सूरत के आश्रम में छात्राओं से यौन शोषण का आरोप, प्रिंसिपल लड़कियों को नहाते देखता, करता था छेड़छाड़
सूरत, बीएनएम न्यूजः गुजरात के सूरत स्थित आदिवासी आश्रम में रहने वाली 35 छात्राओं ने प्रिंसिपल पर यौन शोषण का आरोप लगाया है। निरीक्षण करने पहुंची आदिवासी विकास विभाग की टीम को छात्राओं ने इसकी जानकारी दी। छात्राओं ने बताया कि प्रिंसिपल रात में टॉर्च लेकर उनके कमरे में पहुंच जाता था। वह उन्हें नहाते हुए भी देखता। दवा देने के बहाने उनसे छेड़छाड़ करता और प्राइवेट पार्ट छूता था।
छात्रा के प्राइवेट पार्ट पर चोट के निशान मिले
प्रिंसिपल द्वारा छेड़छाड़ की शिकार छात्राओं के बयान लेने के बाद पुलिस सभी 35 लड़कियों का मेडिकल टेस्ट करवा रही है। अब तक 6 छात्राओं का टेस्ट हो चुका है। इसमें एक 13 साल की छात्रा के प्राइवेट पार्ट पर चोट के निशान भी मिले हैं। महिला विभाग की टीम छात्रा से पूछताछ कर रही है।
आदिवासी विभाग की एक अधिकारी ने बताया- छात्राएं अपने परिवार से दूर यहां रहती हैं। इसके चलते अब तक किसी ने भी आरोपी के खिलाफ मुंह खोलने की हिम्मत नहीं की।
इसी आश्रम के एक टीचर के खिलाफ रेप का केस हुआ था
यह आश्रम स्कूल 2001 में भी विवादों में आ चुका है। इसी आश्रम के एक टीचर ने यहां 7वीं क्लास में पढ़ने वाली 15 साल की एक स्टूडेंट का रेप किया था। 10 जनवरी 2001 को आरोपी के खिलाफ FIR हुई। वह जेल की सजा काट रहा है।
छात्राओं का आरोप- प्रिंसिपल दवा देने के बहाने छेड़छाड़ करता
पीड़ित छात्राओं ने बताया कि योगेश पटेल ने अपने कमरे में कई तरह की दवाइयां रखी हुई हैं। किसी भी छात्रा को सर्दी-जुकाम या बुखार होने पर वह खुद ही उन्हें दवाई देता था। दवा देने के बहाने उन्हें अपने कमरे में बुलाता और उनके साथ छेड़छाड़ करता था। आश्रम में पंखे-कूलर की व्यवस्था नहीं है। इसके चलते गर्मियों में कुछ लड़कियां कम कपड़ों में सो रही होती थीं। आरोपी खिड़की से टॉर्च से उन्हें देखता था।
एक बार छात्राओं ने इसकी शिकायत हाउस मदर से भी की। जब हाउस मदर ने प्रिंसिपल योगेश पटेल से इस बारे में पूछा तो उसने उन्हें जवाब दिया था कि लड़कियों की सही-सलामती मेरी जिम्मेदारी है। इसी के चलते मैं रात में उनका निरीक्षण करता हूं।
आश्रम में छात्राओं के नहाने की भी व्यवस्था नहीं
परियोजना अधिकारी निधि और आदिवासी विकास अधिकारी अंजूबेन ने बताया कि नरेना आश्रम स्कूल में कुल 177 स्टूडेंट्स हैं, इनमें 80 लड़कियां हैं। आश्रम में जिस जगह लड़कियां रहती थीं, वहां अंदर उनके नहाने की कोई व्यवस्था नहीं थी। आश्रम के बाहर ही टेंपरेरी उनके नहाने का ब्लॉक बनाया गया था।
आरोपी योगेश पटेल को आश्रम स्कूल में ही रहने के लिए एक कमरा दिया गया है। इस कमरे में दो दरवाजे हैं, एक सामने की तरफ और एक कमरे के पीछे की तरफ। कमरे के पीछे के दरवाजे से करीब 200 कदम की दूरी पर ही छात्राओं के नहाने के लिए एक ब्लॉक बनाया गया था। इसीलिए जब भी लड़कियां ब्लॉक में नहाने जातीं तो प्रिंसिपल उन्हें देखा करता था।
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