Kaithal News: राजस्थान में जज बनी रूबल का किया स्वागत, पगड़ी पहनाकर सम्मानित किया

नरेंद्र सहारण, कैथल। Kaithal News: कलायत विधानसभा क्षेत्र के सिसमौर गांव की 25 वर्षीय बेटी रूबल ने एक नई मिसाल कायम की है। राजस्थान राज्य न्यायिक परीक्षा में 76वीं रैंक प्राप्त कर उसने न केवल अपने परिवार का बल्कि पूरे ग्रामीण क्षेत्र का नाम रोशन किया है। किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाली रूबल की सफलता ने यह साबित कर दिया कि अगर मेहनत और समर्पण हो तो किसी भी स्थिति में बड़ी से बड़ी मंजिल हासिल की जा सकती है।
रूबल के ताऊ करनैल सिंह ने बताया कि यह न सिर्फ कलायत, बल्कि पूरे ग्रामीण अंचल के लिए एक ऐतिहासिक सफलता है। ग्रामीणों के लिए यह एक प्रेरणा का स्रोत बन गई है, क्योंकि रूबल ने यह उपलब्धि हासिल करने के लिए कई कठिनाइयों का सामना किया। रूबल की सफलता की कहानी उस कठिन रास्ते की प्रतीक है, जिसे पार करके वह इस मुकाम तक पहुंची हैं।
शिक्षा जीवन भी प्रेरणादायक
रूबल का शिक्षा जीवन भी प्रेरणादायक है। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा राधा कृष्ण पब्लिक स्कूल, कैथल से प्राप्त की, जहां उन्हें अनुशासन और मेहनत की अहमियत समझाई गई। स्कूल के निदेशक लाभ सिंह लैलर के अनुसार, रूबल के पिता बलजीत सिंह का 22 अगस्त 2024 को निधन हो गया था, लेकिन उनकी मां प्रीति, भाई रणदीप और बहन रूबी ने रूबल का हौंसला बनाए रखा और उसे जज बनने के अपने सपने को पूरा करने में मदद की। परिवार की कठिनाइयों के बावजूद, रूबल ने खुद को पूरी तरह से न्यायिक परीक्षा की तैयारी में समर्पित किया।
रूबल की शिक्षा का अगला कदम था भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय, जो जिला सोनीपत के गांव खानपुर में स्थित है। वहां पर बीएलएलबी की पढ़ाई के दौरान उन्होंने न्यायिक क्षेत्र में करियर बनाने का फैसला लिया। इस फैसले के बाद उन्होंने पूरे दिल से अपनी पढ़ाई में जुट गईं।
परिवार और समाज का समर्थन
रूबल ने अपनी सफलता के पीछे अपने परिवार और समाज का समर्थन बताया। वह कहती हैं कि स्कूल के दिनों से ही उन्हें अनुशासन की शिक्षा मिली थी, जो उनकी सफलता के मुख्य कारणों में से एक रही। तैयारी के दौरान उन्होंने सोशल मीडिया से पूरी तरह दूरी बनाई रखी और केवल सकारात्मक सामग्री से ही प्रेरणा ली। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर सिर्फ वही सामग्री देखनी चाहिए, जो आत्म-विकास और ज्ञानवर्धन के लिए उपयोगी हो।
सम्मान में कार्यक्रम आयोजित
रूबल के स्कूल में उनके सम्मान में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें स्कूल के निदेशक लाभ सिंह लैलर और प्रधानाचार्या मंजू रानी ने उन्हें पगड़ी पहनाकर सम्मानित किया। इस सम्मान समारोह में स्कूल के शिक्षकों और छात्रों ने भी बड़ी संख्या में भाग लिया। स्कूल निदेशक ने कहा कि यह सफलता न सिर्फ रूबल की, बल्कि पूरे स्कूल और समुदाय की है, क्योंकि रूबल की मेहनत और लगन ने यह साबित कर दिया कि छोटे से छोटे गांव से भी किसी बड़े मुकाम तक पहुंचा जा सकता है।
रूबल की सफलता ने यह संदेश दिया है कि अगर आत्मविश्वास और सही मार्गदर्शन मिले, तो किसी भी कठिन परिस्थिति में भी सफलता प्राप्त की जा सकती है। इस युवा बेटी ने अपने क्षेत्र और परिवार का नाम रोशन किया है और यह साबित किया है कि गांवों में भी उच्च शिक्षा और अच्छी सफलता की संभावनाएं हैं। उसकी इस सफलता से ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को भी यह प्रेरणा मिलेगी कि वे भी अपने सपनों को साकार कर सकते हैं, चाहे उनकी शुरुआत कैसी भी हो।
रूबल की यह सफलता न केवल एक व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि पूरे कलायत विधानसभा क्षेत्र और ग्रामीण अंचल के लिए गर्व की बात है। अब वह न्यायिक क्षेत्र में अपनी सेवा देने के लिए तैयार हैं, और उनकी यह यात्रा अन्य युवाओं के लिए भी एक प्रेरणा बन चुकी है।
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