Atishi vs Swati Maliwal: स्वाति मालीवाल ने आतिशी पर बोला हमला, कहा- उनके परिवार ने अफजल गुरु की फांसी रोकने के लिए लड़ी थी लड़ाई

आतिशी और स्वाति मालीवाल

नई दिल्ली, बीएनएम न्यूज। Delhi New CM: राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने दिल्ली के नए मुख्यमंत्री के रूप में आतिशी को चुनने के आम आदमी पार्टी (आप) के फैसले की आलोचना की है और दावा किया है कि उनके परिवार ने दोषी आतंकवादी अफजल गुरु की फांसी को रोकने के लिए लड़ाई लड़ी थी। उनके हिसाब से अफजल गुरु निर्दोष था और उसको राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया गया था।

भगवान दिल्ली की रक्षा करें

स्वाति मालीवाल ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि आज दिल्ली की मुख्यमंत्री एक ऐसी महिला को बनाया जा रहा है, जिनके माता-पिता ने आतंकी अफजल गुरु को बचाने के लिए माननीय राष्ट्रपति को दया याचिकाएं लिखीं। उनके हिसाब से अफजल गुरु निर्दोष था और उसको राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया गया था। दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष ने आतिशी को डमी सीएम बताते हुए कहा कि वैसे तो आतिशी मार्लेना सिर्फ ‘Dummy CM’ है, फिर भी ये मुद्दा देश की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है, भगवान दिल्ली की रक्षा करे!

आतिशी के पिता और मां के हस्ताक्षर

 

2001 में संसद पर हुए हमले में दोषी ठहराए गए अफजल गुरु को 2013 में फांसी दी गई थी। अपनी पोस्ट में स्वाति मालीवाल ने दया याचिका साझा की है, जिस पर आतिशी के पिता विजय सिंह और मां तृप्ता वाही के अलावा कई अन्य लोगों ने भी हस्ताक्षर किए हैं। यह याचिका तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को संबोधित थी, जिसमें उनसे अफजल गुरु की फांसी रोकने का अनुरोध किया गया था। याचिका में कहा गया है कि इसलिए हम आपसे (राष्ट्रपति) अपील करते हैं कि न केवल मोहम्मद अफजल को दी गई सजा को रद्द करें, बल्कि पूरे प्रकरण की संसदीय जांच भी करवाएं।

नक्सली कम्युनिस्ट मुख्यमंत्री को कभी स्वीकार नहीं करेगी जनता

 

आप सरकार मे पूर्व मंत्री रहे और भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने एक्स पर लिखा कि आतिशी के परिवार ने आतंकवादी अफ़ज़ल गुरु की फांसी रुकवाने का प्रयास किया था। नक्सली मानसिकता को बैकडोर से दिल्ली पर थोपने का पाप केजरीवाल कर रहे हैं। आज आम आदमी पार्टी एक ऐसा CM चुन रही हैं जिसका अन्ना आंदोलन और इंडिया अगेंस्ट करप्शन से कोई नाता कभी नहीं रहा। दिल्ली की जनता एक नक्सली कम्युनिस्ट मुख्यमंत्री को कभी स्वीकार नहीं करेगी।

भाजपा ने बोला हमला

 

आतिशी के दिल्ली की नई सीएम बनने पर बीजेपी नेता शहजाद पूनावाला ने कहा कि दुर्भाग्य से पहले दिल्ली में जेलवाला सीएम था, जो जेल से सरकार चलाता था और बाद में बेलवाला सीएम बन गया। अब डमी सीएम होगा। डमी सीएम शब्द मेरा नहीं, सौरभ भारद्वाज और सोमनाथ भारती का है…आप पार्टी कह रही है कि नया सीएम खड़ाऊ सीएम होगा। अरविंद केजरीवाल के लिए कामचलाऊ व्यवस्था और नाइट वॉचमैन सीएम होगा। आपने महिला को सीएम बनाया, लेकिन वह प्रॉक्सी और डमी सीएम भी है। चेहरा तो बदल गया, लेकिन क्या इस सरकार का चरित्र बदलेगा?…आतिशी के पास जितने भी विभाग हैं, सभी में घोटाले हुए हैं। …सीएम की कुर्सी पर नया व्यक्ति वह होगा, जिसका परिवार अफजल गुरु की पैरवी करता था…आप और आतिशी को स्पष्ट करना चाहिए कि वे इस तरह के विचारों से सहमत हैं या नहीं।

आप ने राज्यसभा से इस्तीफा मांगा

स्वाति मालीवाल की आलोचना का जवाब देते हुए आप विधायक दिलीप पांडे ने मांग की कि वे राज्यसभा से इस्तीफा दें। पांडे ने कहा, “स्वाति मालीवाल आप के समर्थन से राज्यसभा जाती हैं, लेकिन भाजपा की स्क्रिप्ट पढ़ती हैं। उन्हें अब भाजपा से राज्यसभा का टिकट पाने की कोशिश करनी चाहिए। अगर उनमें थोड़ी भी शर्म और नैतिकता बची है, तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।”

आतिशी दिल्ली की अगली मुख्यमंत्री

मंगलवार को दिल्ली की मंत्री आतिशी ने कैलाश गहलोत को पछाड़कर दिल्ली की अगली मुख्यमंत्री बनने का गौरव हासिल किया। दो दिन पहले अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि वह शीर्ष पद से इस्तीफा देंगे। विधायक दल की बैठक में केजरीवाल ने आतिशी के नाम का प्रस्ताव रखा और आप विधायकों ने इसे सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया।

आतिशी रहीं 14 विभागों की प्रभारी

दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर विजय कुमार सिंह और त्रिप्ता वाही के घर जन्मी 43 वर्षीया ने 2013 में AAP के साथ अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की। 2015 में मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में जल सत्याग्रह में भाग लेने के बाद उन्होंने ध्यान आकर्षित किया। दिल्ली कैबिनेट में एकमात्र महिला मंत्री होने के अलावा वह शिक्षा, वित्त, लोक निर्माण विभाग, राजस्व और सेवाओं सहित 14 विभागों की प्रभारी भी हैं।

लोकसभा चुनावों के दौरान कमान संभाली

आतिशी ने पार्टी प्रमुख की गिरफ्तारी पर केंद्रीय रुख अपनाया और सौरभ भारद्वाज के साथ मिलकर लोकसभा चुनावों के दौरान सरकार की कमान संभाली। इस दौरान दिल्ली में अपने सहयोगियों के बीच वह सबसे ज्यादा मीडिया में नजर आईं, जिससे वह घर-घर में मशहूर हो गईं।

आम चुनावों के बाद भी आतिशी दिल्ली की सबसे ज़्यादा चर्चित AAP नेता रहीं। जून में वह हरियाणा सरकार के ख़िलाफ़ अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठीं, क्योंकि सरकार ने प्रतिदिन 100 मिलियन गैलन पानी नहीं छोड़ा, जिससे राष्ट्रीय राजधानी में पानी का संकट पैदा हो गया। उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा।

 

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