Haryana Election 2024: लोकसभा चुनाव में सैलजा की मदद करने वाले देवेंद्र बबली की रोकी एंट्री, कांग्रेस ने टिकट देने से किया इंकार

Kumari Selja and Devendra Babli

कुमारी सैलजा और देवेंद्र बबली

नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़। Haryana Election 2024: लोकसभा चुनावों के संदर्भ में कांग्रेस नेता कुमारी सैलजा को समर्थन देने वाले जजपा (जननायक जनता पार्टी) के पूर्व मंत्री और विधायक देवेंद्र बबली को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बड़ा झटका दिया है। गुरुवार कोदिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय और सैलजा के निवास पर लगातार डेरा डालने वाले बबली को कांग्रेस ने टिकट देने से साफ इंकार कर दिया है। कांग्रेस मुख्यालय में टिकट की प्रतीक्षा कर रहे बबली की तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई हैं।

कांग्रेस से टोहना से टिकट मिलने की थी उम्मीद

लोकसभा चुनाव के दौरान देवेंद्र बबली के भाजपा और कांग्रेस दोनों के पाले में जाने की चर्चाएं गर्म रही थीं। बबली ने सिरसा लोकसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी डॉ.अशोक तंवर का विरोध करते हुए कुमारी सैलजा का समर्थन किया, जिसके कारण उन्हें बड़ी जीत मिली थी। ऐसे में बबली को उम्मीद थी कि सैलजा की मदद से कांग्रेस उन्हें टोहाना से टिकट दिलाएगी। इसी विश्वास में उन्होंने 17 अगस्त को जजपा से इस्तीफा दे दिया था। कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि बबली को पहले पार्टी में शामिल होना होगा, उसके बाद ही उनकी उम्मीदवारी पर विचार किया जाएगा, जबकि बबली टिकट की गारंटी पहले चाहते हैं। ऐसा ही दबाव उन्होंने पहले भाजपा पर भी डाला था।

पार्टी में शामिल करने से साफ मना कर दिया

दिल्ली में कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी की बैठकों के दौरान देवेंद्र बबली ने हरियाणा प्रभारी दीपक बाबरिया से मुलाकात की, लेकिन बाबरिया ने उन्हें पार्टी में शामिल करने से साफ मना कर दिया। बाबरिया ने कहा कि देवेंद्र बबली विधानसभा चुनाव के लिए टिकट मांग रहे थे, लेकिन चूंकि वे कांग्रेस के सदस्य नहीं हैं, इसलिए उन्हें टिकट नहीं मिल सकता। बाबरिया ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर पार्टी अध्यक्ष उदय भान कोई अलग निर्णय लेते हैं, तो वह अलग बात है, लेकिन उनकी ओर से बबली को मना कर दिया गया है।

कांग्रेस के अलावा भाजपा के भी दरवाजे बंद

 

2019 के विधानसभा चुनाव में टोहाना विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस का टिकट न मिलने के बाद बबली ने जजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और एक लाख से अधिक वोट हासिल कर भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला को हराया। बाद में, दिसंबर 2021 में उन्हें जजपा के कोटे से विकास एवं पंचायत मंत्री बनाया गया। भाजपा से गठबंधन टूटने के बाद देवेंद्र बबली ने जजपा से दूरी बना ली और कांग्रेस नेताओं के संपर्क में आ गए। अब उनकी स्थिति यह है कि कांग्रेस के अलावा भाजपा के दरवाजे भी उनके लिए बंद हो चुके हैं।

 

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