हरियाणा चुनाव के बीच BJP को बड़ा झटका: पूर्व सांसद अशोक तंवर की कांग्रेस में वापसी, राहुल गांधी ने शामिल कराया

नरेन्द्र सहारण, महेंद्रगढ़: Haryana Election 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को बड़ा झटका लगा है, क्योंकि पूर्व सांसद अशोक तंवर ने कांग्रेस पार्टी जॉइन कर ली है। वीरवार को पौने दो बजे तक भारतीय जनता पार्टी को जिता रहे डा. अशोक तंवर ने इसके सवा घंटे बाद कांग्रेस में घर वापसी की है। महेंद्रगढ़ में एक रैली के दौरान राहुल गांधी ने उन्हें पार्टी में शामिल किया, इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा भी मौजूद थे। हालांकि, तंवर ने पार्टी जॉइन करते वक्त हुड्‌डा को दूर से ही नमस्ते किया, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि दोनों के बीच रिश्ते तनावपूर्ण रहे हैं।

करीब आठ महीने पहले, अशोक तंवर ने आम आदमी पार्टी (AAP) को छोड़कर भाजपा जॉइन की थी। दिल्ली में केंद्रीय मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उन्हें भाजपा में शामिल कराया था, और तब मुख्यमंत्री मनोहर लाल  ने तंवर को अपना ‘भांजा’ तक बताया था। इस दौरान चार बार दल बदलने वाले डा. तंवर की कांग्रेस में वापसी से भाजपा को बड़ा झटका लगा है।
भाजपा के टिकट पर अशोक तंवर ने सिरसा लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस की कुमारी सैलजा के विरुद्ध चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गये थे।

अशोक तंवर की कांग्रेस में वापसी से करीब चार घंटे पहले गुरुवार को कुमारी सैलजा ने नई दिल्ली में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। माना जा रहा है कि सैलजा ने ही अशोक तंवर की घर वापसी के लिए सोनिया गांधी को तैयार किया, जिसके बाद अशोक तंवर सीधे महेंद्रगढ़ में राहुल गांधी की जनसभा के मंच पर पहुंच गये।

महेंद्रगढ़ में राहुल गांधी ने अशोक तंवर को पार्टी जॉइन कराई। - Dainik Bhaskar

राजनीतिक सफर

 

अशोक तंवर का राजनीतिक करियर काफी दिलचस्प रहा है। अशोक तंवर ने वर्ष 1993 में राजनीतिक करियर की शुरुआत कांग्रेस से की थी। वह 2003 में कांग्रेस पार्टी के छात्र विंग एनएसयूआइ और 2005 में युवक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने।युवा कांग्रेस में उन्होंने राहुल गांधी के साथ काम किया। फरवरी 2014 में अशोक तंवर हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बने। 2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले टिकट बंटवारे से नाराज होकर अशोक तंवर ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया था। उस समय अशोक तंवर ने पांच करोड़ रुपये में कांग्रेस के टिकट बेचने का आरोप भी लगाया था।

उन्होंने 4 अप्रैल 2022 को आम आदमी पार्टी में शामिल होने से पहले तृणमूल कांग्रेस (TMC) में भी समय बिताया था। वे 22 महीने तक AAP का हिस्सा रहे, लेकिन वहां भी उनकी स्थिति स्थिर नहीं रही और उन्होंने पार्टी को अलविदा ले लिया। इससे पहले वे ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस में भी शामिल हुए थे, लेकिन वहां भी उनका मन नहीं लगा और उन्होंने वहां से भी अपना रास्ता बदल लिया।

कांग्रेस से नाता तोड़ने की वजह

 

अशोक तंवर ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत कांग्रेस से की थी। 1993 में सिर्फ 17 साल की उम्र में उन्होंने कांग्रेस पार्टी से जुड़कर राजनीति में कदम रखा था। 2003 में वह कांग्रेस के छात्र संगठन NSUI के अध्यक्ष बने, और इसके बाद 2005 में यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने। उन्होंने राहुल गांधी के साथ मिलकर पार्टी के युवाओं को संगठित किया। 2014 में राहुल गांधी ने उन्हें हरियाणा प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया।

तंवर और के बीच मतभेद

 

हालांकि, तंवर और भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा के बीच हमेशा मतभेद रहे। इन मतभेदों के कारण ही तंवर को हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा था। 2019 के विधानसभा चुनाव से पहले टिकट बंटवारे को लेकर नाराज होकर तंवर ने 5 अक्टूबर 2019 को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया और इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर 5 करोड़ में टिकट बेचने का आरोप भी लगाया था।

भविष्य के कदम

अब कांग्रेस में वापस लौटने के बाद अशोक तंवर ने कहा है कि वह पार्टी के लिए काम करने को तैयार हैं, लेकिन उनके पुराने और नए मतभेदों को देखते हुए इस बार उनका संघर्ष अलग तरह का हो सकता है। पार्टी में उनकी वापसी को लेकर विभिन्न राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि तंवर के लिए अब कांग्रेस में एक नई चुनौती होगी, खासकर भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा के साथ उनके पुराने रिश्तों को देखते हुए।

 अजय माकन की अहम भूमिका

कांग्रेस नेता अजय माकन की भी अशोक तंवर की कांग्रेस में वापसी में अहम भूमिका मानी जा रही है। अजय माकन और भूपेंद्र सिंह हुड्डा दोस्त हैं, जबकि अजय माकन की अशोक तंवर के साथ रिश्तेदारी है। अशोक तंवर की पत्नी अवंतिका माकन पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा की नातिन हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन अवंतिका के चचेरे भाई हैं। अवंतिका के पिता ललित माकन दिल्ली से कांग्रेस के सांसद व केंद्रीय मंत्री रहे हैं।

 

अशोक तंवर की राजनीति में कई उतार-चढ़ाव रहे हैं, और यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बार उनका राजनीतिक भविष्य कांग्रेस में कैसे आकार लेता है।

 

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