रिश्वत के आरोपी को पकड़ने गई थी ACB, तभी आया एक कॉल और वापस लौटी टीम

नरेन्द्र सहारण, कलायत: कलायत में रिश्वत मांगने पर एक कर्मचारी को पकड़ने गई ACB (एंटी करप्शन ब्यूरो) टीम की रेड फेल हो गई। यह रेड फेल करने का शक ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किए गए अधिकारी पर है। अधिकारी के मोबाइल की जानकारी के लिए अब ACB की टीम ने साइबर सेल को लिखा है।
दरअसल, सिणंद गांव के रहने वाले कर्ण सिंह ने 3 फरवरी को ACB कैथल को शिकायत दी थी। जिसमें उन्होनें कलायत तहसील के एक कर्मचारी पर रिश्वत मांगने के आरोप लगाए थे। शिकायतकर्ता ने सबूत के लिए रिश्वत की ऑडियो भी एसीबी को दे दी थी। टीम ने प्लान बनाते हुए रुपयों पर पाउडर लगाकर शिकायतकर्ता को थमा दिए और जिला बाल कल्याण अधिकारी बलबीर चौहान को ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया था।
आरोपी ड्यूटी मजिस्ट्रेट का ही निकला करीबी
जिला बाल कल्याण अधिकारी बलबीर चौहान को ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया था। लेकिन यहीं दिक्कत हो गई कि आरोपी ड्यूटी मजिस्ट्रेट का करीबी निकला। जिसका पता तब चला जब रेड फेल होने के बाद ड्यूटी मजिस्ट्रेट के पास उसी कर्मचारी की कॉल आ गई, जिसे पकड़ने के लिए टीम कलायत गई थी। रेड फेल होने के बाद टीम ने अधिकारियों को लिखा है।
अधिकारियों ने क्या कहा
वहीं मामले पर इंचार्ज ACB कैथल इंस्पेक्टर महेंद्र ने कहा है कि इस मामले के बारे में उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया है। रेड फेल करवाने में किसी की भूमिका मिलती है तो उस पर कार्रवाई होगी। इसके अलावा कैथल की DC प्रीती ने कहा कि इस रेड लीक का मामला मेरे संज्ञान में नहीं था। रेड के लिए मौके पर ही ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त करते हैं। यदि कोई पुलिस जांच में दोषी पाया तो कार्रवाई होगी।
जानिए क्या था पूरा मामला
शिकायतकर्ता कर्ण सिंह ने बताया कि वह कलायत तहसील में जमीन के कुछ कागजात बनवा रहा था। तब 28 जनवरी को तहसील कर्मचारी ने काम करने की एवज में 5 हजार रुपए मांगे। जिसके लिए रुपए लेकर सोमवार 3 फरवरी को बुलाया गया। तभी कर्ण सिंह ने रुपए मांगने की मोबाइल में रिकॉर्डिंग कर ली। 3 फरवरी को कैथल स्थित ACB के ऑफिस में पहुंचकर मामले की शिकायत की गई थी।
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