Haryana Election 2024: हरियाणा कांग्रेस में चल रही अंतरकलह गहराई, हुड्डा और सैलजा में CM पद की लड़ाई जारी
नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़ : Haryana Election 2024: हरियाणा में विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस में चल रही अंतर्कलह गहराती जा रही है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने 90 में से 72 टिकट अपने समर्थकों को दिलाने में सफलता हासिल की है, जिससे चुनाव प्रचार का भार पूरी तरह से उन पर आ गया है। दूसरी ओर, वरिष्ठ दलित नेता कुमारी सैलजा की नाराजगी कांग्रेस के लिए एक बड़ा सिरदर्द बनी हुई है। सैलजा की नाराजगी के कारण पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपना हरियाणा दौरा स्थगित कर दिया। खड़गे को अंबाला में जनसभाओं को संबोधित करना था, लेकिन जब उन्हें पता चला कि सैलजा कार्यक्रम में नहीं आएंगी, तो उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से दौरा टाल दिया।
खड़गे को आराम करने की सलाह
कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने इस संदर्भ में सोशल मीडिया पर जानकारी साझा की है। खड़गे को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण आराम करने की सलाह दी गई है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, उनकी उम्र और व्यस्तता के चलते डॉक्टरों ने उन्हें आराम करने की सलाह दी। हालांकि, खड़गे हरियाणा में उपस्थित होना चाहते थे, लेकिन सैलजा की अनुपस्थिति के चलते पार्टी ने दौरा स्थगित करने का निर्णय लिया। अगले कुछ दिनों में खड़गे के कार्यक्रम को नए सिरे से तैयार किया जा सकता है, जब तक सैलजा को मनाने की कोशिशें जारी हैं।
नाराजगी के पीछे कई कारण
सैलजा की नाराजगी के पीछे कई कारण हैं। उन्होंने हिसार जिले की उकलाना सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी, लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट देने से मना कर दिया। इसके अलावा उनके करीबी सहयोगी डॉ. अजय चौधरी को टिकट नहीं मिलने से भी उनकी नाराजगी बढ़ी है। सैलजा ने टिकट के लिए कई दावेदारों की सूची कांग्रेस हाईकमान को सौंपी थी, लेकिन उनमें से केवल 10 समर्थकों को ही टिकट मिला, जिससे उनका असंतोष स्पष्ट है।
मुख्यमंत्री पद की दौड़ ने बनाया जटिल
कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद की दौड़ भी इस स्थिति को जटिल बना रही है। सैलजा ने कई बार कहा है कि राज्य में दलित मुख्यमंत्री होना चाहिए, जो उनकी नाराजगी का एक बड़ा कारण बन गया है। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस हाईकमान ने हुड्डा को सैलजा को मनाने की जिम्मेदारी दी थी, लेकिन अभी तक कोई ठोस प्रयास नहीं किया गया है।
सैलजा से को भरोसा दिलाया
कांग्रेस नेतृत्व ने सैलजा से फोन पर बात कर उन्हें भरोसा दिलाया है कि चुनाव परिणामों के बाद उनके राजनीतिक कद का पूरा ध्यान रखा जाएगा। हालांकि, सैलजा अभी पूरी तरह से संतुष्ट नहीं हैं, लेकिन अगले कुछ दिनों में चुनाव प्रचार में सक्रियता दिखाने की संभावना है।
सैलजा की सक्रियता से पार्टी को दलित मतदाताओं में विश्वास लौटाने में मदद मिल सकती है, क्योंकि राज्य में करीब 22 प्रतिशत दलित मतदाता हैं। सैलजा के चुनावी रण में आने से ही इस महत्वपूर्ण वोट बैंक को पुनः अपने पक्ष में लाना संभव होगा।
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