Husband Wife Dispute: हाई कोर्ट की अहम टिप्पणी, नौकरी करने का मतलब ये नहीं की महिला चरित्रहीन है

चंडीगढ़, बीएनएम न्यूजः पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने कहा है कि अगर कोई महिला घर के बाहर काम करती है तो उसके चरित्र पर दाग लगाना सभी महिलाओं के लिए बेहद अपमानजनक है।

कोर्ट ने कहा कि व्यभिचार के बेबुनियाद आरोप लगाने से सभी महिलाओं के सम्मान को धक्का पहुंचता है। जस्टिस सुधीर सिंह और हर्ष बांगर की डिविजन बेंच ने कहा कि ट्रायल कोर्ट के जज ने गलत तरीके से मान लिया कि महिला और पूर्व जज के बीच अवैध संबंध थे।

वकील ने पत्नी पर लगाया गंभीर आरोप

दरअसल ट्रायल कोर्ट ने एक वकील और उसकी पत्नी के तलाक को मंजूरी दे दी थी। वकील ने अपनी पत्नी पर आरोप लगाए थे कि उसके संबंध एक जज के साथ हैं जिसके साथ वह पहले काम कर चुकी है। इसको लेकर पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने कहा, कोई इस बात को कैसे नजर अंदाज कर सकता है कि आधुनिक समय में महिलाएं हर क्षेत्र में बढ़-चढ़कर अपनी भूमिका निभा रही हैं।

महिला का काम के सिलसिले में बाहर जाना व्याभिचार नहीं

वे केवल ऑफिस में ही नहीं बल्कि कारोबार में भी आगे हैं। इस समय में अगर कोई महिला अपने कारोबार, आधिकारिक काम के सिलसिले में पुरुष साथी के साथ बाहर जाती है तो यह मान लेना गलत है कि उसके व्यक्ति के साथ अवैध संबंध हैं और वह व्यभिचारी है।

पति ने वेश्यावृत्ति का आरोप लगाकर मांगा तलाक

कोर्ट ने कहा कि इस तरह के आरोप ही यह साबित करने के लिए काफी नहीं हैं कि महिला परपुरुष के साथ संबंध रखती है। कोर्ट ने कहा, इस तरह के आरोप से ना केवल पत्नी का मानभंग हुआ है बल्कि सभी महिलाओं का अपमान हुआ है। बता दें कि दंपती की शादी 2014 में हुई थी। हालांकि शादी के बाद विवाद की वजह से वे अलग-अलग रहने लगे। इसके बाद पति ने क्रूरता और वेश्यावृत्ति के आरोप लगाकर तलाक मांगा।

पत्नी यौन संबंध नहीं बनाना चाहती

क्रूरता को लेकर पति ने आरोप लगाया था कि पत्नी उसके साथ यौन संबंध नहीं बनाना चाहती थी। इसके अलावा वह दिव्यांग मां की भी देखभाल नहीं करती थी। पति ने आरोप लगाया कि महिला ने मॉल से टीशर्ट चुराई थी जिसकी वजह से उसकी बेज्जती हुई। वहीं वह अपने साथियों से उसे नपुंसक बताती थी।

पति ने आरोप लगाया कि उसकी पत्नी के एक पूर्व जज के साथ अवैध संबंध थे जिसे भ्रष्टाचार के आरोप में बर्खास्त कर दिया गया था। हालांकि पत्नी ने इन आरोपों को खारिज किया था और कहा था कि उसकी सास ने शादी के समय खूब दहेज मांगा था। इसी की वजह से उसपर अत्याचार होता था।

ट्रायल कोर्ट के फैसले के खिलाफ महिला गई हाई कोर्ट

टीशर्ट चुराने को लेकर महिला ने कहा कि उसके पति ने ही चुपचाप उसके बैग में टीशर्ट छिपाई था। 2021 में ट्रायल कोर्ट ने कहा था कि पति के आरोप साबित हो गए हैं कि महिला क्रूरता करती थी और खुद अवैध संबंध रखती थी। इसके बाद महिला ने हाई कोर्ट का रुख किया। हाई कोर्ट ने पहले दोनों के बीच सुलह कराने की कोशिश की। हालांकि कोई सकारात्मक परिणाम नहीं मिला। कोर्ट ने कहा कि व्यभिचार को साबित करने के लिए कोर्ट में जरूरी सबूत पेश किए जाने चाहिए। कोर्ट ने कहा कि पति द्वारा लगाए गए व्यभिचार के आरोप साबित नहीं होते हैं।

महिला अल्ट्रा मॉडर्न लाइफ जीती थी

ट्रायल कोर्ट ने यह भी कहा था कि महिला अल्ट्रा मॉडर्न लाइफ जीती थी और वह ऑस्ट्रेलिया में एक अन्य शख्स केसाथ किराए के कमरे में साथ ही रहती थी। हाई कोर्ट को पता चला कि ऑस्ट्रेलिया में बाढ़ के चलते मजबूरी में उसे किसी और के साथ रहना पड़ा था। कोर्ट को यह भी पता चला कि यह शादी से पहले की बात थी।

हाई कोर्ट ने क्रूरत की बात मानी

क्रूरता की बात हाई कोर्ट ने मानी है और कहा है कि महिला ने कई बार पति और उनकी मां के खिलाफ पुलिस में भी शिकायत की थी। कोर्ट ने पत्नी के दावे को खारिज किया है जिसमें उसका कहना था कि शादीशुदा जीवन को बचाने के लिए उसने ऐसा किया।

मॉल से टीशर्ट चुराने के मामले में भी महिला कोई सबूत पेश नहीं कर पाई। कोर्ट ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि याचिकाकर्ता महिला ने अपने पति के साथ क्रूरतापूर्ण व्यवहार किया। ऐसे में कोर्ट ने दोनों के तलाक को मंजूरी दे दी। हालांकि तलाक के पीछे व्यवभिचार को वजह नहीं बनाया गया है।

यह भी पढ़ेंः सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट की तो उम्रकैद तक की सजा, डिजिटल मीडिया नीति मंजूर

VIEW WHATSAAP CHANNEL

भारत न्यू मीडिया पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज, Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट , धर्म-अध्यात्म और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi  के लिए क्लिक करें इंडिया सेक्‍शन

You may have missed