मायावती का राहुल गांधी पर बड़ा हमला, इतने सालों तक आप सत्ता में रहे, तब क्यों नहीं कराई जातीय जनगणना

नई दिल्ली, बीएनएम न्यूजः कांग्रेस नेता राहुल शनिवार शनिवार को प्रयागराज पहुंचे और ‘संविधान का सम्मान और उसकी रक्षा’ कार्यक्रम में शिरकत की. कार्यक्रम में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि कि “90 प्रतिशत” लोग सिस्टम के बाहर बैठे हैं और उनकी भागीदारी के बिना देश नहीं चल सकता और इसके लिए 50 प्रतिशत आरक्षण का बैरियर उखाड़ फेंकेंगे।

आरक्षण और जातीय जनगणना पर राहुल गांधी का यह बयान दिखाता है कि यह अब उनके लिए मुद्दा नहीं, बल्कि उनके जीवन का मिशन है। राहुल गांधी के इस बयान पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने कांग्रेस पार्टी को निशाने पर लिया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखी पोस्ट में उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी इतने सालों तक सत्ता में रही तो उसने जातीय जनगणना क्यों नहीं कराई?

मायावती का तीखा हमला

मायावती ने कांग्रेस पार्टी को दोगले चरित्र की पार्टी करार देते हुए कहा कि यह कांग्रेस पार्टी ही है जिसने कभी भी बाबा साहब को सम्मान नहीं दिया, ना तो जीते जी ना ही मरणोपरांत उन्हें भारत रत्न दिया। यही नहीं मान्यवर कांशीराम जी के निधन के बाद भी एक दिन का राजकीय शोक तक नही मनाया। मायावती ने कांग्रेस से सवाल किया है कि कांग्रेस पार्टी इतने सालों तक सत्ता में रही तो उसने जातीय जनगणना क्यों नहीं कराई, जबकि बीएसपी हमेशा से इसकी पक्षधर रही है।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कांग्रेस की चुप्पी

सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर कांग्रेस की चुप्पी को लेकर मायावती ने कहा, ‘इतना ही नहीं, संविधान के तहत एससी/एसटी को मिले आरक्षण में अब वर्गीकरण व क्रीमीलेयर के जरिये, इसे निष्प्रभावी बनाने व खत्म करने की चल रही साजिश के विरोध में कांग्रेस, सपा व बीजेपी आदि का भी चुप्पी साधे रखना क्या यही इनका दलित प्रेम है, सचेत रहें।

सपा, कांग्रेस से भविष्य में कोई गठबंधन नहीं

सपा व कांग्रेस आदि जैसी इन आरक्षण विरोधी पार्टियों के साथ अब किसी भी चुनाव में इनसे कोई गठबन्धन आदि करना क्या SC, ST व OBC वर्गों के हित में उचित होगा। यह कतई नहीं होगा ऐसे में अब इनको खुद अपने दम पर खड़े होना है, यही सलाह है।

क्या कहा था राहुल गांधी ने

आपको बता दें कि राहुल गांधी ने’संविधान सम्मान सम्मेलन’ के दौरान देशव्यापी ‘जाति जनगणना’ की मांग करते हुए कहा कि मैंने पूर्व मिस इंडिया की सूची देखी, लेकिन विजेताओं में कोई दलित, आदिवासी या ओबीसी नहीं मिला। उन्होंने कहा, ‘कुछ लोग क्रिकेट या बॉलीवुड के बारे में बात करेंगे। कोई भी मोची या प्लंबर को नहीं दिखाएगा। यहां तक ​​कि मीडिया में शीर्ष एंकर भी 90 प्रतिशत से नहीं हैं।

लोकसभा में विपक्ष के नेता ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा कह सकती है कि वह जाति जनगणना की अपनी मांग के साथ देश को बांटने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “हम जानना चाहते हैं कि संस्थानों, कॉरपोरेट्स, बॉलीवुड, मिस इंडिया में कितने लोग 90 प्रतिशत से हैं। मैं केवल यह कह रहा हूं कि 90 प्रतिशत लोगों की ‘भागीदारी’ नहीं है और इस पर रोक लगनी चाहिए।”

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