हरियाणा सरकार लाएगी यू-ट्यूबर्स के लिए नई गाइडलाइन, पुंडरी विधायक सतपाल जांबा ने जताई थीं चिंता

नरेन्द्र सहारण , कैथल : Kaithal News: हरियाणा सरकार जल्द ही सोशल मीडिया और खासकर यू-ट्यूबर्स को लेकर नई गाइडलाइन लाने की तैयारी में है। यह कदम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर सक्रिय ऐसे लोगों को नियंत्रित करने के लिए उठाया जा रहा है, जो कथित तौर पर पत्रकारिता के नाम पर ब्लैकमेलिंग और गलत सूचनाएं फैलाने में लिप्त हैं। इस मुद्दे को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पुंडरी से विधायक सतपाल जांबा ने विधानसभा के पहले सत्र में प्रमुखता से उठाया था।
विधानसभा सत्र में उठी थी मांग
विधानसभा सत्र के दौरान, विधायक सतपाल जांबा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर सक्रिय यू-ट्यूबर्स को लेकर चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने कहा था कि कुछ लोग पत्रकारिता के नाम पर गलत सूचनाएं फैलाने का डर दिखाकर ब्लैकमेलिंग कर रहे हैं। इन व्यक्तियों का कोई मानक या मापदंड नहीं है और वे मनमाने ढंग से काम करते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि मीडिया, जो संविधान का चौथा स्तंभ है, में पारदर्शिता और नैतिकता बनाए रखने के लिए सरकार को उचित नीति और गाइडलाइन लानी चाहिए।
विधायक ने दिए सुझाव
विधानसभा कार्यालय ने इस मुद्दे पर विधायक जांबा से सुझाव मांगे हैं। उन्होंने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि वे सीनियर पत्रकारों और वकीलों से सलाह-मशविरा कर रहे हैं। उनका मानना है कि यू-ट्यूबर्स और अन्य सोशल मीडिया पत्रकारों के लिए एक स्पष्ट और कड़ी गाइडलाइन होनी चाहिए।
ब्लैकमेलिंग और फर्जी पत्रकारिता पर कड़ा रुख
विधायक जांबा ने कहा कि यह जरूरी नहीं कि हर सोशल मीडिया पत्रकार गलत काम कर रहा हो लेकिन बड़ी संख्या में लोग इस प्रोफेशन का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कई यू-ट्यूबर्स और सोशल मीडिया पर सक्रिय लोग बिना किसी योग्यता के पत्रकारिता का दावा करते हैं और ब्लैकमेलिंग जैसे कृत्यों में लिप्त रहते हैं। उन्होंने कहा कि जब वे कई यू-ट्यूबर्स से उनकी योग्यता के बारे में पूछते हैं, तो कुछ लोग 8वीं या 10वीं पास होने की बात कहते हैं। इससे स्पष्ट है कि इन लोगों का इस प्रोफेशन में कोई उचित शैक्षणिक या नैतिक आधार नहीं है।
योग्यता की न्यूनतम शर्तें हों जरूरी
विधायक ने सुझाव दिया कि पत्रकारिता के क्षेत्र में आने वालों के पास कम से कम मास्टर डिग्री होनी चाहिए। उनका मानना है कि योग्य और पढ़े-लिखे लोगों के आने से इस पेशे में न केवल निखार आएगा, बल्कि इसकी विश्वसनीयता भी बढ़ेगी। उन्होंने यह भी कहा कि पत्रकारिता का काम समाज की सेवा करना है और इसे स्वच्छ और पारदर्शी बनाना आवश्यक है।
गाइडलाइन पर विचार-विमर्श जारी
विधायक सतपाल जांबा ने कहा कि फिलहाल वे इस मुद्दे पर वरिष्ठ पत्रकारों और वकीलों से विचार-विमर्श कर रहे हैं। उनका उद्देश्य एक ऐसी गाइडलाइन तैयार करना है, जो मीडिया के इस हिस्से को जिम्मेदार और पेशेवर बनाए। उन्होंने कहा, “मीडिया संविधान का चौथा स्तंभ है, इसलिए इसमें काम करने वालों का शिक्षित और योग्य होना जरूरी है।”
सरकार की भूमिका और योजना
हरियाणा सरकार ने इस मामले में कदम उठाते हुए गाइडलाइन तैयार करने का प्रस्ताव रखा है। इसमें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर काम कर रहे पत्रकारों और यू-ट्यूबर्स के लिए मापदंड तय किए जाएंगे। सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि पत्रकारिता के नाम पर कोई अनैतिक काम न हो और समाज में सही सूचनाएं पहुंचे।
समाज पर प्रभाव
इस कदम का उद्देश्य न केवल फर्जी पत्रकारों पर अंकुश लगाना है, बल्कि पत्रकारिता में नैतिकता और जिम्मेदारी को बढ़ावा देना भी है। सरकार का मानना है कि मीडिया में अनियमितताओं को दूर करने से जनता का विश्वास बहाल होगा और समाज में सकारात्मक बदलाव आएंगे।
विधायक की चिंता जायज?
जहां एक ओर विधायक के इस कदम की सराहना हो रही है, वहीं कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि सभी यू-ट्यूबर्स और सोशल मीडिया पत्रकारों को एक ही नजर से देखना उचित नहीं है। कई स्वतंत्र पत्रकार और सोशल मीडिया एक्टिविस्ट समाज के लिए अच्छा काम कर रहे हैं। हालांकि, फर्जी खबरों और ब्लैकमेलिंग जैसी समस्याओं पर नियंत्रण के लिए सख्त नियम-कानून जरूरी हैं।
हरियाणा सरकार द्वारा प्रस्तावित यह गाइडलाइन न केवल पत्रकारिता के पेशे को स्वच्छ और पारदर्शी बनाएगी, बल्कि सोशल मीडिया पर हो रही अनियमितताओं को भी नियंत्रित करेगी। विधायक सतपाल जांबा के प्रयास इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकते हैं। इस प्रस्ताव पर आगे क्या कार्रवाई होती है, यह देखना दिलचस्प होगा।
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