यरत 99 प्रतिशत से ज्यादा केंद्रीय कर्मियों के लिए एनपीएस से ज्यादा यूपीएस आर्थिक तौर पर फायदेमंद होगा। एनपीएस वर्ष 2004 से लागू है और तब से अभी तक जितने सरकारी कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए हैं, उनको यूपीएस के तहत पेंशन सुविधा लेने का विकल्प मिलेगा। अगर कर्मचारी ऐसा करते हैं तो उन्हें जो अतिरिक्त राशि व उसका ब्याज बनेगा, उसका भुगतान केंद्र से होगा।  ऐसे कर्मचारियों को केंद्र को 800 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि का भुगतान करना होगा।

राज्य सरकार लागू कर सकती है यह स्कीम

वैष्णव ने बताया कि अगर राज्य सरकारें चाहें तो इसी आधार पर अपने कर्मचारियों के लिए भी पेंशन स्कीम लागू कर सकती हैं। ऐसा होता है तो राज्य सरकारों के 90 लाख कर्मचारियों को भी फायदा हो सकता है। स्पष्ट है कि चुनाव में मुद्दा बना रहे विपक्षी दलों पर अब यह जिम्मेदारी आएगी कि वे भी अपने राज्यों में तत्काल प्रभाव से इसे लागू करने की घोषणा करें। हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में चुनाव की घोषणा हो चुकी है और अगले एक दो महीने में महाराष्ट्र और झारखंड में भी घोषणा होनी है। ऐसे में राजनीतिक दलों पर यह दबाव रहेगा कि वह अपने घोषणापत्र में इसे शामिल करें।

ओल्ड पेंशन स्कीम की सरकार ने निकाली काट 

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘विपक्ष सिर्फ ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) को लेकर राजनीति करता रहा है. दुनिया भर के देशों में क्या स्कीम है उनको देखने के बाद तमाम लोगों से चर्चा करने के बाद इस कमेटी ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम का सुझाव दिया। कैबिनेट ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम को अप्रूव कर दिया है। कर्मचारियों की तरफ से एश्योर्ड अमाउंट की मांग किया जा रही थी।’

उन्होंने जानकारी देते हुए कहा, “पेंशनधारियों को 50 प्रतिशत एश्योर्ड पेंशन दी जाएगी। रिटायरमेंट के पहले के 12 महीना का एवरेज बेसिक पे का 50 प्रतिशत होगा। ये पेंशन 25 साल की सर्विस करने के बाद ही मिलेगी। एनपीएस की जगह अब सरकार यूनिफाइड पेंशन स्कीम यानि यूपीएस ला रही है। सरकार ने ओपीएस की काट निकाली है।”

यूपीएस की खास बातें

  • यूपीएस में कर्मचारियों को सुनिश्चित पेंशन मिलेगी, जबकि एनपीएस में बाजार में निवेशित राशि के हिसाब से पेंशन राशि मिलने की व्यवस्था है।
  • सेवानिवृत्त कर्मचारी की मृत्यु होने पर उसके आश्रित (पति या पत्नी) को पेंशन राशि का 60 प्रतिशत सुनिश्चित पारिवारिक पेंशन के तौर पर दिया जाएगा।
  • कर्मचारी का कार्य-वर्ष चाहे जितना भी हो उसकी पेंशन की न्यूनतम राशि 10 हजार रुपये से कम नहीं होगी। आज की तारीख में जो न्यूनतम वेतन है, उसके आधार पर न्यूनतम पेंशन की राशि 15 हजार रुपये बनती है।
  • पेंशन की राशि को महंगाई के सूचकांक से जोड़ा गया है। यानी खुदरा महंगाई दर बढ़ेगी तो पेंशन की राशि भी बढ़ेगी। महंगाई भत्ता के आधार पर पेंशन, पारिवारिक पेंशन और न्यूनतम पेंशन तीनों का निर्धारण होगा।
  • सेवा में संपन्न हर छह माह के लिए मूल वेतन की 10 प्रतिशत राशि एकमुश्त मिलेगी, जो ग्रेच्युटी के अलावा होगी। मोटे तौर पर 30 वर्ष की सेवा के लिए एक कर्मचारी को छह माह का वेतन अलग से सेवानिवृत्त होने पर मिलेगा।

क्या है यूपीएस, समझिए

दरअसल, सरकार ने जिस पेंशन स्कीम का ऐलान किया है वो 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी. इसके तहत 10 साल तक सरकारी नौकरी करने वाले को 10 हजार रुपये की पेंशन मिलेगी। 25 साल नौकरी करने वाले को पूरी पेंशन दी जाएगी। अश्विनी वैष्णव ने बताया कि सरकारी कर्मचारी NPS और UPS में जो स्कीम चाहें वो ले सकते हैं। ऐसे में कर्मचारी दोनों में से एक पेंशन स्कीम का फायदा ले सकेंगे।

– कर्मचारीयों की तरफ से एश्योर्ड अमाउंट की मांग किया जा रही थी। UPS के तहत कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद  50% एश्योर्ड पेंशन दी जाएगी। यह रिटायरमेंट के पहले के 12 महीना की एवरेज बेसिक पे का 50% होगा।
-कर्मचारियों को 25 साल की सर्विस करने के बाद ही यह पेंशन मिलेगी।
– अगर किसी कर्मचारी की मौत हो जाती है तो इस स्कीम के तहत फैमिली पेंशन का प्रावधान होगा। इसके तहत मिल रही पेंशन का 60 प्रतिशथ परिवार को मिलेगा।
– अगर किसी कर्मचारी की सर्विस 25 साल से कम है, तो उसे 10000 प्रति महीने की पेंशन मिलेगी।

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