चरखी दादरी के बेटे नितेश कुमार ने रचा इतिहास: पेरिस पैरा ओलिंपिक में जीता गोल्ड, देश को किया गौरवान्वित
नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़। हरियाणा के नितेश कुमार ने पैरा बैडमिंटन पेरिस पैरालंपिक के पुरुष एकल एसएल 3 वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया है। नितेश कुमार चरखी दादरी के नांदा गांव से रहने वाले हैं। फाइनल मुकाबले में उन्होंने ग्रेट ब्रिटेन के डेनियल बेथेल को 21-14, 18-21, 23-21 के स्कोर से मात दी। दोनों खिलाड़ियों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली और अंत में नितेश कुमार बाजी मारने में कामयाब रहे। इस जीत ने नितेश की कठिनाइयों और संघर्षों से भरी यात्रा को शानदार अंत दिया है।
नितेश कुमार ने बैडमिंटन में जीता गोल्ड
नितेश कुमार और ग्रेट ब्रिटेन के डेनियल बेथेल के बीच गोल्ड मेडल मैच में कड़ा मुकाबला देखने को मिला। मुकाबले का पहला सेट नितेश कुमार के नाम रहा। उन्होंने 21-14 से ये सेट अपने नाम किया। वहीं, दूसके सेट में दमदार प्रदर्शन करने के बाद भी उन्हें 18-21 से हार का सामना करना पड़ा। एक समय ये सेट 16-16 की बराबरी पर था, लेकिन यहां ये नितेश कुमार पिछड़ गए।
तीसरे सेट में उन्होंने दमदार वापसी की और 23-21 से सेट जीतकर मुकाबला अपने नाम किया, लेकिन इस सेट को जीतने के लिए उन्हें मेहनत करनी पड़ी। दोनों खिलाड़ी एक-एक प्वॉइंट के लिए आखिरी तक लड़ते हुए नजए आए। कुछ मौकों पर ग्रेट ब्रिटेन के डेनियल बेथेल आगे भी निकले, हालांकि नितेश ने धैर्य बनाए रखा और गोल्ड मेडल अपने नाम किया। ये पैरालंपिक में नितेश का पहला मेडल भी है।
हादसे ने छीना पैर, लेकिन नहीं तोड़ी हिम्मत
2009 में जब नितेश केवल 15 साल के थे, विशाखापत्तनम में एक ट्रेन हादसे में नितेश ने एक पैर खो दिया, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। यह वही समय था जब उन्होंने सपनों को नया आकार देने का फैसला किया। महीनों तक बिस्तर पर रहने के बाद नितेश ने खेल को जीवन का नया मकसद बना लिया और बैडमिंटन को शक्ति का स्रोत बनाया।
पिता से मिली प्रेरणा, कोच ने दिखाई राह
नितेश के पिता उनके प्रेरणा स्रोत रहे हैं। वह पहले नौसेना में थे और अब राजस्थान में एक निजी कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं। नितेश का सपना था कि वह भी पिता की तरह वर्दी पहनें, लेकिन हादसे के बाद उन्होंने खेल को जीवन का हिस्सा बना लिया। उनके कोच और परिवार ने उन्हें हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
पैरा ओलिंपिक 2024 में भारत का दूसरा गोल्ड
पेरिस पैरा ओलिंपिक 2024 में भारत के लिए पहला गोल्ड मेडल शूटर अवनि लेखरा ने जीता था। उन्होंने 10 मीटर एयर राइफल SH1 में गोल्ड अपने नाम किया था। अब नितेश कुमार ने इस कारनामे को दोहराया है।
हरियाणे का छोरा छाया गोल्ड मेडल ल्याया 🥇
हरियाणा के बाढ़डा के नांधा गाँव के लाल नितेश कुमार ने मेंस सिंगल्स SL3 – बैडमिंटन में स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया है।
इस स्वर्णिम उपलब्धि के लिए आपको हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।
आप भविष्य में भी ऐसे ही सफलता के नए आयाम छूते… pic.twitter.com/ziu52EFQYz
— Nayab Saini (@NayabSainiBJP) September 2, 2024
सीएम सैनी ने दी बधाई
नितेश कुमार की इस उपलब्धि पर हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी ने उन्हें बधाई दी है। सीएम सैनी ने सोशल साइट एक्स पर लिखा कि “हरियाणा के बाढ़डा के नांधा गांव के लाल नितेश कुमार ने मेंस सिंगल्स SL3 – बैडमिंटन में स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया है। इस स्वर्णिम उपलब्धि के लिए आपको हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। आप भविष्य में भी ऐसे ही सफलता के नए आयाम छूते रहें। हम सभी को आप पर गर्व है।”
पेरिस पैरालंपिक्स के ‘बैडमिंटन सिंगल्स इवेंट’ में हरियाणा के नीतेश कुमार ने गोल्ड मेडल जीतकर देश का मान-सम्मान बढ़ाया है।
नीतेश को बहुत-बहुत बधाई और भविष्य के लिए शुभकामनाएं। pic.twitter.com/FoT6Kjtj0S
— Bhupinder S Hooda (@BhupinderShooda) September 2, 2024
हुड्डा ने दी नितेश को बधाई
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने नितेश को बधाई देते हुए सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा है कि पेरिस पैरालंपिक्स के ‘बैडमिंटन सिंगल्स इवेंट’ में हरियाणा के नीतेश कुमार ने गोल्ड मेडल जीतकर देश का मान-सम्मान बढ़ाया है। नीतेश को बहुत-बहुत बधाई और भविष्य के लिए शुभकामनाएं।
IIT मंडी से इंजीनियरिंग, खेल में पाया नया मुकाम
नितेश ने पढ़ाई आईआईटी मंडी से बीटेक में की है, लेकिन उनकी असली पहचान बैडमिंटन में मिली। पढ़ाई के दौरान बैडमिंटन के प्रति उनकी रुचि बढ़ी और उन्होंने इसे ही करियर का हिस्सा बना लिया। वर्तमान में नितेश करनाल के कर्ण स्टेडियम में कोच के रूप में सेवा दे रहे हैं, जहां वह युवा खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दे रहे हैं। नितेश परिजनों का मानना है कि खेल ने ही उसे जीवन में नई दिशा दी।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी दिखाया दम
नितेश की खेल उपलब्धियों की सूची लंबी है। उन्होंने 2018 में एशियन गेम्स में कांस्य पदक जीता। 2019 में वर्ल्ड चैंपियनशिप में रजत पदक हासिल किया। 2022 और 2024 की वर्ल्ड चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीते। पेरिस पैरालंपिक में स्वर्ण पदक उनकी अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि है, जिसने उन्हें एक नए मुकाम पर पहुंचा दिया है।
गांव में जश्न का माहौल
नितेश की इस ऐतिहासिक जीत के बाद उनके गांव नांदा में जश्न का माहौल है। गांव के लोग उनके परिवार के साथ मिलकर उनकी इस बड़ी उपलब्धि का जश्न मना रहे हैं। नितेश की यह जीत न केवल उनके परिवार के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय है।
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