Kaithal News: कैथल में राइस मिलर और ग्रांटरों ने की धोखाधड़ी, धान मिलिंग के नाम पर 5.88 करोड़ का फ्रॉड
नरेन्द्र सहारण, कैथल। Kaithal News: गुहला पुलिस ने धान मिलिंग में 5.88 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के आरोप में एक राइस मिलर और उसके गारंटरों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। यह कार्रवाई जिला प्रबंधक हैफेड (डीएम) की शिकायत पर, कैथल पुलिस अधीक्षक कार्यालय की अनुशंसा पर हुई। शिकायत में कहा गया है कि खरीफ विपणन सीजन 2023-24 के दौरान मैसर्ज गोयल फुड, चीका और मैसर्ज आत्मा राम राइस एंड जनरल मिल, चीका को कस्टम मिलिंग का ठेका मिला था। यह ठेका कैथल उपायुक्त की अध्यक्षता वाली जिला मिलिंग कमेटी ने हैफेड, कैथल के लिए दिया था।
धोखाधड़ी की पृष्ठभूमि और अनुबंध की शर्तें
सरकारी नीति और अनुबंध के तहत, राइस मिलरों को चावल का निश्चित अनुपात भारतीय खाद्य निगम (FCI) को समय पर डिलीवर करना था। अनुबंध में चावल डिलीवरी के विभिन्न चरणों का अनुपात तय किया गया था: जून में 41%, जुलाई में 44%, अगस्त में 51%, और सितंबर में 54% डिलीवरी होनी थी। सितंबर 2024 तक चावल की अंतिम डिलीवरी की समय सीमा तय की गई थी, ताकि सरकारी आदेशों के अनुसार चावल की आवश्यकता को पूरा किया जा सके।
शिकायत में स्पष्ट रूप से बताया गया कि 30 सितंबर तक की रिपोर्ट के अनुसार, मैसर्ज गोयल फुड ने केवल 54% चावल की ही डिलीवरी की, जो निर्धारित लक्ष्यों से काफी कम थी। समय-समय पर राइस मिलरों को अनुबंध की शर्तों का पालन करने और निर्धारित डिलीवरी पूरा करने के लिए सूचित किया गया, परन्तु इसके बावजूद मैसर्ज गोयल फुड ने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया और ना ही सरकार द्वारा बार-बार की गई अपीलों पर ध्यान दिया।
गारंटरों की निष्क्रियता और आरोप
मिलर के गारंटरों में शामिल राम सिंह (मालिक, परी ग्रेन ट्रेडर, अनाज मंडी चीका), श्रीशेष (रिद्धि सिद्धि ग्रेन, अनाज मंडी चीका), मोहित गोयल (गोतम फुड, चीका), और रोहित गोयल (अधिकृत व्यक्ति, गोयल फुड, चीका) ने भी कोई कार्रवाई नहीं की और सरकार के कई नोटिसों को नजरअंदाज किया। इन गारंटरों की निष्क्रियता भी इस मामले में संलिप्तता की ओर इशारा करती है।
निरीक्षण में हुई धोखाधड़ी का खुलासा
शिकायत में यह भी आरोप है कि निरीक्षण के दौरान आरोपी मिलर के पास पर्याप्त चावल का स्टॉक भी नहीं मिला, जिससे पता चला कि मैसर्ज गोयल फुड ने सरकारी धान का उचित तरीके से उपयोग नहीं किया। चावल की मात्रा का अभाव दर्शाता है कि 5.88 करोड़ रुपये की धान प्राप्त करने के बावजूद, सरकार को अनुबंधानुसार चावल की आपूर्ति नहीं की गई।
शिकायतकर्ता ने आगे आरोप लगाया कि मिलर ने धान मिलिंग के नाम पर सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग किया और सरकार के साथ धोखाधड़ी की। सरकारी धान से प्राप्त राशि को सही तरीके से उपयोग नहीं करते हुए, मिलर ने सरकार को पर्याप्त चावल की आपूर्ति नहीं की, जोकि अनुबंध का सीधा उल्लंघन है और सरकार को आर्थिक नुकसान पहुंचाने का मामला भी बनता है। इस प्रकार यह पूरा मामला एक संगठित वित्तीय धोखाधड़ी का प्रतीक बन गया है, जिसमें सरकार को करोड़ों का नुकसान झेलना पड़ा।
पुलिस की जांच प्रक्रिया और कानूनी कदम
जांच अधिकारी एएसआई राजेश कुमार ने बताया कि पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर दी है और उनकी तलाश जारी है। पुलिस का कहना है कि इस मामले में आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत जुटाए जा रहे हैं ताकि उन्हें जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जा सके। इस मामले में राइस मिलर और उसके गारंटरों के खिलाफ पुलिस की ओर से कड़ी कार्रवाई की जाएगी और उन सभी को कानून के दायरे में लाया जाएगा, जिन्होंने सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग किया है।
प्रशासनिक नीतियों में सुधार की आवश्यकता
इस धोखाधड़ी के मामले ने सरकारी नीतियों में सुधार की आवश्यकता को भी उजागर किया है। हैफेड और अन्य संबंधित विभागों ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और कहा है कि भविष्य में ऐसी धोखाधड़ी से बचने के लिए निगरानी और निरीक्षण प्रणाली को सख्त बनाया जाएगा। इस प्रकार की घटनाओं के मद्देनजर, प्रशासन ने यह सुनिश्चित करने की योजना बनाई है कि सरकार की ओर से दिए जाने वाले ठेकों का सही तरीके से कार्यान्वयन हो और ठेकेदारों की गतिविधियों पर नियमित निगरानी रखी जाए।
जनता की अपेक्षाएं और सरकार की जिम्मेदारी
इस धोखाधड़ी के खुलासे ने जनता के बीच भी चिंता पैदा कर दी है, और लोग उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार और प्रशासन इस मामले में निष्पक्ष और कड़ी कार्रवाई करेंगे। इस तरह के मामलों के प्रति जनता का यह भी मानना है कि प्रशासन को पारदर्शिता बनाए रखनी चाहिए ताकि भविष्य में जनता का विश्वास बनाए रखा जा सके। वहीं, हैफेड और संबंधित विभागों ने कहा कि वे आने वाले समय में निगरानी और जांच के स्तर को बढ़ाएंगे ताकि ऐसे मामलों से सरकार को नुकसान न पहुंचे।
इस मामले में सरकार और प्रशासन पर न केवल आर्थिक नुकसान का खतरा मंडरा रहा है, बल्कि इससे प्रशासनिक ढांचे में मौजूद कमजोरियों का भी पर्दाफाश हुआ है। पुलिस और प्रशासन की ओर से आरोपियों को पकड़ने के प्रयास जारी हैं, और उम्मीद की जा रही है कि दोषियों को जल्द ही गिरफ्तार कर न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा।
अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस मामले में सरकार और पुलिस क्या कदम उठाते हैं और प्रशासन की ओर से इस प्रकार के धोखाधड़ी के मामलों को रोकने के लिए कौन से उपाय किए जाते हैं। इस प्रकार के मामलों को सख्ती से निपटाए जाने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग न हो और जनता का विश्वास बहाल हो सके।
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