रोहतक के बाद सोनीपत के विश्वविद्यालय में पकड़ी गई अफीम की खेती, 400 पौधे मिले, माली गिरफ्तार

सोनीपत पुलिस ने यूनिवर्सिटी के माली को किया है गिरफ्तार
नरेन्द्र सहारण, सोनीपत : Sonipat News: हरियाणा के सोनीपत जिले स्थित राई एजुकेशन सिटी में वर्ल्ड यूनिवर्सिटी ऑफ डिजाइन के परिसर में अफीम की खेती का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। रोहतक की डीएलसी सुपवा के बाद इस घटना ने लोगों में हड़कंप मचा दिया है। क्राइम यूनिट की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी करते हुए विश्वविद्यालय के परिसर से लगभग 400 अफीम के पौधे बरामद किए हैं। इस मामले में विश्वविद्यालय के माली संतलाल को गिरफ्तार किया गया है, जिसे कोर्ट में पेश कर तीन दिन की रिमांड पर लिया गया है।
छापेमारी का विवरण
क्राइम यूनिट को मिली सूचना के अनुसार, वर्ल्ड यूनिवर्सिटी ऑफ डिजाइन के परिसर में अवैध रूप से अफीम के पौधे उगाए जा रहे हैं। छापेमारी के दौरान पुलिस ने विश्वविद्यालय परिसर के विभिन्न हिस्सों से अफीम के पौधे बरामद किए। इस कार्रवाई के बाद जब यूनिवर्सिटी के प्रबंधन से पूछताछ की गई, तो पता चला कि संतलाल पिछले नौ वर्षों से वहां माली का काम कर रहा है। पुलिस ने इसे गंभीरता से लेते हुए संतलाल को गिरफ्तार कर लिया, और अब उसकी गहन पूछताछ की जा रही है।
गिरफ्तारी और पूछताछ
संतलाल की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उसके तीन दिन का रिमांड लिया है, जिसके तहत वह पूछताछ की जा रही है। पुलिस को संदेह है कि संतलाल इस अवैध खेती में अकेला नहीं, बल्कि एक व्यापक नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है। विशेष रूप से, अफीम के पौधों पर डोडा के कट के निशान मिले हैं, जिससे स्पष्ट होता है कि पौधों से कई बार अफीम निकाली जा चुकी थी। पुलिस अब यह जानने के प्रयास में है कि इस अवैध खेती के पीछे और कौन लोग शामिल हैं और अफीम का वितरण किस प्रकार किया जाता था।
पौधों की उम्र और स्थिति
पुलिस ने जानकारी दी है कि बरामद पौधों की लंबाई लगभग चार फुट है, जिससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि ये पौधे डेढ़ से दो महीने पहले ही लगाए गए हैं। शुरुआती चरण में अफीम के पौधों की पहचान करना मुश्किल होता है, लेकिन जब इनमें डोडे आते हैं, तो यह स्पष्ट हो जाता है। छापेमारी के दौरान, पुलिस ने पौधों को काटकर उनका वजन भी किया, जो लगभग 40 किलो के आसपास था।
विश्वविद्यालय के प्रबंधन की अनदेखी
इस घटना के बाद विश्वविद्यालय के गेट शुक्रवार को बंद रहे और कुलपति व कुलसचिव ने किसी भी फोन कॉल का उत्तर नहीं दिया। यह स्थिति इस बात का संकेत देती है कि विश्वविद्यालय प्रबंधन इस मामले को लेकर अधिक चिंतित है और शायद वास्तविकता को छिपाने की कोशिश कर रहा है। इस चुप्पी से यह सवाल उठता है कि क्या विश्वविद्यालय में इस प्रकार की गतिविधियों की अनदेखी की जा रही थी।
व्यापक नेटवर्क की संभावनाएं
पुलिस का मानना है कि इस अवैध खेती के पीछे केवल संतलाल का हाथ नहीं हो सकता। पुलिस जांच कर रही है कि संतलाल को अफीम के पौधे किसने उपलब्ध कराए और यह किसी बड़े ड्रग रैकेट का हिस्सा है। संतलाल के साथ अन्य संदिग्धों की भी तलाश की जा रही है।
कृषि कानून और अफीम की खेती
भारत में अफीम की खेती के संबंध में कड़े नियम और कानून हैं। कोई भी व्यक्ति बिना लाइसेंस के अफीम की खेती नहीं कर सकता है। यह लाइसेंस वित्त मंत्रालय द्वारा जारी किया जाता है। बिना लाइसेंस के अफीम की खेती करने पर सजा का प्रविधान है। इसके अलावा किसान को अफीम के बीज भी नारकोटिक्स विभाग से प्राप्त करने होते हैं और केवल सरकारी नियमों के तहत ही अफीम की फसल उगाने की अनुमति होती है।
भविष्य की कार्रवाई
क्राइम यूनिट और पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है। संतलाल की रिमांड के बाद पुलिस को कई नई जानकारियां मिल सकती हैं, जिससे यह स्पष्ट होगा कि इस अवैध खेती के पीछे कौन-कौन से लोग शामिल हैं। इस प्रकार की घटनाओं की रोकथाम के लिए भी पुलिस और अधिकारियों द्वारा सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है। डीसीपी क्राइम नरेंद्र कादियान ने कहा कि मामले की गहराई से पड़ताल की जा रही है। यूनिवर्सिटी प्रबंधन से भी इस संबंध में पूछताछ की जाएगी। फिलहाल आरोपित माली को रिमांड पर लिया गया है। उससे पूछताछ के बाद मामले में काफी चीजें स्पष्ट होंगी जिसके बाद आगामी कार्रवाई की जाएगी।
गंभीर चिंता का विषय
हरियाणा के सोनीपत में वर्ल्ड यूनिवर्सिटी ऑफ डिजाइन का मामला एक गंभीर चिंता का विषय है। यह केवल एक व्यक्तिगत अपराध नहीं है, बल्कि इसके पीछे एक व्यापक नेटवर्क की संभावनाएं भी हैं। अगर पुलिस इसे सही तरीके से जांचती है, तो इस मामले से जुड़े और कई राज खुल सकते हैं। अफीम की खेती को लेकर भारत में चल रही कड़ी नीति और नियमों का पालन आवश्यक है, ताकि ऐसी घटनाएं भविष्य में न हों। यह मामला न केवल विश्वविद्यालय के लिए बल्कि समाज के लिए भी एक चेतावनी है कि अवैध गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जानी चाहिए।