Jaunpur News: जौनपुर अटाला मस्जिद प्रकरण को लेकर बढ़ी सुरक्षा व्यवस्था, 6 सिपाहियों की तैनाती, सीओ ने किया मुआयना
जौनपुर, बीएनएम न्यूजः जौनपुर की अटाला मस्जिद को लेकर विवाद गहराया है। हिंदू पक्ष का दावा है कि मस्जिद के नीचे प्राचीन हिंदू मंदिर है। मुस्लिम पक्ष इसे 616 वर्ष पुरानी मस्जिद बताता है। अदालत ने ASI सर्वे का आदेश दिया, लेकिन मुस्लिम पक्ष बाधा डाल रहा है। 146 साल पुरानी ASI रिपोर्ट में दावा है कि यह जगह पहले अटाला देवी मंदिर थी, जिसे फिरोजशाह तुगलक ने नष्ट किया था। अदालत अब सर्वे की प्रक्रिया तय करेगी।
जौनपुर में अटाला मस्जिद प्रकरण को लेकर 16 दिसंबर को कोर्ट में मामले की पोषणीयता पर सुनवाई होनी है। साथ ही सर्वे का स्वरूप तय होना है। ऐसे में शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए मस्जिद की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई।
6 कांस्टेबल की तैनाती, सीओ ने किया मुआयना
पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर गुरुवार को मस्जिद के बाहर 6 हेड कॉन्स्टेबल की तैनाती की गई है। इनमें 3 महिला आरक्षी और 3 पुरुष आरक्षी शामिल हैं। साथ ही ड्रोन से मस्जिद की निगरानी की जा रही है। इसके अलावा सीओ सिटी आयुष श्रीवास्तव और कोतवाल मिथिलेश मिश्रा ने गुरुवार को मस्जिद में सुरक्षा व्यवस्था का मुआयना किया। उन्होंने मस्जिद के आसपास लोगों से बातचीत कर माहौल का जायजा लिया।
16 दिसंबर को तय होगा सर्वे का स्वरूप
अब सभी की निगाहें 16 दिसंबर पर टिकी हैं, जब कोर्ट अपनी अगली सुनवाई में सर्वे का स्वरूप तय करेगा। बता दें कि संभल विवाद के बाद अब अटाला मस्जिद का मुद्दा गर्माया हुआ है। पुलिस प्रशासन ने किसी भी संभावित विवाद से निपटने के लिए अपना सूचना तंत्र सक्रिय कर दिया है। स्थानीय लोगों से बातचीत कर शांति बनाए रखने की अपील की जा रही है।
अगस्त में भी टीम गई थी अटाला मस्जिद
बता दें कि दो अगस्त को भी कोर्ट कमिश्नर की टीम कार्यवाही के लिए अटाला मस्जिद गई थी लेकिन मस्जिद के दरवाजे बंद थे, इसलिए कार्यवाही हो नहीं पाई और टीम को वापस आना पड़ा। हिंदू पक्ष के वकील ने कहा कि हमने मस्जिद का सर्वे कराने की मांग की थी। कोर्ट ने हमारी मांग मान ली है। अब अगली सुनवाई 16 दिसंबर को होगी। मुस्लिम पक्ष के लोग न्यायालय में सहयोग करने की बात तो करते हैं लेकिन मौके पर उनका सहयोग दिखाई नहीं देता।
हिंदू पक्ष का दावा
हिंदू पक्ष की ओर से दावा किया गया है कि 13वीं शताब्दी में राजा विजय चंद्र ने अटाला देवी मंदिर का निर्माण करवाया था। फिरोज तुगलक के काल खंड में मंदिर ध्वस्त कर मस्जिद का निर्माण किया गया। वहीं मुस्लिम पक्ष की ओर से कहा गया कि 1398 से वहां पर मस्जिद है। तभी से मुस्लिम समुदाय के लोग नमाज अदा करते आ रहे हैं। हिंदू पक्ष के अधिवक्ता रामसिंह ने बताया 16 दिसंबर को कोर्ट में अगली सुनवाई होगी।
मुस्लिम पक्ष का दावा
वहीं, मुस्लिम पक्ष हिंदू समुदाय के दावों को खारिज कर रहा है। मुस्लिम पक्ष का दावा है कि अटाला मस्जिद में 1476 से नमाज होती आई है। अटाला मस्जिद पर विवाद सरकार ने शुरू किया। मुस्लिम पक्ष का कहना है कि अटाला मस्जिद का निर्माण किसी मंदिर को तोड़कर नहीं हुआ है। मुस्लिम पक्ष ने सर्वे की मांग का विरोध किया था। दरअसल, ढांचे की बाहरी दीवारों पर ऐसी कलाकृतियां मौजूद हैं जो किसी आम तौर पर इस्लामिक संरचना में नहीं पाई जातीं। इस तरह की आकृतियां देवी-देविताओं से जुड़े मंदिरों में मिलती हैं।
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