दिल्ली में हार के बाद अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के विधायकों से मिलकर सरकार के कामों को तेज करने की अपील की

नई दिल्ली, बीएनएम न्‍यूज : दिल्ली में हालिया चुनावों में करारी हार और खुद व्यक्तिगत रूप से हारने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के पार्टी विधायकों की बैठक में उन्हें एकजुट होकर काम करने के लिए प्रेरित किया है। उनका संदेश स्पष्ट था: उन्हें दिल्ली में मिली हार से निराश नहीं होना चाहिए, बल्कि पंजाब में बची दो वर्षों की सरकार को जनहित के कार्यों में लगाना चाहिए। उन्होंने कहा कि समय बहुत है और पार्टी की प्राथमिकता पंजाब को जीतना है, जिसके लिए उन्हें जनता से किए गए सभी वादों को पूरा करने में जुट जाना चाहिए।

पार्टी की बैठक: एक राजनीतिक रणनीति का परिचायक

 

यह बैठक कपूरथला हाउस में आयोजित की गई और इसकी समय सीमा लगभग 10 से 15 मिनट ही रही। केजरीवाल के आने में देरी होने के कारण बैठक का समय थोड़ा लेट हो गया। इस बैठक में पंजाब के सभी प्रमुख विधायकों ने भाग लिया और पीछे पड़े सवालों का समाधान करने की चर्चा की। दिलचस्प बात यह है कि पंजाब की कैबिनेट बैठक को इस बैठक के कारण स्थगित कर दिया गया। बैठक के बाद केजरीवाल ने मीडिया से बचने के लिए कपूरथला हाउस के दूसरे दरवाजे से निकले, जो उनके राजनीतिक इरादों की गंभीरता को दर्शाता है।

पंजाब की राजनीति में केजरीवाल का ध्यान

 

केजरीवाल ने कहा कि उन्हें पंजाब की राजनीति पर केंद्रित रहने की आवश्यकता है और यह भी स्पष्ट किया कि वह अब राज्य पर पूरा ध्यान देंगे। उनकी योजना है कि वे पंजाब के विकास को नए माडल के रूप में तैयार करें और इसे पूरे देश में आप पार्टी के प्रतिनिधित्व के रूप में पेश करें। इससे पार्टी के राष्ट्रीय विस्तार की संभावनाएं बढ़ेंगी।

अफवाहों का खंडन

 

बैठक के बाद, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और अन्य विधायकों ने मीडिया से बातचीत में सूचित किया कि कुछ समय से चल रही चर्चा, जिसमें 35 विधायकों के कांग्रेस में जाने की बात कही जा रही थी, पूरी तरह से झूठी है। मान ने जोर देते हुए कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के समय पंजाब के नेताओं ने आम आदमी पार्टी के लिए कड़ी मेहनत की। उन्होंने केजरीवाल को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया।

विकास पर जोर

 

केंद्र में भाजपा के खिलाफ अपने आरोपों को दोहराते हुए, मान ने कहा कि उनकी सरकार ने पिछले तीन वर्षों में बिना किसी भ्रष्टाचार के 50,000 युवाओं को रोजगार दिया है। मान ने ये भी बताया कि बड़ी कंपनियों का पंजाब में निवेश बढ़ रहा है, जिससे राज्य का औद्योगिक विकास हो रहा है। उन्होंने कहा, “भाजपा ने दिल्ली में चुनाव के दौरान वोटरों को पैसे बांटे और वहाँ चुनाव में गड़बड़ियों की गईं।”

सरकारी योजनाएं और उनकी प्रगति

 

पंजाब सरकार ने अपने जनहित के कार्यों में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। भगवंत मान ने कहा कि पंजाब सरकार जनता के पैसे को जनता के कल्याण पर खर्च कर रही है। उन्होंने जानकारी दी कि सरकार ने 17 टोल प्लाजा बंद कर दिए हैं, जिससे लगभग 62 लाख रुपये रोजाना की बचत हो रही है। पहले, एक विधायक को कई पेंशन मिलती थीं, जिसे घटाकर एक कर दिया गया है। इसके अलावा, महिलाओं को एक हजार रुपये की सहायता देने का वादा भी किया जाएगा।

आप की मजबूती और नई रणनीतियां

 

पंजाब में आप की ताकत बनाए रखने के लिए, राज्य सरकार ने विकास के लिए नए रूपांतरण की योजना बनाई है। भगवंत मान अन्य विधायकों को आश्वस्त करते हुए कहते हैं कि उनकी सरकार ने अपने 95 प्रतिशत वादे पूरे किए हैं। यह स्पष्ट है कि केजरीवाल और मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार एक नई दिशा में बढ़ने की कोशिश कर रही है।

कामकाज को गति देने के लिए एक अवसर

 

घटनाक्रम का यह संज्ञान दिखाता है कि कैसे केजरीवाल दिल्ली में मिली हार को पंजाब सरकार के कामकाज को गति देने के लिए एक अवसर के रूप में देख रहे हैं। उनकी मेहनत और अपने विधायकों के समर्थन से वह न केवल पंजाब में पार्टी को मजबूत करने का प्रयास कर रहे हैं, बल्कि यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि जनता के बीच उनकी छवि सकारात्मक बनी रहे। आगामी चुनावों में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए, केजरीवाल का ध्यान अब पंजाब पर केंद्रित है। यह देखा जाना बाकी है कि उनकी ये नई रणनीतियाँ कब तक कामयाब होती हैं और आम आदमी पार्टी अपनी स्थिति को कैसे मज़बूत कर पाती है।

 

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