Haryana Election 2024: रेवाड़ी, बावल व कोसली सीट पर राव, कैप्टन व दीपेंद्र की प्रतिष्ठा दांव पर, जानें क्या है राजनीतिक समीकरण

राव इंद्रजीत सिंह और कैप्टन अजय सिंह यादव।

नरेन्द्र सहारण , रेवाड़ी। Haryana Election 2024: रेवाड़ी जिले की तीन विधानसभा सीटों रेवाड़ी, कोसली और बावल में इस बार कांग्रेस और भाजपा के दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह, पूर्व वित्त मंत्री और छह बार के विधायक रहे पूर्व कैप्टन अजय सिंह यादव, और रोहतक के सांसद दीपेंद्र हुड्डा की सियासी प्रतिष्ठा इस चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

रेवाड़ी सीट

रेवाड़ी से कांग्रेस के उम्मीदवार और निवर्तमान विधायक चिरंजीव राव चुनाव मैदान में हैं। चिरंजीव, पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव के बेटे हैं और कांग्रेस के लिए इस सीट को बनाए रखने के लिए चुनौती प्रस्तुत करते हैं। वहीं, राव इंद्रजीत सिंह के करीबी माने जाने वाले लक्ष्मण यादव भाजपा की ओर से चुनाव लड़ रहे हैं। इसके अलावा, आम आदमी पार्टी (आप) के प्रत्याशी सतीश यादव ने भी मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है। सतीश यादव दलित और स्वर्ण मतदाताओं में सेंधमारी कर रहे हैं, जिससे कांग्रेस और भाजपा दोनों को नुकसान हो सकता है।

कोसली सीट

कोसली सीट पर मुकाबला रोचक बन गया है। यहां से भाजपा ने राव इंद्रजीत सिंह के करीबी अनिल यादव को उम्मीदवार बनाया है, जबकि कांग्रेस ने पूर्व विधायक जगदीश यादव को मैदान में उतारा है। अनिल यादव की जीत राव इंद्रजीत के समर्थन पर निर्भर है, जबकि कांग्रेस के लिए दीपेंद्र हुड्डा ने कई जनसभाएं की हैं। इस सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार मनोज कोसलिया की एंट्री ने समीकरण को और जटिल बना दिया है। कोसलिया, जो कांग्रेस से बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं, भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए चुनौती बन सकते हैं।

बावल सीट

बावल में भाजपा ने राव इंद्रजीत के करीबी और स्वास्थ्य विभाग के पूर्व उपनिदेशक डॉ. कृष्ण कुमार को उम्मीदवार बनाया है, जबकि कांग्रेस ने पूर्व मंत्री डॉ. एमएल रंगा को मैदान में उतारा है। यहां पर दोनों प्रत्याशियों के बीच सीधा मुकाबला है। बावल में राजपूत, गुर्जर और ब्राह्मण समुदाय के वोटों पर जीत का दारोमदार टिका हुआ है, और इस सीट पर भी मुकाबला तीव्र है।

रेवाड़ी और कोसली में बिगाड़ रहे समीकरण

रेवाड़ी और कोसली दोनों सीटों पर कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला है, लेकिन अन्य प्रत्याशियों ने मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है। रेवाड़ी में आप प्रत्याशी सतीश यादव कांग्रेस और भाजपा दोनों के लिए खतरा बने हुए हैं। सतीश यादव के कारण दलित और स्वर्ण वोटों में बंटवारा हो सकता है। वहीं, रेवाड़ी में भाजपा के पूर्व विधायक रणधीर कापड़ीवास की चुप्पी भी भाजपा के लिए परेशानी का कारण बन रही है। हालांकि वह गुरुग्राम की बादशाहपुर सीट पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ मंच साझा करते नजर आए थे, लेकिन रेवाड़ी में उनकी चुप्पी भाजपा के प्रचार को प्रभावित कर सकती है।

मुकाबले को और दिलचस्प बना रहा

 

कोसली में निर्दलीय उम्मीदवार मनोज कोसलिया का प्रवेश मुकाबले को और दिलचस्प बना रहा है। मनोज की मौजूदगी कहीं पर भाजपा के लिए तो कहीं पर कांग्रेस के लिए चुनौती पेश कर रही है। उनके कारण यहां के मतदाता काफी असमंजस में हैं, जिससे दोनों प्रमुख दलों के लिए खतरे की घंटी बज सकती है।

इन सभी घटनाक्रमों के बीच, यह चुनाव जिले की राजनीति के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है, जहां तीनों प्रमुख दलों के लिए अपनी प्रतिष्ठा बचाना बड़ी चुनौती है।

 

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