Haryana Politics: बेंगलुरू से लौटे अनिल विज बोले, ठंडे पानी से नहाऊंगा, जवाब लिखूंगा…फिर हाईकमान को भेजूंगा

हरियाणा सरकार के पूर्व मंत्री अनिल विज
नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़: Haryana Politics: हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के खिलाफ बयानबाजी के कारण कारण बताओ नोटिस भेजा गया है। यह नोटिस तब जारी किया गया जब विज बेंगलुरू में यात्रा पर थे। हाल के घटनाक्रम ने हरियाणा की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है और इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देना विज के लिए जरूरी हो गया है।
अनिल विज ने चंडीगढ़ लौटने के बाद मीडिया से मुलाकात में कहा कि उन्हें इस नोटिस की जानकारी मीडिया के माध्यम से मिली है और वे इसका जवाब मीडिया के माध्यम से नहीं देंगे। विज ने स्पष्ट किया कि उन्हें अपने पार्टी हाईकमान को जवाब देना है और वे इस सिलसिले में गंभीरता से विचार करेंगे। उन्होंने कहा, “मैं बेंगलुरू से लौट आया हूं और अब घर जाकर पहले आराम करूंगा, फिर ठंडे पानी से नहाकर और रोटी खाकर अपने जवाब पर ध्यान दूंगा।”
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने विज को यह नोटिस भेजने का निर्देश भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के आदेश पर किया था। विज को तीन दिन के भीतर इस नोटिस का जवाब देना था। इस बीच, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और प्रदेश अध्यक्ष बड़ौली ने दिल्ली में जाकर भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात की। इस बैठक में केंद्रीय मंत्रियों का भी सहयोग शामिल था, जिससे पता चलता है कि पार्टी में स्थिति को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं।
विज की बयानबाजी के कारण पार्टी में बढ़ते तनाव को देखते हुए भाजपा ने अनुशासन को बनाए रखने के लिए उन्हें नोटिस दिया है। उनके बयान, जो मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ थे, विधानसभा चुनावों के दौरान जारी हुए थे, जिससे पार्टी की छवि पर असर पड़ सकता था। विज ने चार से पांच दिनों तक विभिन्न अवसरों पर अपने नाराजगी व्यक्त की थी, जिसमें उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यशैली और जिला स्तर पर अपनी बात न सुने जाने पर सवाल उठाए थे।
उनकी नाराजगी ने तब और बढ़ी, जब उन्होंने सार्वजनिक रूप से आरोप लगाया कि कुछ अधिकारियों ने उनके खिलाफ साजिश रची थी, लेकिन फिर भी उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। ऐसे में विज की बढ़ती असंतोष और पार्टी के अनुशासन का मुद्दा भाजपा के लिए चिंता का विषय बन गया।
अनिल विज की स्थिति को सुधारने के लिए हरियाणा भाजपा के प्रभारी डॉ. सतीश पुनिया को चंडीगढ़ बुलाया गया था, जहां उन्होंने विज के साथ दो घंटे जानकारी साझा की। इसके बाद विज ने संतोष व्यक्त किया था कि सभी चीजें ठीक होंगी। इस आशंका के बीच अब यह देखना बाकी है कि अनिल विज हाईकमान को क्या जवाब देंगे और क्या वे पार्टी अनुशासन का पालन करेंगे।
मुख्यमंत्री नायब सैनी और मोहन लाल बड़ौली के साथ दिल्ली में की गई बैठक के बाद, सैनी ने एक ट्वीट कर भाजपा की जीत की बधाई दी और कहा कि इस बातचीत में संगठनात्मक मुद्दों पर विचार हुआ। इसी बीच, विज की बयानबाजी और उन्हें भेजे गए नोटिस ने एक नया मोड़ लिया है, जो पार्टी की आंतरिक राजनीति को चुनौती दे रहा है।
हाल ही में, भाजपा की ओर से जारी की गई इस कार्रवाई ने सभी नेताओं के बीच अनुशासन का कड़ा संदेश दिया है। इस स्थिति में, विज के भविष्य और उनकी राजनीतिक भूमिका संदिग्ध हो गई है। पार्टी में आंतरिक असंतोष की यह स्थिति आगे चलकर अन्य नेताओं के लिए भी चुनौती बन सकती है।
भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा भी विषय की गंभीरता को समझते हुए कदम उठाए गए हैं। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री व प्रदेश अध्यक्ष के साथ हुई बैठक में विज प्रकरण पर चर्चा हुई होगी। ऐसे में बीजेपी के नेता और कार्यकर्ता इस मामले का गहराई से विश्लेषण कर रहे हैं, और क्या विजय ने पार्टी के अनुशासन का पालन किया होगा, यह सवाल अभी छाया हुआ है।
इस स्थिति को देखते हुए आगे क्या दिक्कतें सामने आएंगी, यह उन प्रतिक्रियाओं पर निर्भर करेगा जो पार्टी के भीतर उठेंगी। आगामी निकाय चुनावों में भाजपा की रणनीति भी इस मुद्दे से प्रभावित हो सकती है, क्योंकि कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच एकता और अनुशासन बनाए रखना पार्टी के लिए जरूरी है।
निष्कर्ष के तौर पर, हरियाणा की राजनीति में अनिल विज के कारण बताओ नोटिस के बाद के घटनाक्रम पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं। क्या विज पार्टी के दिशा-निर्देशों के अनुरूप प्रतिक्रिया देंगे या फिर अपनी विशिष्टता बनाए रखते हुए पार्टी के अनुशासन को चुनौती देंगे, यह अब देखना दिलचस्प होगा।
अनिल विज को दिये नोटिस में यह हैं आरोप
हरियाणा भाजपा के अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली की ओर से कैबिनेट मंत्री अनिल विज को दिये गये नोटिस में कहा गया है कि आपके बयान पार्टी की नीतियों तथा आंतरिक अनुशासन के खिलाफ है। आपका यह कदम ना केवल पार्टी की विचारधारा के खिलाफ है, बल्कि यह उस समय पर हुआ है, जब पार्टी पड़ोसी राज्य में चुनाव के लिए अभियान चला रही थी। इससे पार्टी की छवि को नुकसान हुा है, जो पूरी तरह अस्वीकार्य हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देश अनुसार आपको यह कारण बताओ नोटिस जारी किया जा रहा है। आपको तीन दिनों के भीतर लिखित स्पष्टीकरण देना होगा।
क्या हो सकता है अनिल विज का अगला कदम
– अनिल विज लिखित में अपने उन सभी बयानों को दोहरा सकते हैं, जो कि उन्होंने समय-समय पर दिये हैं।
– विधानसभा चुनाव में अधिकारियों व भाजपा के उन लोगों की पोल खोल सकते हैं, जिनकी वजह से उन्हें नुकसान होता प्रतीत हुआ है।
– अनिल विज चुप्पी भी साध सकते हैं।
– विज नोटिस के जवाब में अपना इस्तीफा भी हाईकमान को भेज सकते हैं।
– उन भाजपा नेताओं की फोटो जवाब में भेजी जा सकती हैं, जिनकी वजह से पार्टी को नुकसान हुआ।
– विज का जवाब आने के बाद भाजपा भी मामले को ठंडा कर सकती है, क्योंकि वह जो संदेश देना चाहती थी, वो पूरा हो गया।
– यदि विज के जवाब से पार्टी संतुष्ट नहीं हुई तो उनका मंत्री पद छिन सकता है।
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