कलायत सरकारी भूमि पर अतिक्रमण और अवैध कॉलोनियों को लेकर करनाल मंडल आयुक्त ने लिया कड़ा संज्ञान

….कलायत के मटौर रोड पर काटी जा रही अवैध कालोनी पर किसी भी समय गिर सकती है गाज

 

सरकारी भूमि पर अतिक्रमण और अवैध कॉलोनियों को लेकर करनाल मंडल आयुक्त ने लिया कड़ा संज्ञान

डीटीपी को पत्र लिख कर सख्त कार्रवाई करने के दिए निर्देश

 

अतिक्रमण का आंकलन करने और अवैध कालोनियों का सर्वे करके कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश

15 मार्च तक मांगी रिपोर्ट

 

नरेन्द्र सहारण कैथल, 6 मार्च। करनाल मंडल आयुक्त राजीव रतन ने कैथल जिला में सरकारी भूमि पर अतिक्रमण और अवैध कॉलोनियों को लेकर कड़ा संज्ञान लिया। उन्होंने जिला योजनाकार (डीटीपी ) राज कीर्ति को पत्र लिख कर इस मामले सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने निर्देशित किया कि इन अतिक्रमणों और अनधिकृत कॉलोनियों पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट 15 मार्च, मई, अगस्त और नवंबर माह में आयुक्त कार्यालय भिजवाना सुनिश्चित करें। इन रिपोर्टों में सर्वे, कानूनी कार्रवाइयों, तोडफ़ोड़ और प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्वास की योजनाओं का विवरण शामिल होना चाहिए।

 

आयुक्त राजीव रतन ने कहा कि विशेष रूप से राष्ट्रीय राजमार्गों और एचएसवीपी सेक्टरों के आसपास के क्षेत्रों में सरकारी भूमि पर अतिक्रमण और अवैध कॉलोनियों को लेकर कार्रवाई जरूरी है. ये अवैध गतिविधियां जिले के नियोजित विकास में बाधा पहुंचाती हैं और सामाजिक विकास के विभिन्न पहलुओं पर दूरगामी हानिकारक प्रभाव डालती हैं। सरकारी भूमि पर अतिक्रमण का शहर के योजनागत विकास पर गहरा प्रभाव पड़ता है। यह बुनियादी ढांचे के विकास में बाधा डालता है और अव्यवस्थित और अस्थिर शहरी फैलाव पैदा करता है।

 

उन्होंने कहा कि अनधिकृत कॉलोनियों इन समस्याओं को और बढ़ा देती है। इन कॉलोनियों में आम तौर पर बुनियादी ढांचे का अभाव होता है, जिसमें उचित स्वच्छता व्यवस्था, स्वच्छ पानी और विश्वसनीय बिजली आपूर्ति शामिल है। आवश्यक सेवाओं की कमी इन कॉलोनियों और आस-पास के क्षेत्रों के निवासियों के लिए गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुरक्षा जोखिम पैदा करती है। उचित स्वच्छता की कमी से जलजनित बीमारियां फैल सकती हैं। इसके अलावा, इन कॉलोनियों में अक्सर अग्निशमन विभाग और एम्बुलेंस जैसी आपातकालीन सेवाओं की पहुँच नहीं होती है, जिससे उनके निवासियों की सुरक्षा और भी ख़तरे में पड़ जाती है। इसके अलावा इन अतिक्रमणों का एक और गंभीर परिणाम पर्यावरणीय गिरावट भी है।

करनाल मंडल आयुक्त राजीव रतन ने पत्र में कहा कि सरकारी भूमि पर अतिक्रमण से सरकार को राजस्व का भी काफी नुकसान होता है। उन्होंने डीटीपी को निर्देश दिए कि अतिक्रमण की सीमा का सही आकलन करने और सभी अनधिकृत निर्माणों की पहचान करने के लिए प्रभावित क्षेत्रों का व्यापक सर्वे करवाएं। सर्वे के निष्कर्षों के आधार पर अतिक्रमण और अनधिकृत कॉलोनियों के विकसित करने मे शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करें। नोटिस जारी करना, मुकदमा दायर करना और अवैध संरचनाओं को गिराना शामिल होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि अतिक्रमणों और अनधिकृत कॉलोनियों को पनपने से रोकने के लिए निगरानी बढ़ाएं और सुनिश्चित करें कि तोड़ फोड़ की कार्रवाई के बाद भी कोई नया अनधिकृत निर्माण न हो। जिले के सतत और व्यवस्थित विकास को सुनिश्चित करने के लिए डीटीपी कार्यालय की ओर से ठोस प्रयास आवश्यक हैं।

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