इजरायल की एयर स्ट्राइक में हिजबुल्ला प्रमुख सैयद हसन नसरुल्ला ढेर, दो महीने में खत्म किया हिजबुल्ला का पूरा नेतृत्व
बेरूत, एजेंसी : विश्व के सबसे बड़े गैर सरकारी सशस्त्र संगठन हिजबुल्ला के प्रमुख सैयद हसन नसरुल्ला की इजरायल के हवाई हमले में मौत हो गई है। नसरुल्ला की मौत शुक्रवार देर शाम बेरूत के उपनगर दाहिये स्थित हिजबुल्ला के मुख्यालय पर इजरायल के हमले में हो गई थी लेकिन उसकी पुष्टि शनिवार को हुई है। पहले इजरायली सेना ने कहा, हमने आतंकी संगठन हिजबुल्ला के नेता को मार डाला है, वह पूरी दुनिया के लिए खतरा था। इसके कुछ घंटे बाद हिजबुल्ला ने भी मान लिया कि उसका नेता अब इस दुनिया में नहीं है। नसरुल्ला का मारा जाना ईरान और उसके सहयोगी देशों-संगठनों के लिए बड़ा झटका है। पांच दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा करते हुए ईरान ने बदला लेने का एलान किया है लेकिन उसके सुर कमजोर हैं। नसरुल्ला के मारे जाने के बाद ईरान ने अपने सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को अज्ञात स्थान पर भेज दिया है।
इजरायल की बड़ी सफलता
महज दो महीने में हिजबुल्ला के पूरे नेतृत्व को खत्म कर देना इजरायल की बड़ी सफलता है। हिजबुल्ला के खात्मे की शुरुआत 30 जुलाई को लेबनान में निशाना बनाकर की गई बमबारी में सीनियर कमांडर फुआद शुकर के मारे जाने से हुई थी। इसके बाद 20 सितंबर को बेरूत के इसी दाहिये उपनगर में इजरायल के हमले में हिजबुल्ला के सैन्य प्रमुख इब्राहीम अकील समेत दर्जन भर से ज्यादा कमांडर मारे गए। बीते गुरुवार (26 सितंबर) को हिजबुल्ला का ड्रोन कमांडर मुहम्मद हुसैन सुरूर मारा गया और शुक्रवार को हिजबुल्ला का सबसे बड़ा नेता नसरुल्ला मारा गया। नसरुल्ला के साथ छह अन्य लोग भी मारे गए और 91 घायल हुए हैं। मारे गए लोगों में ईरानी इलीट फोर्स रिवोल्यूशनरी गार्ड के डिप्टी कमांडर अब्बास नीलफोरशन भी हैं। वह इजरायली हमलों के तेज होने से पैदा हालात पर हिजबुल्ला नेतृत्व से चर्चा के लिए बेरूत आए थे।
शक्ति का नया संतुलन कायम होगा
हमले में हिजबुल्ला मुख्यालय और उसके आसपास के भवन भी ध्वस्त हो गए हैं। शनिवार सुबह भी इजरायली विमानों ने बेरूत में हवाई अड्डे के नजदीक और दक्षिणी लेबनान में बमबारी की तो हिजबुल्ला लड़ाकों ने भी इजरायल पर 80 राकेट दागे। यमन के हाउती विद्रोहियों ने इजरायल पर हमले के लिए बैलेस्टिक मिसाइल छोड़ी लेकिन उसे इजरायली डिफेंस सिस्टम ने आकाश में ही नष्ट कर दिया।
इसरायल की प्रतिक्रिया
हिज़्बुल्लाह की ओर से नसरुल्ला की मौत की पुष्टि किए जाने के बाद इसराइली डिफ़ेंस फोर्सेस (आईडीएफ) के प्रवक्ता डैनियल हगारी ने टेलीविजन पर एक संदेश जारी कर कहा कि हमारी जंग लेबनान के लोगों से नहीं बल्कि हिज़्बुल्लाह से है। उन्होंने नसरल्लाह को इसराइल के ‘सबसे बड़े दुश्मनों में से एक’ बताया। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को बेरुत पर इसराइली वायु सेना की ओर से किए गए सटीक हमले में नसरल्लाह मारा गया। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू ने नसरुल्ला के मारे जाने को इजरायल के युद्ध लक्ष्य की पूर्ति के लिए जरूरी बताते हुए कहा कि इससे क्षेत्र में शक्ति का नया संतुलन कायम होगा।
32 वर्षों तक किया हिजबुल्ला का नेतृत्व
नसरुल्ला हिजबुल्ला के संस्थापक सदस्यों में से एक था। ईरान द्वारा 1982 में गठित हिजबुल्ला की कमान 1992 में नसरुल्ला के हाथ आई थी, तब उसकी उम्र केवल 32 वर्ष थी। इसके बाद नसरुल्ला ने अपने संगठन में नई जान फूंकी और उसे दुनिया का सबसे बड़ा और शक्तिशाली संगठन बना दिया। इसी का नतीजा था कि सन 2000 में इजरायली सेना 22 वर्षों का कब्जा खत्म कर दक्षिणी लेबनान से पीछे हटने को विवश हुई थी। 2006 में हिजबुल्ला लड़ाकों ने सीमा पार कर इजरायल पर हमला किया था, तब वह लड़ाई पांच हफ्ते चली थी। आठ अक्टूबर, 2023 को हमास के समर्थन में इजरायल पर राकेट और ड्रोन का हमला शुरू करने से पहले हिजबुल्ला के पास करीब 50 हजार लड़ाकों की ताकत और करीब सवा लाख मिसाइलों और बड़े राकेटों का जखीरा माना जा रहा था।
80 टन बमों से 20 मीटर नीचे बना बंकर बर्बाद
पता चला है कि इजरायल ने अत्याधुनिक अमेरिकी लड़ाकू विमान एफ-35 से हिजबुल्ला के मुख्यालय पर हमला किया था। इससे छोड़े गए 80 टन वजन वाले बमों से भूतल से 20 मीटर नीचे बने बंकर में बैठे नसरुल्ला, ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड के उप प्रमुख और अन्य की मौत हुई।
ईसाई बहुल लेबनान का बदल दिया था स्वरूप
यह नसरुल्ला के नेतृत्व वाले हिजबुल्ला का ही प्रभाव था कि ईसाई बहुलता वाले लेबनान का 20 वीं सदी के अंतिम दशकों में स्वरूप बदल गया और वहां की सत्ता पर मुस्लिमों का कब्जा हो गया। इससे पहले बेरूत और लेबनान के अन्य शहरों में वर्षों तक लड़ाई चली और अंतत: ईरान समर्थित हिजबुल्ला अपना प्रभाव कायम करने में सफल रहा। इसीलिए लेबनान की सरकार में हिजबुल्ला की भागीदारी है और नसरुल्ला का प्रभाव प्रधानमंत्री से कम नहीं था।
सफीएद्दीन को मिल सकती है हिजबुल्ला की कमान
बीते दो महीनों में हिजबुल्ला का नेतृत्व करने वाले सभी प्रमुख लोग मारे गए हैं। बाकी बचे लोगों में सैयद हाशेम सफीएद्दीन का कद सबसे ऊंचा है। माना जा रहा है कि सफीएद्दीन को ही अब हिजबुल्ला की कमान मिलेगी। ऐसे में संगठन के तेवर बरकरार रखने और इजरायल से टक्कर लेने के साथ ही खुद को बचाने की जिम्मेदारी भी उन्हें संभालनी होगी।
रूस ने बताया राजनीतिक हत्या, चीन ने कहा-युद्ध रुके
रूस ने नसरुल्ला के मारे जाने की कड़ी निंदा की है और इसे राजनीतिक हत्या कहा है। कहा कि बलपूर्वक की गई इस कार्रवाई के दूरगामी दुष्परिणाम होंगे। जबकि चीन ने कहा है कि क्षेत्र में युद्ध न फैले, इसके लिए प्रयास होने चाहिए और लेबनान व गाजा में अविलंब हमले रोके जाएं। तुर्किये ने भी नसरुल्ला को मारे जाने की निंदा की है।
महबूबा ने हिजबुल्ला प्रमुख नसरुल्ला को बताया शहीद
श्रीनगर : पीडीपी की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को इजरायली हमले में मारे गए हिजबुल्ला के प्रमुख सैयद हसन नसरुल्ला को शहीद पुकारते हुए रविवार को कश्मीर में प्रस्तावित सभी चुनावी रैलियों को स्थगित करने का ऐलान किया है। वहीं, नेशनल कान्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता व सांसद आगा सैयद रुहुल्ला और पट्टन से चुनाव लड़ रहे पीपुल्स कान्फ्रेस के महासचिव मौलाना इमरान रजा अंसारी ने भी अपने सभी राजनीतिक कार्यक्रम स्थगित कर दिए हैं। रुहुल्ला और अंसारी कश्मीर में शिया समुदाय के एक बड़े वर्ग के धर्मगुरु भी हैं। इस बीच, नसरुल्ला की मौत के खिलाफ श्रीनगर समेत घाटी के विभिन्न इलाकों में लोगों ने इजरायल और अमेरिका के खिलाफ प्रदर्शन किए। कई जगह लोगों ने देर रात कैंडल मार्च का भी आयोजन किया।
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