Kaithal News: गुहला ब्लॉक अध्यक्ष डिंपल रानी की छिनी कुर्सी, अविश्वास प्रस्ताव पास

मौजूदा चेयरपर्सन डिंपल रानी कांग्रेस विधायक देवेंद्र हंस के साथ (फाइल फोटो)

नरेन्‍द्र सहारण , गुहला-चीका/कैथल।Kaithal News: गुहला ब्लॉक समिति में बुधवार को बड़ा राजनीतिक उलटफेर हुआ जब अध्यक्ष डिंपल रानी के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव पास हो गया। 22 सदस्यों वाली इस समिति में 19 पार्षदों ने उनके खिलाफ वोट देकर उन्हें पद से हटाने का निर्णय लिया। इसके साथ ही ब्लॉक समिति की अध्यक्ष पद की कुर्सी पर उनका कार्यकाल समाप्त हो गया।

18 नवंबर को हुआ था अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस

18 नवंबर को गुहला पंचायत समिति के 18 पार्षदों ने अतिरिक्त उपायुक्त (एडीसी) दीपक बाबू लाल करवा को एक पत्र सौंपकर अध्यक्ष डिंपल रानी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग की थी। इस पर कार्रवाई करते हुए एडीसी ने 27 नवंबर को प्रस्ताव पर मतदान का दिन तय किया।

पार्षदों की बड़ी संख्या में मौजूदगी

मतदान प्रक्रिया बुधवार दोपहर लगभग 2:15 बजे शुरू हुई। पूर्व विधायक कुलवंत बाजीगर की अगुवाई में 19 पार्षद एक साथ चीका स्थित पंचायत कार्यालय पहुंचे। यहां रिटर्निंग अधिकारी के रूप में एडीसी कैथल दीपक बाबू लाल करवा और ड्यूटी मजिस्ट्रेट तहसीलदार मनजीत सिंह ने चुनाव प्रक्रिया का संचालन किया।

चुनाव के दौरान सभी 19 पार्षदों ने हाथ उठाकर डिंपल रानी के खिलाफ अपना समर्थन जताया। मतदान के बाद रिटर्निंग अधिकारी ने घोषणा की कि 19-3 के अंतर से अविश्वास प्रस्ताव पास हो गया है।

अध्यक्ष डिंपल रानी और उनके समर्थकों की गैरमौजूदगी

 

चुनाव प्रक्रिया के दौरान डिंपल रानी और उनके समर्थक नदारद रहे। उम्मीद की जा रही थी कि वे अपने पद को बचाने के लिए मतदान में शामिल होंगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। यहां तक कि ब्लॉक समिति के उपाध्यक्ष ज्ञान चंद शर्मा ने भी प्रक्रिया से दूरी बनाए रखी।

विकास कार्यों में बाधा बनने वालों का हटना जरूरी – बाजीगर

 

अविश्वास प्रस्ताव पास होने के बाद पूर्व विधायक कुलवंत बाजीगर ने इसे विकास कार्यों के लिए एक जरूरी कदम बताया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सैनी के नेतृत्व में प्रदेश के हर क्षेत्र में समान रूप से विकास हो रहा है, लेकिन गुहला में विरोधी दलों के नेता इन कार्यों में बाधा बन रहे थे। बाजीगर ने यह भी कहा कि ब्लॉक समिति के अध्यक्ष पद के लिए योग्य और सबको साथ लेकर चलने वाले उम्मीदवार को लाने के लिए पार्षदों के परामर्श से चुनाव जल्द ही करवाया जाएगा।

“भाजपा ने दबाव बनाया” – डिंपल रानी

 

अपनी कुर्सी गंवाने के बाद डिंपल रानी ने भाजपा पर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल में पार्षदों को साथ लेकर चलने की पूरी कोशिश की, लेकिन उनके पति के कांग्रेस में शामिल होने की वजह से भाजपा नेताओं ने उन पर कुर्सी छोड़ने का दबाव बनाया।

डिंपल रानी का कहना है कि अविश्वास प्रस्ताव भाजपा की साजिश का परिणाम है। उन्होंने कहा कि यह कदम इसलिए उठाया गया ताकि उनके परिवार को राजनीतिक तौर पर कमजोर किया जा सके।

आगे की रणनीति

पूर्व विधायक बाजीगर ने कहा कि गुहला और सीवन ब्लॉक समितियों के अध्यक्ष पद जल्द ही भरे जाएंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि चुनाव के दौरान जो लोग पार्टी के खिलाफ कार्य कर रहे थे, उनकी रिपोर्ट हाईकमान को भेज दी गई है। ऐसे लोगों को संगठन में किसी प्रकार की जिम्मेदारी नहीं दी जाएगी।

राजनीतिक उठापटक का नया अध्याय

डिंपल रानी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास होने से गुहला ब्लॉक समिति की राजनीति में बड़ा बदलाव आया है। यह घटना क्षेत्रीय राजनीति में पार्टी लाइनों पर खींचतान और पार्षदों के प्रभाव को दर्शाती है। अब देखना होगा कि नए अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया कैसे पूरी होती है और यह राजनीतिक उठापटक क्षेत्रीय विकास को कैसे प्रभावित करती है।

 

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